Bihar Electricity Department: बिजली विभाग की ओर से बड़ी राहत, बिल नहीं भरने पर भी नहीं देना होगा लेट फाइन

नहीं देना होगा लेट फाइन

Bihar Electricity Department: जैसा कि सभी जानते हैं कि बिहार के सभी जिलों में बिजली विभाग (Electricity Department) द्वारा स्मार्ट मीटर (smart meter) लगाये जा रहे हैं. हालांकि, स्मार्ट मीटर लगाये जाने से कई लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं और साथ ही स्मार्ट मीटर को लगाने से मना भी कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर सरकार द्वारा कार्रवाई भी की जा रही है. इन तमाम मसलों के बीच राज्य के सभी स्मार्ट मीटर उपभोक्ता को बिजली विभाग ने एक बड़ी राहत दी है. दरअसल, अब से स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को बिजली का बिल नहीं भरने पर लेट फाइन नहीं देना होगा. बिजली बिल से लेट फाइन यानी डीपीएस को हटा दिया जाएगा. बिजली विभाग द्वारा इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है. बिहार विद्युत् विनियामक आयोग में इसके लिए बिजली विभाग ने एक याचिका दायर की है. आयोग के तरफ़ से फ़ैसला आते ही बिजली कम्पनी द्वारा बिजली बिल से डीपीएस को हटा दिया जाएगा. ग़ौर करने वाली बात यह है कि डीपीएस को हटाने का निर्णय सिर्फ़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं पर ही लागू होगा.

1.50 फ़ीसदी वसूली जाती है डीपीएस

बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व के वर्षों में विनियामक आयोग की ओर से जारी किये आदेश के मुताबिक उपभोक्ताओं से डेढ़ फ़ीसदी डीपीएस वसूली जाती है. जब कोई उपभोक्ता बिजली कंपनी की ओर से तय किये गए तारीख़ पर बिजली के बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो इस राशि की वसूली की जाती है. बता दें कि बिजली बिल जमा नहीं करने पर हर महीने यह राशि बढ़ती चली जाती है. बिहार में हर जगह स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जा रहे हैं. चूंकि, उपभोक्ता पहले से ही स्मार्ट मीटर में राशि को जमा करते हैं. इसलिए निर्धारित समय पर बिल के भुगतान का नियम अब बेमतलब हो चुका है. बिजली कंपनी द्वारा वसूले जा रहे डीपीएस को कानूनी रूप से हटाया जाना ज़रूरी हो गया है. इसको लेकर बिजली कंपनी ने सप्लाई कोड में बदलाव संसोधन करने के लिए विनियामक आयोग के सामने याचिका दायर की है. विनियामक आयोग इस पर सुनवाई कर रही है. जल ही आयोग के तरफ़ से इस मुद्दे पर फ़ैसला भी आ जाएगा.

बैंक देती है अधिक ब्याज़

स्मार्ट मीटर में पहले से ही बिजली बिल का भुगतान करना होता है. ऐसे में लेट फाइन कोई मायने ही नहीं रखता है. इसी कारणवश बिजली कंपनी ने इसे हटाने का निर्णय लिया है. बता दें कि अगर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ता एडवांस राशि देते हैं तो बैंक उन्हें अधिक ब्याज़ भी प्रदान करती है. इसके लिए उपभोक्ताओं को 2000 की न्यूनतम राशि अपने अकाउंट में रखना अनिवार्य है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर में तीन महीने तक रोज़ाना न्यूनतम दो हज़ार की राशि रखने पर उपभोक्ताओं को 6.75 ब्याज़ की प्राप्ति हो रही है. लगातार तीन महीने से लेकर छह महीने तक दो हज़ार से अधिक बैलेंस रहने पर उपभोक्ताओं को ब्याज़ दर से 0.25 अतिरिक्त ब्याज़ मिल रहा है.

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