बिहार में काम नहीं करने वाले सेवकों को हटाने की कार्यवाही शुरू की गई है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने गाइड लाइन जारी किया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार किसी सरकारी सेवक को जिसने अपनी प्रथम नियुक्ति की तारीख से 21 वर्ष और कुल सेवा का 25 वर्ष पूरे किए हैं उन्हें सेवानिवृत्त करा सकती है.
बताया जा रहा है कि वैसे लोगों को सेवा मुक्त किया जा सकता है जिनकी आयु 50 वर्ष हो गई है या फिर उन्होंने 30 वर्ष तक नौकरी कर लिया हो. इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि जिस किभी भी कर्मचारी की सेवा समाप्त करने की बात कही जा रही है. उन्हें 3 माह पूर्व सूचना दे दी जाएगी या फिर उन्हें तीन महीने का वेतन दिया जाएगा.
सरकारी सेवको के कार्यकलाप को लेकर राज्य सरकार ने समीक्षा के लिए प्रक्रिया निर्धारित की है. सरकार ने वर्ग के से लेकर ग के कर्मियों के संदर्भ में समीक्षा के लिए समिति का गठन किया है. समूह क के लिए अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव या सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी. समूह ख के लिए अपर सचिव या संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी. वहीं समूह ग के लिए संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी.
आदेश में कहा गया है कि जिन कर्मियों का उम्र जुलाई से दिसंबर माह में 50 वर्ष से ज्यादा होने वाली हो उनके मामलों की समीक्षा समिति के द्वारा उसी वर्ष जून माह में की जाए. जिन कर्मियों का उम्र किसी वर्ष जनवरी से जून माह में 50 वर्ष से ज्यादा होने वाली हो उनके मामलों की समीक्षा समिति के द्वारा पिछले वर्ष के दिसंबर माह में की जाए. सरकारी सेवकों के लिए गठित कमेटी संबंधित कर्मी की सत्य निष्ठा संदिग्ध होने की स्थिति में अनिवार्य सेवानिवृति की अनुशंसा करेगी. सरकारी सेवक की कार्य दक्षता अगर सेवा में बनाये रखने की नही हो तो उसे अनिवार्य सेवानिवृति की अनुशंसा की जाएगी. समय-समय पर न्यायलय के निर्णयों के भी संज्ञान लिया जाएगा,जिसके आधार पर कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृति दी जाएगी. इसके अलावे भी कई अन्य बिंदुओं पर समीक्षा होगी उसके आधार पर जबरन रिटायरमेंट दिया जाएगा.
स्त्रोतः-https://news4nation.com/news/bihar-sarkar-ka-bada-farman-112012