Bihar Tourism Department: बिहार में सड़क किनारे खोले जायेंगे सरकारी मोटल, पर्यटन विभाग द्वारा होगा निर्माण

पर्यटन विभाग की नयी योजना

Bihar Tourism Department: बिहार (Bihar) के पर्यटन विभाग ने एक नयी योजना बनाई है. इस योजना के तहत राज्य में नेशनल हाईवे (एनएच) और स्टेट हाईवे (एसएच) के किनारों पर सरकारी मोटल (motel) और कैफेटेरिया खोले जायेंगे. मोटल, दो शब्दों से मिलकर बना है, मोटर और होटल. मोटल को ख़ासतौर से हाईवे पर बनाया आजाता है. इसमें यात्रियों के ठहरने के लिए कमरे भी होते हैं. ये कमरे ज़्यादा बड़े नहीं होते हैं. इन कमरों के नज़दीक ही पार्किंग की व्यवस्था भी होती है. अगर कोई यात्री कम बजट में आराम करना चाहता है तो वह मोटल में रुक सकता है. बता दें कि ज़्यादातर मोटल विदेशों में होते हैं. बिहार में आए पर्यटकों की मेहमानवाज़ी में बेहद कमी देखने को मिलती है. बिहार के कुछ इलाक़ों को छोड़कर अगर बात की जाए तो अधिकांश इलाक़े में पर्यटकों के रहने व खाने तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है. राज्य सरकार ने पर्यटन नीति के तहत बिहार के राजमार्गों के किनारे संचालित निजी होटलों को अनुदान देने की बात कही है. इसके लिए कुछ दिनों पहले राज्य सरकार ने पीपीपी मोड पर कैफेटेरिया आदि के संचालन हेतु ऑनलाइन आवेदन की मांग की थी. लेकिन, बेहद अफ़सोस की बात है कि इसमें बहुत कम संख्या में राजमार्गों के किनारे स्थित निजी होटलों ने अपनी रूचि दिखाई थी. ऐसे में सरकार ने बिहार के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निजी निवेश और सुविधाओं का विकास करने के लिए योजना बनाई है.

खोले जायेंगे टूरिस्ट कैफेटेरिया

पर्यटन विभाग की यह योजना है कि बिहार के अलगअलग जिलों में अंतराष्ट्रीय स्तर पर सरकारी टूरिस्ट कैफेटेरिया खोले जाएं. ये कैफेटेरिया राज्य के सभी राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच) और राज्य उच्च पथ (एसएच) के किनारे खोले जाने की योजना है. पर्यटन विभाग ने इस योजना को अंजाम देने के लिए राज्य के सभी जिलाधिकारियों से ज़मीन की मांग की है. इसके लिए पर्यटन विभाग ने जिलाधिकारियों से सड़क के किनारे दो एकड़ ज़मीन की मांग रखी है. बिहार के पर्यटन विभाग के सचिव के पत्र के आधार पर जिलाधिकारियों ने उन सीओ को ज़मीन ढूंढकर रिपोर्ट करने के लिए कहा है, जिनके अंचल क्षेत्र से एनएच और एसएच गुज़रती हैं. पर्यटन विभाग के सचिव ने पत्र में लिखा है कि बिहार के महत्वपूर्ण व चर्चित पर्यटक स्थलों को जोड़नेवाले राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों पर पर्यटकों की सुविधा और आराम के लिए कमरे, खाने के लिए रेस्टोरेंटकैफेटेरिया और पार्किंग की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए. इससे बिहार में पर्यटन का विकास होगा.

20 से 22 जिलों में होगी व्यवस्था

मौजूदा समय में भी बिहार का पर्यटन केवल दो से तीन जिलों तक ही सिमट कर रह गया है. बिहार में आधारभूत संरचना और पर्यटन के माहौल में कमी होने से पर्यटक नए टूरिस्ट स्पॉट की तरफ़ जा ही नहीं रहे हैं. राज्य सरकार की यह योजना है कि बिहार के कम से कम 20 से 22 जिलों में पर्यटक घुमने जाएं. कई ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक धरोहर बिहार में स्थित हैं. इन जगहों पर नेशनल और इंटरनेशनल टूरिस्ट जानकारी के बावजूद भी मूलभूत सुविधाओं में कमी की वजह से नहीं जा पाते हैं. इसी वजह से सरकार ऐसे पर्यटकों के लिए रेस्टोरेंट और पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए होटलमोटल खोलने की योजना बना रही है.

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