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सालों से अटकी है यह रेल परियोजनाएं. जानिए कब होगी शुरुआत

Bihari News

रेलवे यातायात के सबसे बड़े साधनों में एक माना जाता है. रेलवे को लेकर यह भी कहा जाता है कि रेलवे में एक साथ सबसे ज्यादा लोग यात्रा करते हैं. ऐसे में रेलवे की पहुंच जीतनी ज्यादा दूरी तक होगी यातायात में लोगों को उतनी ही सहुलियत होगी. ऐसे में बिहार में कई ऐसी रेल परियोजनाएं हैं जोकि लंबित पड़ी है. जिसे चालू हो जाने के बाद लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. यानी की उनकी यात्रा सुगम हो जाती लेकिन प्रदेश के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर लंबे समय से रेल परियोजनाएं या तो पैसे के अभाव में या फिर सरकारी लचर व्यवस्था के कारण आखिरी मुकाम तक नहीं पहुंच पा रही है. ऐसे में अब बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने रेल परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण की प्राक्रिया को बहुत ही जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो बिहार में करीब एक दर्जन रेल परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा है कि कई परियोजना मुआवजा के स्तर पर है. साथ ही मंत्री आलोक मेहता ने निर्देश देते हुए कहा है कि विभाग के स्तर पर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए.

तो चलिए एक नजर डाल लेते हैं प्रस्तावित रेल परियोजनाओं के बारे मेंःबिहारशरीफशेखपुरा नई रेल लाइन परियोजनाइस रेल परियोजना में नारायणपुर मौजा में 200-रैयत है जिसमें विस्तार से प्रतिवेदन की मांग की गई है तथा रेलवे को दखल कब्जा सौंपने के लिए निर्देश भी दिया गया गया है.

अररियागलगलिया रेल परियोजनाःयह रेल परियोजना अररिया जिला के तहत आता है. इसमें भूमि अधिग्रहण का काम समाप्त हो गया है साथ ही 80 प्रतिशत मुआवजा की राशि भी बांट दी गई है. लेकिन बीस प्रतिशत रैयत रेलवे द्वारा मुआवजा वितरण पूरा नहीं किये जाने के कारण कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. किशनगंज जिला में ही इस परियोजना के लिए 40 एकड़ भूमि का मुआवजा वितरण मामला लंबित है जिसको लेकर बिहार सरकार के मंत्री ने मार्च तक कार्रवाई पूरी करने की बात कही है.

इसके बाद दरभंगा बाइपास रेल लाइन दोहरीकरणःइस रेल परियोजना में 175.00 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गई है. इस परियोजना में 48.00 करोड़ का मुआवजा का भुगतान किया गया है. हालांकि बाकि बचे हुए बचे को कर दिया गया है.

राजेंद्र पुल एडिशनल ब्रिजःइस पुल के निर्माण को लेकर जो सबसे बड़ी वाधा निकलकर सामने आ रही है उसमें रैयतों को मुआवजा नहीं मिलना बताया जा रहा है. बता दें कि जमीन अधिग्रहण का कार्य नहीं हो पाया है.

बाढ़बख्तियारपुर थर्ड बड़ी नयी रेल लाइनःइस रेल परियोजना के लिए पटना जिला में कुल 12.2415 एकड़ जमीन का अधिग्रहण की कार्यवाई की गई है जिसमें 14.41 करोड़ रुपये में से 10 करो़ड़ की राशि का वितरण किया गया है. बाकि मामला कोर्ट में लंबित है ऐसे में यह कहा जा रहा है कि कोर्ट से मामला निपटने के बाद रेलवे को कब्जा सौंप दिया जाएगा.

अररियासुपौल नई रेल लाइनःइस नई रेल लाइन के लिए अररिया जिला में 767.23 एकड़ भूमि का अर्जन किया जाना है. जिसमें कुल 116.092 एकड़ भूमि के अधिग्रहण को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है बता दें कि इसको लेकर कुल 237.647 करोड़ में 146.0 करोड़ का वितरण किया गया है.

छपरामुजफ्फरपुर नयी रेल लाइनःइस योजना को लेकर कुल 480.705 एकड़ के लिए मिले 204,00 करोड़ में से 147.00 करोड़ की राशि वितरित की गयी है. तो वहीं

हाजीपुरसुगौली रेल लाइन को लेकर पूर्वी चंपारण में दो चरणों में कुल 818.72 एकड़ भूमि का अर्जन किया जाना है. जिसके पहले चरण में 28 मौजा की कुल राशि 228.18 एकड़ भूमि का अर्जन और दखल कब्जा रेलवे को सौंप दिया गया है. इसके साथ ही दूसरे चरण के 21 मौजा में से 18 मौजों की भूमि का दखल कब्जा रेलवे को सौंपा गया है. इसके साथ ही तीन मौजा के 208.0966 एकड़ भूमि का DPR इन दिनों प्रक्रियाधीन है

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