bihar traffic police challan: बिहार के इन जिलों में गुजरने से पहले हो जाएँ सावधान, ऑटोमेटिक कटेगा चालान

राज्य में अब सभी जिलों में यातायात उल्लंघन पर कैमरों के माध्यम से चालान काटे जाने की तैयारी की जा रही है। बिहार राज्य की कैबिनेट ने यह फैसला लिया है कि राज्य के 26 शेष जिलों में ऑटोमैटिक चालान के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यह सीसीटीवी कैमरे इन जिलों के प्रमुख चौराहों पर लगाए जाने की योजना है. इस परियोजना पर बिहार सरकार कुल 35 करोड़ 46 लाख 37 हजार 394 रुपये खर्च करेगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह है कि तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने या ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालक अब कैमरे की नजर से बच नहीं सकेंगे।

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इन शहरों में लगाए जाएंगे कैमरे

इस योजना के तहत कैमरों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी उठाई जाएगी, जो अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगी। पहले से ही राज्य के चार बड़े शहरों – पटना, बिहार शरीफ, मुजफ्फरपुर और भागलपुर – में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुरक्षित सुशासित शहर योजना के तहत अन्य नौ शहरों जैसे सारण, दरभंगा, गया, मुंगेर, पूर्णिया, सहरसा, बेगूसराय, बेतिया और डेहरीऑनसोन में भी यह सुविधा लागू की जा रही है। इसके अलावा, राज्य के शेष जिलों के मुख्य शहरों में भी लगभग 60 से 70 चौकचौराहों पर कैमरे लगाने का प्रस्ताव है। इन अत्याधुनिक कैमरों के जरिए, यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के नंबर प्लेट की तस्वीर ली जाएगी और इसका आधार बनाकर ईचालान जारी किया जाएगा। यह प्रणाली वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक संचालित की जाएगी और इसका पूरा खर्च सड़क सुरक्षा निधि से किया जाएगा।

चालान प्रणाली के लाभ

चालान प्रणाली में कई महत्वपूर्ण खूबियां और फायदे शामिल हैं। सबसे पहले, यह एक ऑनलाइन प्रणाली है, जिसमें चालान जारी करने और उसका भुगतान पूरी तरह से डिजिटल तरीके से होता है। यातायात पुलिस कैमरों द्वारा वाहनों के नंबर प्लेट की तस्वीरें लेती है और इसके बाद, चालक के खिलाफ चालान जारी किया जाता है। इस प्रणाली के तहत, चालान में पूरी जानकारी जैसे चालान नंबर, वाहन का नंबर, चालान की तारीख, और चालान की राशि दर्ज होती है।

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चालान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है, जिससे वाहन मालिकों को चालान भरने के लिए ट्रैफिक पुलिस स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रणाली न केवल वाहन मालिकों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी मददगार साबित होती है, क्योंकि कागजी कार्रवाई कम हो जाती है और प्रक्रियाओं में तेजी आती है।

चालान के अन्य लाभों में पारदर्शिता का होना भी शामिल है। वाहन मालिकों को चालान की पूरी जानकारी और उसका भुगतान सीधे उनके मोबाइल फोन या ईमेल पर मिल जाता है, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना कम हो जाती है। साथ ही, कागज का कम इस्तेमाल होने के कारण यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि कम कागज का प्रयोग पेड़ बचाने में मदद करता है।

इस नई प्रणाली के माध्यम से, ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में कमी आने की संभावना है, क्योंकि यह एक स्वचालित और पारदर्शी तरीका है, जिससे वाहन चालक नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। साथ ही, इस प्रणाली के लागू होने से यातायात पुलिस की कार्य क्षमता भी बढ़ेगी, क्योंकि उन्हें अब हर उल्लंघन के लिए अलग से जांचपड़ताल करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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