aadhar card: अब साइबर कैफ़े नहीं बल्कि इस जगह पर आधार कार्ड में करवा सकेंगे सुधार
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अब साइबर कैफे से आधार कार्ड में कोई भी सुधार नहीं किया जा सकेगा। यह निर्णय साइबर धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। अब आधार कार्ड में सुधार केवल डाकघरों के माध्यम से ही किया जा सकेगा। यह बदलाव खासकर बिहार सर्किल के डाक विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के बाद किया गया, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में आधार कार्ड में गलत जानकारी भरने के मामलों की शिकायतें आई थीं। साइबर कैफे के जरिए आधार कार्ड में सुधार करने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे थे। अधिकतर मामलों में साइबर कैफे संचालक लोगों से पैसे लेकर गलत दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड में जन्म तिथि, फोटो, पता और मोबाइल नंबर जैसे विवरणों में बदलाव करवा रहे थे। इसके बाद इन गलत सूचनाओं का उपयोग साइबर ठगों द्वारा ठगी करने के लिए किया जा रहा था। ऐसे मामलों के बढ़ने के बाद, यूआईडीएआई ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
हाल ही में, डाक विभाग ने खुलासा किया कि साइबर कैफे वालों ने आधार कार्ड में सुधार करवा कर लोगों के डेटा का गलत तरीके से इस्तेमाल किया। जब इन मामलों की जांच की गई, तो यह सामने आया कि आधार कार्ड में दर्ज की गई जानकारी को बदलने के बाद, साइबर ठगों ने इसे गलत तरीकों से प्रयोग किया। खासकर साइबर ठगी के मामलों में आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल हो रहा था, जिसमें साइबर कैफे संचालकों द्वारा डेटा चुराकर ठगों के द्वारा धोखाधड़ी की जा रही थी। अब तक 65 साइबर कैफे पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है और इसके खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। पिछले एक साल में साइबर कैफे के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि यह समस्या गंभीर रूप ले चुकी थी। साइबर कैफे वाले आधार कार्ड में सुधार करवा कर उसका एक प्रति अपने पास रखते थे, जिसे बाद में गलत उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसी वजह से यूआईडीएआई ने यह कदम उठाया और यह आदेश जारी किया कि अब किसी भी तरह का आधार कार्ड सुधार केवल डाकघर के माध्यम से ही किया जा सकेगा।
इस निर्णय के बाद अब आधार कार्ड में किसी भी तरह का सुधार करवाने के लिए नागरिकों को नजदीकी डाकघर का रुख करना होगा। डाकघरों में आधार कार्ड के सुधार का प्रक्रिया पारदर्शी और नियंत्रित तरीके से की जाएगी, ताकि किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके। इसके साथ ही, यूआईडीएआई ने यह सुनिश्चित किया है कि डाक विभाग के कर्मचारियों को इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी जाएगी ताकि कोई भी धोखाधड़ी की संभावना न हो। यह कदम विशेष रूप से साइबर धोखाधड़ी से बचाव के लिए उठाया गया है, क्योंकि ऐसे मामलों में आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर लोगों के व्यक्तिगत जानकारी से धोखाधड़ी की जा रही थी। अब डाकघर के माध्यम से आधार कार्ड में सुधार की प्रक्रिया ज्यादा सुरक्षित और विश्वसनीय होगी, जिससे लोगों के निजी डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।