bihari tarzan raja yadav: सोशल मीडिया पर गर्दा उड़ा रहा बिहार का टार्ज़न बॉय“, देश को गोल्ड जिताने के लिए सरकार से लगा रहा गुहार

आपने टार्ज़न बॉय की तो कई कहानियां सुनी होंगी. बचपन से लेकर अब तक हम टार्जन बॉय की कई फ़िल्में और कार्टून देखते आ रहे हैं. जिसमें एक बच्चा जिसका पालन पोषण किस तरह से जंगलों में जानवरों के बीच होता है और वहां जंगली जानवर उसके दोस्त होते हैं. पेड़ों और पहाड़ों पर वह कैसे उछलकूद करता नज़र आता है. इंसानी शरीर में भी उसके एक अद्भुत सी ताकत होती है. अगर हम आपको बताएं कि बिहार से भी कुछ ऐसा हीं किस्सा सामने आया है. तो आप क्या कहेंगे? शायद कई लोग इस पर यकीं न करें, लेकिन यह किस्सा एकदम सहीं है. पश्चिम चंपारण जिले के बगहा गांव के राजा यादव को आजकल लोग बिहारी टार्जनके नाम से पुकार रहे हैं। उनकी असाधारण फिटनेस और तेज़ दौड़ने की क्षमता ने उन्हें न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में सुर्खियों में ला दिया है। वे सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं, जहां उनके वीडियो वायरल होते रहते हैं। कई ऐसे भी विडियो सामने आयें जिसमें राजा तेज़ रफ्तार से दौड़ते हुए थार और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ियों से मुकाबला करते हुए नज़र आ रहे थेइस बिहारी टार्ज़न की ट्रेनिंग और फिटनेस की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दिखाती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।

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40-45 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने की क्षमता

राजा यादव के मुताबिक, वे 40-45 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकते हैं. यहाँ तक की ये बिहारी टार्ज़न रोजाना 20 से 25 किलोमीटर तक दौड़ने का अभ्यास करते हैं। यह क्षमता किसी भी आम व्यक्ति के लिए असंभव सा लग सकता है, लेकिन राजा ने अपनी कड़ी मेहनत और अनुशासन से इसे संभव कर दिखाया है। उनकी फिटनेस और स्पीड के कारण ही उन्हें बिहारी टार्जनऔर बिहार का उसैन बोल्टजैसे कई नाम मिले हैं। राजा के मुताबिक उनकी दौड़ने की यह गति और ताकत पूरी तरह से उनकी नियमित ट्रेनिंग पर आधारित है।

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पिता के अधूरे सपने को पूरा करने की चाहत

राजा यादव का एक सपना है कि वे अपने पिता, लालबाबू पहलवान के अधूरे सपने को पूरा करें। उनके पिता खुद एक नेशनल लेवल के खिलाड़ी थे और गोल्ड मेडल जीतने का ख्वाब रखते थे। हालांकि उनकी परिस्थितियां उन्हें इस सपने को पूरा करने का मौका नहीं दे पाईं, लेकिन राजा यादव ने ठान लिया है कि वह अपने पिता का सपना पूरा करेंगे। राजा का कहना है कि उन्हें सरकार से समर्थन की जरूरत है, ताकि वे अपनी ट्रेनिंग को और बेहतर बना सकें और देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने में सफल हो सकें।

जंगलों और कच्ची सड़कों पर ट्रेनिंग

राजा यादव की ट्रेनिंग का तरीका बहुत अलग और कठिन है। वे अक्सर जंगलों और कच्ची सड़कों पर दौड़ने और मेहनत करने में विश्वास रखते हैं। उनका मानना है कि बिना किसी आधुनिक सुविधाओं के, केवल कठिन मेहनत से ही फिटनेस में सुधार किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर उनके फिटनेस वीडियो लाखों लोगों के बीच वायरल होते हैं, और उनके फॉलोवर्स उनकी ट्रेनिंग और शक्ति से प्रेरित होते हैं। राजा का इंस्टाग्राम अकाउंट राजा यादव फिटनेसपर 1 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं, जहां वे अपनी मेहनत और कड़ी ट्रेनिंग की झलकियां शेयर करते हैं।

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फिटनेस मंत्र और कठिन ट्रेनिंग

राजा यादव की ट्रेनिंग में कुछ खास बातें हैं। वे रोजाना 3,000 पुशअप्स करते हैं और चार घंटे तक लगातार दौड़ते हैं। उनकी दिनचर्या में नियमित दौड़, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और मसल्स को मजबूत करने के लिए अन्य अभ्यास शामिल होते हैं। उन्होंने आर्मी भर्ती में भी 11 बार दौड़ में एक्सलेंटदर्जा प्राप्त किया है। उनके लिए नियमित ट्रेनिंग का कोई विकल्प नहीं है, यही वजह है कि उनकी स्पीड और ताकत दिनदिन बढ़ती जा रही है।

राजा यादव का एक और सीक्रेट उनकी डाइट है। वह नियमित रूप से भैंस का कच्चा दूध पीते हैं, जिसे वे अपनी शक्ति का मुख्य स्रोत मानते हैं। उनका कहना है कि कच्चा दूध शरीर को ताकत और ऊर्जा प्रदान करता है, जो उनकी ट्रेनिंग को और भी प्रभावी बनाता है।

कुश्ती में भी है नाम

राजा यादव सिर्फ एक धावक ही नहीं, बल्कि कुश्ती में भी एक सक्रिय खिलाड़ी हैं। वे अपनी फिटनेस और स्टेमिना को बनाए रखने के लिए कुश्ती का अभ्यास करते हैं। स्थानीय स्तर पर उन्होंने कई कुश्ती प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है। उनका मानना है कि फिटनेस और आत्मविश्वास ही उन्हें आगे बढ़ने में मदद करते हैं। उनका कहना है कि कुश्ती से शारीरिक ताकत और मानसिक दृढ़ता दोनों में ही सुधार होता है, जो उनके दौड़ने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

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