Bihar Government School: शिक्षा विभाग का नया आदेश, स्कूलों में माइक या कैमरा ले जाने वालों पर होगी कार्रवाई

शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

Bihar Government School: बिहार (Bihar) में शिक्षा विभाग (education department) ने एक सख़्त आदेश जारी कर दिया है. शिक्षा विभाग के द्वारा यह आदेश शिक्षकों की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल की वजह से जारी किया गया है. असल में, राज्य के सरकारी स्कूलों से कई ऐसे विडियो वायरल होते हैं जिसमें कि बच्चों और शिक्षकों से उल्टेपुल्टे सवाल पूछे जाते हैं और ऐसे सवालों का जवाब नहीं दे पाने पर शिक्षकों और बच्चों के शैक्षणिक स्तर पर लोगों की कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. हाथ में कैमरा और माइक थामे क्लासरूम में प्रवेश करने वाले लोगों से शिक्षकों और बच्चों के शैक्षणिक माहौल में गड़बड़ी आती है. स्कूल परिसर में इस तरह की गतिविधियों से बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इससे राज्य के शिक्षा विभाग पर हर्फ़ लगता है. इस तरह के मसलों के निपटारे के लिए राज्य के शिक्षा विभाग ने कड़े आदेश जारी किये है. साथ ही, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को मर्यादित तरीक़े से पेश आने की भी सख़्त हिदायत दी है. अब सरकारी स्कूलों में लोगों के अनधिकृत प्रवेश पर शिक्षा विभाग द्वारा रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है.

अनधिकृत प्रवेश पर लगेगा रोक

अक्सर यह देखने को मिलता है कि बगैर किसी विभागीय आदेश को प्राप्त किये कई संस्था के प्रतिनिधि अलगअलग मकसद से सीधा स्कूल के प्रांगण में पहुंच जाते हैं, जिससे कि शैक्षणिक कार्यों में उथलपुथल मच जाती है. सरकारी स्कूलों में लोगों के अनधिकृत प्रवेश और हाथ में माइक व कैमरा के होने से छात्रछात्राओं और शिक्षकों को सुरक्षा के अलावा भी कई और तरह की समस्याओं को झेलना पड़ता है. इस तरह की गतिविधि स्कूलों में नियमित रूप से हो रहे पठनपाठन को भी बाधित कर सकते हैं. बीते मंगलवार यानी कि 15 अक्टूबर को शिक्षा विभाग के निदेशक प्रशासन सह अपर सचिव ने इस विषय में निर्णय ले लिया है. निदेशक प्रशासन के द्वारा जारी किये गए आदेश में स्पष्ट रूप से यह बात शामिल है कि बगैर किसी विभागीय आदेश के किसी भी संस्था के प्रतिनिधि जो विभिन्न मकसदों से हलचल मचाने के लिए स्कूल परिसर में माइक और कैमरा लेकर धमक पड़ते हैं, तो उनके खिलाफ़ अब से कार्रवाई हो सकती है.

प्रधानाध्यापक होंगे अधिकृत

शिक्षा विभाग के सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने अपने निर्देश में साफ़ शब्दों में कह दिया है कि इस तरह की गतिविधियां स्कूल परिसर में बच्चों को सीखने और ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता पर बुरा प्रभाव डालती है. इस तरह का हस्तक्षेप स्कूल परिसर में अब नहीं होना चाहिए. यहां तक कि शिक्षकों को भी प्रेस से ब्रीफ करने की मनाही होगी. यदि ऐसी कोई परिस्थिति आती है तो स्कूल के प्रधानाध्यापक की अनुमति के बाद ही कोई मीडिया कर्मी माइक और कैमरा के साथ क्लासरूम में प्रवेश कर सकता है और केवल प्रधानाध्यापक ही प्रेस ब्रीफिंग के लिए अधिकृत माने जायेंगे. इस आदेश से स्कूल की सुरक्षा बरक़रार रहेगी और साथ में, बच्चों के शैक्षणिक गतिविधियों और पठनपाठन पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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