bihar academic calendar: बिहार में 2024 के मुकाबले 2025 में मिलेंगी इतनी ज्यादा छुट्टियाँ, कैलेंडर हुआ जारी

नीतीश सरकार ने बिहार के सरकारी कर्मचारियों के लिए 2025 का अवकाश कैलेंडर जारी कर दिया है, जिसमें कुल 40 छुट्टियां घोषित की गई हैं। यह संख्या 2024 के मुकाबले चार ज्यादा है, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी हो सकती है। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए राहत की तरह साबित होगा, क्योंकि अब वे ज्यादा समय तक अपने परिवार और व्यक्तिगत कार्यों के लिए समय निकाल पाएंगे

2025 का अवकाश कैलेंडर इस प्रकार से विभाजित किया गया है:

सामान्य अवकाश: 16 छुट्टियां
यह वे छुट्टियां हैं जो सामान्य रूप से सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य होती हैं। इनमें प्रमुख धार्मिक और राष्ट्रीय त्योहारों की छुट्टियां शामिल हैं। उदाहरण के लिए, गुरु गोविंद सिंह जयंती, बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि, महावीर जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, स्वतंत्रता दिवस, दुर्गा पूजा, और दीपावली जैसी महत्वपूर्ण छुट्टियां इसमें शामिल हैं। इस बार 2025 में इन छुट्टियों की संख्या 16 रखी गई है, जो 2024 के मुकाबले एक ज्यादा हैं।

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सार्वजनिक अवकाश (NI एक्ट के तहत): 21 छुट्टियां
इन छुट्टियों में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सार्वजनिक अवकाश शामिल होते हैं। इस श्रेणी में 2025 में कुल 21 छुट्टियां दी गई हैं। ये अवकाश सरकारी कर्मचारियों के लिए निश्चित होते हैं, जिनका पालन पूरे राज्य में किया जाता है।

ऐच्छिक अवकाश: 22 विकल्पों में से 3 छुट्टियां चुनने की सुविधा
सरकारी कर्मचारियों को अपनी पसंद के अनुसार छुट्टियां चुनने का अवसर दिया गया है। वे 22 विकल्पों में से 3 छुट्टियां चुन सकते हैं। इसमें नव वर्ष, मकर संक्रांति, कर्पूरी ठाकुर जयंती, होलिका दहन, ईदउलफित्र, रक्षा बंधन, हरितालिका तीज, जयप्रकाश नारायण जयंती, और डॉ. राजेंद्र प्रसाद जयंती जैसी छुट्टियां शामिल हैं। इस सुविधा से कर्मचारियों को अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और पसंद के अनुसार छुट्टियां लेने का अवसर मिलेगा।

विशेष छुट्टियां: 1 अप्रैल को वार्षिक लेखाबंदी
इस वर्ष, एक विशेष छुट्टी भी जोड़ी गई है, जो 1 अप्रैल को वार्षिक लेखाबंदी के रूप में दी गई है। यह छुट्टी उन कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण होगी, जो लेखांकन और वित्तीय कार्यों से जुड़े हैं।

महत्वपूर्ण सामान्य अवकाश

गुरु गोविंद सिंह जयंती: 6 जनवरी और 27 दिसंबर (दो दिन), बसंत पंचमी: 3 फरवरी, संत रविदास जयंती: 12 फरवरी, शबबरात: 14 फरवरी, महाशिवरात्रि: 26 फरवरी, सम्राट अशोक अष्टमी: 5 अप्रैल, महावीर जयंती: 10 अप्रैल, वीर कुंवर सिंह जयंती: 23 अप्रैल, बुद्ध पूर्णिमा: 12 मई, चेहल्लुम: 15 अगस्त, दुर्गा पूजा: 29 सितंबर, चित्रगुप्त पूजा: 23 अक्टूबर, सार्वजनिक अवकाश (NI एक्ट के तहत), गणतंत्र दिवस: 26 जनवरी, होली: 14-15 मार्च, बिहार दिवस: 22 मार्च, ईद: 31 मार्च, रामनवमी: 6 अप्रैल, गुड फ्राइडे: 18 अप्रैल, स्वतंत्रता दिवस: 15 अगस्त, दुर्गा पूजा: 30 सितंबर-1 अक्टूबर, दीपावली: 22 अक्टूबर, छठ पूजा: 27-28 अक्टूबर, क्रिसमस: 25 दिसंबर

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ऐच्छिक अवकाश के विकल्प

सरकार ने कर्मचारियों को अपनी पसंद के अनुसार 3 छुट्टियां चुनने का अवसर दिया है।

नव वर्ष: 1 जनवरी, मकर संक्रांति: 14 जनवरी, कर्पूरी ठाकुर जयंती: 24 जनवरी, होलिका दहन: 13 मार्च, रमजान का अंतिम जुमा: 28 मार्च, ईदउलफित्र: 1 अप्रैल, रक्षा बंधन: 9 अगस्त, हरितालिका तीज: 26 अगस्त, जयप्रकाश नारायण जयंती: 11 अक्टूबर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जयंती: 3 दिसंबर

2024 और 2025 के अवकाश कैलेंडर में अंतर
2024 के अवकाश कैलेंडर में कुल 36 छुट्टियां थीं, जबकि 2025 में यह संख्या बढ़कर 40 हो गई है। 2024 में सामान्य अवकाश की संख्या 15 थी, जो 2025 में बढ़कर 16 हो गई है। सार्वजनिक अवकाश 2024 में 17 थे, जबकि 2025 में 21 हो गए हैं। ऐच्छिक छुट्टियों के विकल्प भी बढ़ाए गए हैं, 2024 में कर्मचारियों को 20 विकल्पों में से 3 छुट्टियां चुनने का अवसर था, जबकि 2025 में यह संख्या 22 विकल्पों तक पहुंच गई है। इस प्रकार, कर्मचारियों को अधिक छुट्टियां और विकल्प मिलने से उनका कार्य जीवन संतुलित और सुखमय होगा।

सरकारी कर्मचारियों के लिए यह कैलेंडर राहत देने वाला
नीतीश सरकार का यह कदम कर्मचारियों के लिए बहुत ही राहतकारी है। अब वे अधिक छुट्टियों का आनंद ले सकेंगे, जिससे उन्हें अपने परिवार और व्यक्तिगत कार्यों के लिए अधिक समय मिल सकेगा। इससे कर्मचारियों को त्योहारों और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों को बेहतर तरीके से मनाने का मौका मिलेगा। यह बदलाव कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यक्षमता में भी सुधार लाने में मदद करेगा।

इस तरह से सरकार ने कर्मचारियों के लिए इस कैलेंडर के माध्यम से और भी अधिक राहत देने का प्रयास किया है, ताकि वे अपनी जिंदगी में संतुलन बनाए रख सकें और काम के साथसाथ निजी जीवन का भी आनंद ले सकें।

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