Bihar Land Survey 2024: क्या ज़मीन सर्वे के लिए अनिवार्य है वंशावली और शपथ पत्र, यहां जाने और किन किन दस्तावेज़ों की होगी ज़रूरत
किन किन दस्तावेज़ों की पड़ेगी ज़रूरत
Bihar Land Survey 2024: इन दिनों बिहार में भूमि सर्वेक्षण (land survey) का काम ज़ोरों शोरों से चल रह है. बिहार के तकरीबन 45 हज़ार गांवों में ख़ासतौर पर ज़मीन सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है. इस सर्वे में लगने वाले कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ भी हैं जैसे खतियान, लगान रसीद, ज़मीन रजिस्ट्री आदि पर इन दस्तावेज़ों में सबसे एहम दस्तावेज़ वंशावली है. वंशावली को लेकर लोगों के बीच शंका भी उत्पन्न हो रही है मगर किसी भी परिस्थिति में ज़मीन सर्वे के लिए वंशावली देना अनिवार्य है.
क्या ज़रूरी है शपथ पत्र
बंदोबस्त पदाधिकारी (settlement officer) ने साफ़ शब्दों में कह दिया है कि सर्वे के काम के लिए रैयतों को वंशावली के लिए किसी भी कर्मचारी के दस्तख़त या फ़िर शपथ पत्र की आवश्यकता नहीं है. रैयतों को प्रमाण पत्र या शपथ पत्र के स्थान पर फॉर्म ‘तीन क‘ में अपने वंशावली (vanshavali) का ज़िक्र खुद ही करना है. कर्मचारी जो बंदोबस्त कार्य में लगे हुए हैं, वें खुद ही इसे सत्यापित कर लेंगे. इस काम के लिए किसी भी प्रमाण पत्र या शपथ पत्र की दरकार नहीं है. इस विशेष ज़मीन सर्वेक्षण (land survey) के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कई सारे निर्देश जारी किये हैं. इन निर्देशों में यह बताया गया है कि पहले के खतियान में जो नाम दर्ज है, उनके आगे वंशावली का ज़िक्र फॉर्म ‘तीन क‘ में किया जाएगा तथा रैयतों द्वारा इसे स्वयं ही भरकर जमा कर दिया जाएगा. बता दें कि राजस्व एवं भूमि विभाग द्वारा यह भी स्पष्ट किया जा चुका है कि भूमि सर्वेक्षण के लिए खतियान की मूल प्रतिलिपि भी लगाने की ज़रूरत नहीं है. रैयत केवल खुद के स्वामित्व वाली ज़मीन का ज़िक्र करेंगे.
बंदोबस्त पदाधिकारी ने क्या कहा
मुज़फ्फरपुर जिला के बंदोबस्त पदाधिकारी (settlement offficer) फ़िरोज़ अख्तर ने कहा कि राज्य के सभी गांवों में तेज़ रफ़्तार से ग्रामसभा को आयोजित किया जा रहा है. इस आयोजन के माध्यम से रैयतों से फॉर्म लिए जा रहे हैं और साथ में उन्हें सत्यापित भी किया जा रहा है. बंदोबस्त पदाधिकारी फिरोज़ अख्तर ने यह भी बताया कि ज़मीन से सम्बंधित राजस्व रसीद की अद्यतन प्रति ना रहने के बावजूद भी ज़मीन सर्वेक्षण (land survey) में रैयतों का नाम शामिल किया जाएगा तथा उनकी ज़मीन या मिल्कियत (property) को रसीद के बगैर ख़ारिज नहीं किया जाएगा.
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