आज हम आप से बात करेंगे एक ऐसे बिहारी अभिनेता की जिसने हॉलीवुड में अपना नाम रौशन किया है. बिहार से कोस्टा रिका तक का सफ़र तय करने वाले इस अभिनेता ने बॉलीवुड तो बॉलीवुड हॉलीवुड में भी बिहार का मान बढ़ाया है. बिहार की धरती ने बॉलीवुड को भी बहुत बड़े नाम दिए है, जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनायी है और नए मुक़ाम को हासिल किया है आज इसी कड़ी में हम आपसे एक ऐसे हीरो को बात करेंगे जिन्होंने बॉलीवुड की फिल्मो में अपने अभिनय का प्रदर्शन तो किया ही है बॉलीवुड के नकारे जाने के बावजूद भी उन्होंने हार नही मानी बल्कि हॉलीवुड में भी बिहार का मान और अपना नाम बनाया है जी हाँ आज हम बात प्रभाकर शरण की. प्रभाकर शरण का जन्म बिहार के मोतिहारी जिले में साल 1980 में हुआ था.
उन्होंने अपनी पढ़ाई और अभिनय करियर के लिए कोस्टा रिका का रुख किया था इसके लिए उन्होंने मध्य अमेरिका छोड़ दिया था स्पेनिश भाषा के साथ उनका संघर्ष, उनकी दिन और रात की कड़ी मेहनत और भारत और भारतीय संस्कृति के प्रति उनके मजबूत प्रेम ने उन्हें मध्य अमेरिका में भारत को बढ़ावा देने के लिए बॉलीवुड फिल्मों और सामाजिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए प्रेरित करता रहा जिसके कारण ही वह उस विश्वविद्यालय का बोर्ड सदस्य बन गया जहाँ वह अध्ययन करने गए हुए थे आपकी जानकारी के लिए आपको बता दे वह मध्य अमेरिका में हिंदी फिल्मों की शुरुआत करने वाले पहले व्यक्ति हैं, उन्होंने लाइव शो भी किए और पहली बार 2017-2018 एनरेडाडोस ला कन्फ्यूजन में सबसे पहले भारतीय लेटिन एएमआरआईसीएएन MOVIE किया, जो काफी सफल भी हुआ था ईद फिल्म को लेकर प्रभाकर शरण ने बताया था कि यह फिल्म पहली बॉलीवुड स्टाइल हॉलीवुड फिल्म थी जिसके लिए अक्षय कुमार अभिनीत खिलाड़ी 786 के निर्देशक अशिश् शरमन शादी में ज़रूर आना के dop थे वो भी पहुंचे थे उनकी यह फिल्म साल 2018 में सबसे ज़्यादा देखि जाने वाली फिल्म बनकर उबरी थी. जिसके बाद ही प्रभाकर स्पैनिश फीचर फिल्म में मुख्य और प्रत्यक्ष अभिनय करने वाले पहले भारतीय बन गए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ डेब्यू निर्देशक, संयुक्त राज्य अमेरिका में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों और सरकारी संगठनों के साथ कई पुरस्कारो से भी सम्मानित किया जा चूका है
प्रभाकर शरण को अभिनेता बनने के उनके सपने ने उन्हें संघर्ष, अस्तित्व और सफलता की यात्रा दी है, जो न केवल कोस्टा रिका, बल्कि पूरे मध्य अमेरिका और भारत के लिए प्रेरणा बन गई है। वह एक लैटिन अमेरिकी फिल्म में प्रदर्शित होने वाले पहले भारतीय अभिनेता हैं प्रभाकर 2000 में यूनिवर्सिटेड पैनामेरिकाना में एक छात्र के रूप में कोस्टा रिका में उतरे और वर्ष 2018 में विश्वविद्यालय के अध्यक्ष बने। उन्होंने मूवी वितरण, उत्पादन और विभिन्न व्यवसायों की एक श्रृंखला की भी शुरुआत की थी.
