हिंडनबर्ग के द्वारा लगाये गए आरोप तो मामूली हैं, जेपीसी जांच से होगा मोदानी घोटालेका पूरा खुलासा कांग्रेस

पिछले साल हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप पर शेयर भाव को मैनुपुलेट करने और उसमे हेराफेरी का आरोप लगाया था. जिसके बाद अडानी ग्रुप के मार्केट कैपिटलाइजेशन में अचानक गिरावट आई थी. अडानी ग्रुप को अपना एफपीओ वापस लेना पड़ा था. वहीं इसके बाद बीते दिनों हिंडनबर्ग द्वारा सेबी प्रमुख पर शेयर के हेराफेरी को लेकर किये गए दावे ने राजनितिक गलियारे में हलचल तेज कर दी है.

 

हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप पर लगाये गए कथित आरोपों के बाद से ही कांग्रेस और पूरा विपक्ष अडानी ग्रुप पर हमलावर है. अडानी ग्रुप के सहारे कांग्रेस केंद्र सरकार को भी घेरने में लगी हुई है. जबकि, अडानी समूह ने हमेशा अपने ऊपर लगाये गए सभी आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है. वही अब इसे लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर बड़ा दाव खेल लिया है. शुक्रवार को कांग्रेस ने दावा किया है कि अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी ग्रुप पर लगाये गए आरोप तो सिर्फ ट्रेलर है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगते हुए कहा है कि अडानी समूह का देश के अलगअलग महत्वपूर्ण सेक्टर में एकाधिकार सुनिश्चित करने के लिए भारत की केंद्र सरकार द्वारा जांच एजेंसियों का दुरूपयोग किया गया है. यंहा तक कि अडानी एंटरप्राईजेज की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत की विदेश नीति के हितों के साथ समझौता किया गया. कांग्रेस का मानना है कि अडानी ग्रुप से जुड़े घोटाले का पूरा सच जेपीसी की जांच से ही सामने आ सकता है. इस पुरे मामले पर कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि अडानी ग्रुप से जुड़े सभी घोटाले की पूरी सच्चाई संयुक्त संसदीय समिति यानि कि जेपीसी की जांच से ही सामने आ सकती है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने एक पोस्ट के जरिये यह दावा किया है, कि अडानी ग्रुप पर अमेरिकी एजेंसी हिंडनबर्ग द्वारा लगाये गए आरोप तो बहुत ही मामूली हैं. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि अडानी महाघोटाले में संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग इसलिए की है ताकि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में किये गए खुलासों की जाच हो सके. ये खुलासे तो बेहद मामूली है. जेपीसी जांच से पूरा सच सामने आएगा. जयराम रमेश का कहना है कि अडानी समूह से जुडी अनियमितताएं और गलत कार्य राजनितिक अर्थव्यवस्था के हर पहलू से संबंधित हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारी “100 सवालों की शृंखला हम अडानी के हैं कौनमें हमने इन्हें उजागर किया था.

इसके अलावा कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि हवाई अड्डा, बंदरगाह, सीमेंट और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अडानी का प्रभुत्व बढ़ाने और सुनिश्चित करने के लिए भारत की जांच एजेंसियों का दुरूपयोग किया गया. जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में आगे केंद्र सरकार को भी निशाने पर लेते हुए लिखा कि भारत की प्रतिष्ठा को ताक पर रखकर पड़ोस में अडानी एंटरप्राईजेज की जरूरतों के लिए भारत की विदेश नीति के हितों के साथ भी समझौता किया गया. कांग्रेस महा सचिव ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इजराइल के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को एक ही कंपनी अडानी ग्रुप को सौंप दिया गया. इसके अलावा कोयला और बिजली उपकरणों के बिल में बढ़ोतरी की गयी, जिससे न केवल मनी लौन्डरिंग और बेतहाशा मुनाफे को बढ़ावा मिला, बल्कि आम लोगों के बिजली के बिलों में बढ़ोतरी हुई.

कांग्रेस महासचिव का कहना है कि इन मामलों का जिक्र हिंडनबर्ग के रिपोर्ट में नहीं है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि हिंडनबर्ग के आरोप कैपिटल मार्केट से संबंधित मामलों तक ही सीमित है और उनके आरोप स्टॉक हेरफेर, एकाउंटिंग धोखाधड़ी तथा नियामक एजेंसियों में हितों के टकराव से जुड़े हैं. और ये आरोप तो मामूली आरोप हैं. उनका कहना है कि मोदानी महाघोटाले की पूरी तरह जांच और उसके बड़े घोटालों का खुलासा सिर्फ जेपीसी द्वारा ही किया जा सकता है. जेपीसी ही इस पुरे मामले के तह तक जा कर इस महाघोटाले का खुलासा कर सकती है.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *