जब क्रिकेट के प्रति जुनून ही बन गई मौत की वजह, मैदान पर तो आए तो थे अपना पसंदीदा खेल खेलने, लेकिन उन्हें क्या पता था कि अपना पसंदीदा खेल खेलते–खेलते ही चली जाएगी उनकी जान. किसको पता था जीने की वजह ही बन जाएगी मौत की वजह ? चक दे क्रिकेट के इस अंक में आज हम आपको बताएंगे ऐसे बदनसीब क्रिकेटरों के बारे में, जिनकी जान क्रिकेट के मैदान में ही चली गई. जी हां, वो खिलाड़ी आए तो थे क्रिकेट खेलने लेकिन उनकी जान इसी खेल ने ले ली. आज हम आपको ऐसे 5 क्रिकेटरों के बारे में बताएंगे, जिनकी मौत क्रिकेट खेलते–खेलते या यूं कहें क्रिकेट के मैदान पर हो गई.
1. Philip Hughes(फिलिप ह्यूज्स)
ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज फिलिप ह्यूज्स के बारे में आपने सुना ही होगा. वो ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट और वनडे दोनों टीमों के हिस्सा थे. उन्होंने साल 2009 में, जब वो सिर्फ 20 साल के थे, अपना टेस्ट डेब्यू किया था. लेकिन इसके सिर्फ 5 सालों के बाद वो हो गया, जिसने पूरे क्रिकेट वर्ल्ड को हिला कर रख दिया. ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में शेफील्ड शील्ड मैच खेला जा रहा था, 25 नवंबर, 2014 को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज सीन एबोट की एक बाउंसर गेंद ह्यूज्स के सर पर जा लगी, जिससे वो बेहोश हो गए, और उनको कभी होश ही नहीं आया और 27 नवंबर को इस टैलेंटेड युवा क्रिकेटर ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
2. Zulfiqar Bhatti (जुल्फिकार भाटी)
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बेगम खुर्शीद मेमोरियल टी20 टूर्नामेंट खेला जा रहा था जब एक मैच के दौरान पाकिस्तान के बल्लेबाज जुल्फिकार भाटी कप पुल शॉट खेलने के दौरान सीने में गेंद लग गई. उनको तुरंत अस्पताल ले जाया गया, कुछ देर वेंटिलेशन में रहने के बाद 19 दिसंबर, 2013 को उनको मृत घोषित कर दिया गया.
3. Ian Folley(इयान फोली)
इंग्लैंड के इयान फोली, जो एक दाएं हाथ के बल्लेबाज थे लेकिन बाएँ हाथ से गेंदबाजी करते थे. आपको जानकार हैरानी होगी कि इस इंग्लिश क्रिकेटर ने शुरुआत बतौर एक मीडियम पेसर के रूप में की थी लेकिन बाद में स्पिनर बन गए.
वर्किंगटन के विरूद्ध वाइटहैवन की तरफ से बल्लेबाजी कर रहे इयान को एक बाउंसर गेंद आँखों के नीचे जा लगी. मेडिकल अधिकारी तुरंत उनको लोकल अस्पताल लेकर भागे, जिसके बाद एक छोटा सा ऑपरेशन किया गया. लेकिन अनेस्तेशिया में ही उनको हार्ट अटैक भी आ गया, जिससे उनकी जान चली गई . 30 अगस्त, 1993 को जब इयान फोली सिर्फ 30 साल के थे, हम सबको छोड़कर चले गए.
4. George Summers(जॉर्ज समर्स)
इंग्लैंड के जॉर्ज समर्स जो अपने पूरे फर्स्ट क्लास करियर में सिर्फ नॉटिंघमशायर के लिए खेले. साल 1870 में MCC के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान में जॉन प्लाट्स की एक बाउंसर गेंद उनको जा लगी. मेडिकल स्टाफ उनको उठाकर फील्ड के बाहर ले गए और लगने लगा उन्होंने रिकवर भी कर लिया वो ट्रेन से वापस नॉटिंघम भी जाने लगे लेकिन 4 दिन बाद यानी 19 जून 1870 को उस चोट ने अपना रंग दिखाया और हमेशा के लिए जॉर्ज को हमसे छीन लिया.
5. Raman Lamba (रमण लांबा)
भारतीय बल्लेबाज रमण लांबा भी उन बदनसीब क्रिकेटरों में से हैं, जिन्हें क्रिकेट के प्रति जुनून की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी. 20 फरवरी, 1998 को ढाका प्रीमियर लीग में बंगबंधु स्टेडियम में खेले जा रहे एक मैच के दौरान सर पर गेंद लगने से उनकी मौत हो गई. लेकिन लाम्बा को बल्लेबाजी करते हुए यह चोट नहीं लगी बल्कि फील्डिंग के दौरान.
दरअसल रमण लांबा के बेहतरीन फील्डर थे और इसलिए फॉरवर्ड शोर्ट लेग पर उन्हें रखा जाता था. उस दिन भी ऐसा ही हुआ, कप्तान ने उनसे हेलमेट के लिए पूछा लेकिन लाम्बा अक्सर बिना हेलमेट के ही वहां फील्डिंग करते थे और फिर ओवर में 3 गेंद हो गए थे. जब कप्तान ने उनसे हेलमेट के लिए पूछा तो उन्होंने कह दिया कि सिर्फ 3 गेंदों की ही तो बात है. मगर चौथी गेंद पर ही ऐसा हादसा हो गया, जिसने करोड़ों क्रिकेट लवर्स को सदमे में पहुंचा दिया.
मेहराब हुसैन ने बाएँ हाथ के स्पिनर सैफुल्लाह खान की गेंद पर एक जोरदार शॉट मारा, और गेंद लांबा के सर से टकराकर विकेटकीपर के हाथों में पहुंच गई. लेकिन विकेट मिलने की ख़ुशी थी कहां, वो मंजर तो गम और सदमे का हो गया. 23 फरवरी, 1998 को रमण लांबा हम सबको छोड़कर चले गए.
इंजरी तो खेल का हिस्सा है ही लेकिन ये मौत वाले इंजरी से भगवन सभी खिलाड़ियों को बचाए, हमारी ईश्वर से यही विनती है कि इस लिस्ट में और कोई नाम ना जुड़े.