हालांकि मोतिहारी से निकलकर हॉलीवुड पहुँचने का उनका सफर आसान नहीं था उनके इस सफर में कई बाधाएं भी आई स्ट्रगल से हालांकि प्रभाकर घबराये नहीं बल्कि उन्होंने अपनी हार को अपना दोस्त बना लिया और यही कारण है कि उन्होंने अपने मेहनत से इस मुकाम तक पहुँचने में कामयाब रहे शुरूआती समय में उन्होंने विदेश जाकर कड़ी मेहनत की. हालांकि हॉलीवुड में जाने से पहले उन्होंने बॉलीवुड में भी अपनी किस्मत आज़माई कई बार उन्होंने मुंबई जाकर ऑडिशन भी दिया लेकिन किसमत को कुछ और ही मंज़ूर था बॉलीवुड में मिली नाकामी के बाद ही उन्होंने लैटिन अमेरिका जा कर अपनी किस्मत आजमाने का फैसला लिया. तभी पढ़ाई के साथ साथ करियर के लिए निकल पड़े. शुरूआती समय की बात करे तो उन्हें हरियाणा में रहने के दौरान बाजरे की रोटी और साग खाने की आदत हो गयी थी लेकिन वहा उन्हें रोटी तक नहीं नसीब होती थी आर्थिक तंगी से परेशान होकर प्रभाकर ने भारत की मिटटी को बेचने का काम शुरू किया वो हरियाणा से 100 रूपए की मिटटी ले जाकर 1000 रुपय में बेचने का काम करते थे इतना ही नहीं पैसे की मांग को देखते हुए ही उन्होंने बाद में कोस्टा रिका में कपडे का स्टोर शुरू किया और रेस्टोरेंट में काम करना शुरू कर दिया. जब उनका यह काम ठीकठाक सेटल हो गया तब उन्होंने एक बार फिर से अभिनय की दुनिया में कदम रखने का मन बनाया वो कैसे भी करके बॉलीवुड से जुड़े रहने चाहते थे और यही कारण है कि उन्होंने बॉलीवुड से राइट्स खरीदना शुरू किया. इस बाबत प्रभाकर ने बताया कि उन्होंने पहली बॉलीवुड फिल्म coasta रिका में रिलीज़ करवाई हालांकि उन्हें शुरुआत में इससे कोई फायदा नहीं हुआ बल्कि नुक्सान ही झेलना पड़ा. फिल्म में लगाया हुआ पैसा डूब गया जिसके बाद प्रभाकर के जीवन में फिल्म का भूत सवार हुआ हालांकि उनके पैसे डूबने के कारण उनकी माली हालत काफी ज्यादा खराब हो गयी थी जिसके कारण ही उन्होंने भारत वापस लौटने का भी फैसला ले लिया था.
साल 2010 के बाद से 4 साल तक वो पंचकुला में रहे थे इस दौरान उनके परिवार ने भी उनका साथ छोड़ दिया था. जिसके बाद उनकी पत्नी बेटी के साथ coasta रिका चली गई थी. हालांकि इतने बुरे दौर के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और वो फिर से कोस्टा रिका लौट गए और अपने काम में जुट गए., जिसके बाद उनके जीवन उनके जीवन में बड़ा बदलाव हुआ. उन्हें Enredados La Confusion में बतौर लीड रोल काम करने का मौका मिला. यह फिल्म 2017 में रिलीज़ हुए और यह फिल्म अमेरिका समेत 14 देशों में रिलीज़ की गई. जिसके बाद ही इस फिल्म को खूब सफलता मिली. प्रभाकर की इस फिल्म को हिंदी अंग्रेजी में एक चोर दो मस्तीखोर ने नाम से भी रिलीज़ किया गया, यह फिल्म कमाई के हिसाब से भी बेहद सफल साबित हुए.