Best Mobile Insurance: आजकल हर कोई अपने स्मार्टफोन पर निर्भर है — चाहे वह बैंकिंग का काम हो, ऑफिस की मीटिंग्स हों या फिर सोशल मीडिया। लेकिन अगर यही फोन खो जाए या अचानक खराब हो जाए, तो परेशानी बढ़ जाती है। खासकर जब आपने 30,000, 50,000 या लाख रुपये तक का फोन खरीदा हो, तो उसका नुकसान झेलना आसान नहीं होता। ऐसे में जिस तरह हम हेल्थ इंश्योरेंस या कार इंश्योरेंस कराते हैं, वैसे ही अब स्मार्टफोन इंश्योरेंस भी करवाना एक समझदारी भरा कदम है। बहुत कम लोग जानते हैं कि आप अपने फोन को चोरी, टूट–फूट या पानी से खराब होने जैसी स्थितियों से बचाने के लिए पहले से इंश्योरेंस करवा सकते हैं। इससे अगर फोन के साथ कोई दुर्घटना होती है, तो आपको नए फोन की कीमत जितना नुकसान नहीं झेलना पड़ता। अब सवाल उठता है कि आखिर यह मोबाइल इंश्योरेंस कैसे करवाया जा सकता है और इसमें कितना खर्च आता है?

जब भी आप नया फोन खरीदते हैं, उसी वक्त आपको मोबाइल इंश्योरेंस लेने का मौका दिया जाता है। ज़्यादातर कंपनियां फोन खरीदने के 5 दिन के अंदर इंश्योरेंस करवाने की सुविधा देती हैं। अगर आप चाहें, तो फोन के साथ ही ब्रांड द्वारा दी जाने वाली एक साल की वॉरंटी के साथ एक्सीडेंटल इंश्योरेंस भी ऐड कर सकते हैं। कई कंपनियां अब एक्सटेंडेड वारंटी या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी ऑफर करती हैं, जिससे आप अपने फोन को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। फोन इंश्योरेंस आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से ले सकते हैं। ऑनलाइन इंश्योरेंस लेना बहुत आसान है — आपको बस किसी भरोसेमंद इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर जाकर एक उपयुक्त प्लान चुनना होता है। इसके बाद आपको एक छोटा–सा फॉर्म भरना होता है, जिसमें फोन का मॉडल, खरीद की तारीख, बिल नंबर और आपकी जानकारी देनी होती है। पेमेंट करते ही आपका फोन कुछ ही मिनटों में इंश्योर हो जाता है और पॉलिसी ईमेल पर भेज दी जाती है।

अब बात करें खर्च की — तो मोबाइल इंश्योरेंस की कीमत फोन के वैल्यू पर निर्भर करती है। अगर आपने एक बजट फोन खरीदा है तो इंश्योरेंस चार्ज ₹300 से ₹600 तक हो सकता है। वहीं, अगर आपका फोन प्रीमियम कैटेगरी में आता है जैसे iPhone, Samsung Galaxy Ultra या OnePlus Flagship, तो इंश्योरेंस की कीमत ₹1000 से ₹3000 तक हो सकती है। इसलिए कोई भी प्लान लेने से पहले अलग–अलग कंपनियों के ऑफर को कंपेयर करना बेहद जरूरी है ताकि आपको कम खर्च में ज्यादा कवरेज मिले।
अब जानते हैं कि मोबाइल इंश्योरेंस क्लेम कब किया जा सकता है। अगर आपके फोन की स्क्रीन टूट जाती है, पानी से खराब हो जाता है, या किसी कारण से चार्जिंग पोर्ट, टच या कैमरा काम करना बंद कर देता है, तो आप क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा अगर फोन घर या बाहर से चोरी हो जाए, या गलती से गाड़ी के नीचे आकर टूट जाए, तब भी आप इंश्योरेंस का फायदा ले सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर डिवाइस में कोई इंटीरियर या एक्सटीरियर फॉल्ट आ जाता है, तो भी पॉलिसी के नियमों के अनुसार कंपनी आपको रिप्लेसमेंट या रिपेयर की सुविधा देती है।

संक्षेप में कहें तो स्मार्टफोन इंश्योरेंस अब सिर्फ एक लक्ज़री नहीं बल्कि एक ज़रूरत बन चुका है। खासकर तब, जब एक फोन हमारी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों ज़िंदगी से जुड़ा होता है। इसलिए अगली बार जब आप नया फोन खरीदें, तो सिर्फ बैक कवर या टेम्पर्ड ग्लास लगाने तक सीमित न रहें — बल्कि फोन का इंश्योरेंस करवाना न भूलें। यह छोटा–सा निवेश किसी बड़े नुकसान से आपको बचा सकता है।
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