Advocate Black Coat: क्या आपने कभी सोचा है कि वकील हमेशा काले कोट में क्यों नजर आते हैं, और डॉक्टर सफेद कोट क्यों पहनते हैं? क्या ये सिर्फ फैशन है, या इसके पीछे कोई गहरा राज़ छिपा है? आज हम आपको लेकर चलेंगे एक ऐसे दिलचस्प सफर पर, जहां हम जानेंगे इन दो प्रोफेशनल ड्रेस कोड्स के पीछे की सोच, इतिहास और उनका सामाजिक प्रभाव।

 

वकील काला कोट क्यों पहनते हैं?

जब भी हम किसी कोर्टरूम की कल्पना करते हैं, तो उसमें एक गंभीरसा चेहरा, हाथ में फाइल और तन पर काले कोट वाला वकील नजर आता है। लेकिन सवाल यह है कि काला ही क्यों?

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काले रंग को हमेशा से गंभीरता, शक्ति और सम्मान का प्रतीक माना गया है। यह रंग सीधेसीधे उस न्याय व्यवस्था को दर्शाता है, जहां निष्पक्षता और ईमानदारी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।

इस परंपरा की शुरुआत हुई थी 17वीं सदी में, जब ब्रिटेन के राजा चार्ल्स द्वितीय की मृत्यु के बाद, वहां के वकीलों और न्यायाधीशों ने शोक के प्रतीक के रूप में काले कपड़े पहनने शुरू किए। धीरेधीरे यह रिवाज बन गया और आज भी पूरी दुनिया में अदालतों में यही परंपरा निभाई जाती है।

वकील जब काले कोट में कोर्ट में दाखिल होते हैं, तो वो सिर्फ कपड़े नहीं पहनते, वो अपने पेशे की जिम्मेदारी, सख्ती और ईमानदारी को भी अपने साथ लेकर चलते हैं।

और हाँ, एक प्रैक्टिकल कारण भी है—काले रंग पर दागधब्बे जल्दी नजर नहीं आते, जिससे वकील हमेशा प्रोफेशनल दिखते हैं। ये उनके व्यक्तित्व को भी सख्त और अनुशासित बनाता है।

 

सेगमेंट 2: डॉक्टर सफेद कोट क्यों पहनते हैं?

अब बात करते हैं हमारे जीवन रक्षक डॉक्टरों की। सफेद कोट पहनने वाले ये लोग न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि भरोसे का प्रतीक भी बन चुके हैं।

सफेद रंग को हमेशा से शुद्धता, साफसफाई और विश्वास का प्रतीक माना गया है। 19वीं सदी में जब चिकित्सा विज्ञान में सुधार हुआ और स्वच्छता पर जोर दिया गया, तब से डॉक्टरों ने सफेद कोट पहनना शुरू किया।

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सफेद कोट की एक बड़ी खासियत ये है कि इस पर अगर कोई दाग लगे, तो वो तुरंत नजर आता है। इसका मतलब है डॉक्टर को हर समय साफसुथरा रहना होगा। यही बात मरीजों को ये विश्वास देती है कि उनका इलाज सुरक्षित हाथों में है।

जब कोई बीमार इंसान एक सफेद कोट पहने डॉक्टर को देखता है, तो उसे मानसिक रूप से शांति और सुरक्षा का एहसास होता है।

सफेद कोट सिर्फ एक ड्रेस नहीं, बल्कि एक ‘साइकोलॉजिकल टूल’ भी है, जो मरीज के मन में डॉक्टर के प्रति विश्वास पैदा करता है।

इतना ही नहीं, ये कोट डॉक्टर को खुद भी बारबार ये याद दिलाता है कि वो एक जिम्मेदार और भरोसेमंद प्रोफेशन का हिस्सा हैं।

तो अगली बार जब आप कोर्ट में किसी वकील को काले कोट में देखें, या अस्पताल में किसी डॉक्टर को सफेद कोट में देखें, तो बस यह मत सोचिए कि ये सिर्फ कपड़े हैं।

ये कोट एक सोच, एक इतिहास और एक जिम्मेदारी का प्रतीक हैं। काला कोट जहां न्याय की गंभीरता और निष्पक्षता को दर्शाता है, वहीं सफेद कोट जीवन, विश्वास और शुद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।

ये दोनों ड्रेस कोड हमें यह सिखाते हैं कि किसी भी प्रोफेशन में कपड़े सिर्फ पहनावे के लिए नहीं होते, बल्कि वो उस पेशे की गरिमा और जिम्मेदारी को भी दर्शाते हैं।

 

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