बिहार के इन जिलों में मूसलाधार बारिश की है सम्भावना, जानिये इस सप्ताह के मौसम का मिजाज
प्रदेश में मानसून सक्रीय हो चूका है. बीते दो तीन दिनों से मानसून की स्थिति कमजोर थी. हालाँकि मानसून के एक्टिव होते हीं एक बार फिर से प्रदेश में कई जगहों पर बारिश के आसार जताए जा रहे हैं. आने वाले एक से दो दिनों तक प्रदेश में अधिकतर जगहों पर बारिश की सम्भावना जताई गई है. IMD बिहार ने 26 अगस्त से 1 सितम्बर तक प्रदेश में कई जगहों पर बारिश की सम्भावना जताई है. साथ हीं मेघगर्जन को लेकर भी अलर्ट रहने की अपील की है.
मौसम विभाग ने 26 अगस्त को भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया. वहीँ 27 और 28 अगस्त को बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद और अरवल में अधिकाँश जगहों पर बारिश की सम्भावना जताई है. इसके अलावे 29 अगस्त से 1 सितम्बर तक भी प्रदेश में कुछ जगहों पर बारिश देखने को मिल सकती है. 26 से लेकर 28 अगस्त तक इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. हालाँकि 29 अगस्त से 1 सितम्बर तक मौसम विभाग ने फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की है. 28 अगस्त तक प्रदेश में अधिकतम तापमान 32 से 34 डिग्री तक देखने को मिलेगा. वहीँ 28 अगस्त से अधिकतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री तक जा सकता है. बात करें प्रदेश में न्यूनतम तापमान की तो यह 26 से 28 डिग्री और 28 से 30 डिग्री के बीच रह सकता है.
बिहार के मौसम का मिजाज जानने के बाद चलिए जानते हैं, पूरे देश में मौसम की क्या स्थिति रहने वाली है.
उत्तरी मध्य प्रदेश के मध्य भागों पर बना कम दबाव वाला क्षेत्र पश्चिम की ओर बढ़ गया है और एक डिप्रेशन में तब्दील हो गया है। इसके पश्चिम दक्षिण–पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने और 27 अगस्त तक दक्षिण राजस्थान और उससे सटे उत्तरी गुजरात के ऊपर एक गहरे डिप्रेशन में तब्दील होने की उम्मीद है। इसके बाद यह पश्चिम–दक्षिण–पश्चिम दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और 29 अगस्त के आसपास सौराष्ट्र और कच्छ और दक्षिण पाकिस्तान तट से उत्तर–पूर्व अरब सागर में उभरेगा।
चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण बांग्लादेश के ऊपर मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है, इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने और अगले 2 दिनों के दौरान गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तरी उड़ीसा और झारखंड से होते हुए पश्चिम–उत्तर–पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है।
औसत समुद्र तल पर मानसून गर्त अब जैसलमेर, कोटा, अवदाब के केंद्र, डाल्टनगंज, दीघा से होकर दक्षिण–पूर्व दिशा में बंगाल की उत्तर–पूर्व खाड़ी तक जा रहा है।
दक्षिण गुजरात से दक्षिण केरल तट तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है।