Bihar Land Survey 2024: ज़मीन सर्वे के दौरान भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने की लोगों से अपील, कहा– ‘दूसरे की बातों में ना आए‘
सचिव का बड़ा बयान
Bihar Land Survey 2024: 20 अगस्त से राज्य में ज़मीन सर्वेक्षण (land survey) का कार्य शुरू हो चुका है. अब तक बिहार के कई सारे गांवों में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है. जहां लोग इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों के मन में पूरे कागज़ात ना होने की वजह से संदेह भी उत्पन्न हो रहे हैं. इस संदेह को दूर करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव (Secretary of Revenue and Land Reforms Department) जय सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है. सचिव जय सिंह ने कहा है कि जो भी व्यक्ति ज़मीन को लेकर अफ़वाह फैला रहे हैं, उनकी दिलचस्पी निजी ज़मीनों में हो सकती है. वैसे लोग ज़मीनों के मुद्दों में अपनी दुकान खोले हुए हैं या फ़िर वह चाहते हैं कि रिकॉर्ड स्पष्ट ना रहें. चूंकि, जहां भी ज़मीन के मसले उलझे रहेंगे, वहां लोग इसका फ़ायदा उठाने को तत्पर रहेंगे और ठीक यहीं से ज़मीन को लेकर विवाद (land dispute) शुरू हो जाया करते हैं.
जय सिंह ने की लोगों से अपील
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि किसी की भी बातों में आने की आवश्यकता नहीं है. यह कदम सरकार द्वारा ज़मीन के मालिकों के पक्ष में ही उठाया जा रहा है. अपने मन को सकारात्मक रखें तथा ज़मीन सर्वेक्षण (land survey) के कार्य व प्रक्रिया में आगे आकर हिस्सा लें. किसी भी व्यक्ति की ज़मीन पर सरकार द्वारा कब्ज़ा नहीं किया जाएगा. इस सर्वेक्षण की प्रक्रिया में केवल दस्तावेज को बनाया जाता है. दो कागज़ों को बनाया जाता है जिसमें एक होता है खतियान और दूसरा होता है नक्शा. इसी की बुनियाद पर फिल्हाल किसी भी व्यक्ति को उसकी ज़मीन से निष्कासित नहीं किया जाएगा. ज़मीन से निष्कासित करने की तथा बाक़ी चीज़ों की एक अलग प्रक्रिया है. उसका सर्वेक्षण से कोई वास्ता नहीं है. सचिव जय सिंह ने यह भी कहा कि कई सारे लोगों के मन में शंका है कि उनके पास पूरे कागज़ात मौजूद नहीं है. इस शंका को दूर करने के लिए विभाग द्वारा कितनी मरतबा कहा गया है कि आपकी ज़मीन होने का कुछ भी सबूत है तो उसको स्वघोषणा पत्र में लगा दें और सर्वे की प्रक्रिया में अपनी हिस्सेदारी दिखाएं. इस प्रक्रिया में अभी तीन बार सुनवाई होगी. यदि किसी व्यक्ति के पास पर्याप्त कागज़ मौजूद नहीं है या फ़िर ग़लती से ज़मीन पर किसी दूसरे व्यक्ति ने दावा किया है तो यह तमाम बातें शुरूआती दौर में ही सामने आ जायेंगी.
असंतुष्ट व्यक्ति कर सकता है दावा आपत्ति
जय सिंह के यह भी बताया है कि अगर कोई व्यक्ति सर्वेक्षण (survey) के कार्य से असंतुष्ट है तो वह दावा आपत्ति कर सकता है. उसकी यथापूर्वक सुनवाई होगी. ज़मीन सर्वे में कई तरह की सुनवाई के मौके दिए जायेंगे. इस सर्वे का मकसद यही है कि किस तरह से कागज़ातों को अपडेट किया जा सके.