भाई दूज के दिन भाईबहन भूल कर भी न करें ये गलतियाँ वरना रिश्तों में पड़ सकती है खटास!

bhai dooj: भाई दूज का पर्व सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व भाईबहन के रिश्ते को मजबूत बनाने का अवसर है। इस दिन बहनें यमराज की पूजा करती हैं ताकि उनके भाई की उम्र लंबी हो और वे जीवन में सफल हों। पूजा के दौरान बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं। भाई भी इस अवसर पर बहनों को उपहार देकर उनकी आस्था का सम्मान करते हैं। इस बार भाई दूज का त्योहार 3 नवम्बर को मनाया जा रहा है. इसका मुहूर्त अपराह्न में ब्रह्म मुहूर्त, विजय मुहूर्त और गोधुली मुहूर्त है. 3 नवम्बर को आप इन मुहूर्तों और सुविधाओं के अनुसार इसे मना सकते हैं. 3 नवम्बर को अपराह्न मुहूर्त की बात करें, तो यह दोपहर 1:10 बजे से 3:22 मिनट तक है. ब्रम्ह मुहूर्त सुबह 4:51 बजे से 5:43 मिनट तक है. विजय मुहूर्त दोपहर 1:54 बजे से 2 बजकर 38 मिनट तक है. गोधुली मुहूर्त शाम के 5:34 बजे से शाम के 6 बजे तक है.

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हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक भाई दूज का त्यौहार भाईबहन के बीच के रिश्ते की मिठास को बढ़ाता है. लेकिन इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरुरी है ताकि रिश्तों में खटास न आए। अक्सर भाईबहनों में प्यार और लड़ाई झगड़े तो चलते हीं रहते हैं. लेकिन इस दिन, भाईबहन को आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से रिश्ते में दूरियां आ सकती हैं। इसलिए, इस दिन सामंजस्य बनाए रखना बहुत जरूरी है।

तामसिक चीजों का सेवन भी इस दिन वर्जित माना गया है। तामसिक भोजन, जैसे मांस, शराब आदि, भाई दूज के पवित्रता को कम कर सकते हैं। इस दिन बहन को तिलक करने से पहले अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। बहन को भाई का तिलक करने से पहले व्रत रखना चाहिए, जिससे उनके रिश्ते में मजबूती आती है। भाई दूज के तिलक के दौरान दिशा का ध्यान भी रखना चाहिए। भाई का मुख उत्तर या उत्तरपश्चिम दिशा में होना चाहिए, जबकि बहनें पूर्व या उत्तरपूर्व दिशा में बैठें। इस दिशा का ध्यान रखने से पूजा का प्रभाव बढ़ता है और रिश्तों में सुखशांति बनी रहती है।

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इस पर्व पर भाइयों को अपनी बहन को उपहार देना भी जरुरी है। बहन को भाई द्वारा दिए गए उपहार का निरादर नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह भाईबहन के बीच प्यार और सम्मान का प्रतीक होता है। अगर बहन उपहार को लेकर अनादर करती है, तो इससे भाई का दिल टूट सकता है और रिश्ते में तनाव आ सकता है। भाई दूज का पर्व न केवल एक पारिवारिक उत्सव है, बल्कि यह भाईबहन के बीच की अनूठी बंधन को भी दर्शाता है। इस दिन की पूजा और रिवाजों का पालन करके, भाई और बहन अपने रिश्ते को और भी मजबूत बना सकते हैं। इस प्रकार, भाई दूज पर ध्यान देने योग्य ये बातें हैं, जो न केवल इस पर्व की धार्मिकता को बनाए रखती हैं, बल्कि भाईबहन के रिश्ते को भी निखारती हैं। इस दिन को खास बनाने के लिए इन गलतियों से जरुर बचें.

हमने जो भी जानकारी दी, वह हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक थी, सटीक और स्पष्ट जानकारी के लिए आप सम्बंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं.

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