कहते हैं कि जॉब के साथ पढ़ाई करना मुश्किल होता है, लेकिन मजबूत इच्छा शक्ति और मेहनत के बलबूते कुछ भी किया जा सकता है. ये बातेँ आज सच साबित हो गई, जिसे बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली मोनिका श्रीवास्तव ने सच कर दिखाया है. BPSC ने हाल ही में 66 वीं संयुक्त परीक्षा का फ़ाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. इसमें टॉप टेन में केवल एक महिला अभ्यर्थी ने जगह पाई है और वह है औरंगाबाद की मोनिका श्रीवास्तव. पहले ही प्रयास में मोनिका ने यह मुकाम पाया है. महिलाओं की टॉपर मोनिका श्रीवास्तव सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उन्हें ओवरऑल छठी रैंक मिली है. आइए जानते हैं मोनिका के इस सफर के बारे में.
औरंगाबाद की रहने वाली मोनिका ने ग्रेजुएशन साल 2016 में आईआईटी गुवाहाटी से किया. उनका सब्जेक्ट कंप्युटर साइंस था. उसके बाद चेन्नई में एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करने लगीं. इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बनाया और मां पिता से मशविरा लेकर तैयारी शुरू कर दी. इस दौरान वे 8 घंटे जॉब भी करती रहीं. इसके बाद बचे समय में 7 से 8 घंटे हर दिन पढ़ाई की. मोनिका ने ऑप्शनल में अर्थशास्त्र विषय लिय. वहीँ मोनिका ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता को दिया. उन्होंने कहा कि मां से ही टाइम मैनेजमेंट के गुर सीखें, उनकी मां भारती कुमारी प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापिका हैं. वहीँ पिता बी.के श्रीवास्तव ग्रामीण कार्य विभाग में सहायक अभियंता हैं. मोनिका 5 भाई बहन है. उनसे बड़ी दो बहन और एक भाई हैं जबकि एक छोटा भाई है.
जॉब के साथ साथ पढ़ाई करने के जवाब में मोनिका ने कहा कि मेरी सफलता में मम्मी और पापा का काफी सपोर्ट रहा. पापा काफी एक्टिव रहे. मम्मी से टाइम मैनेजमेंट की सीख मिली. वे स्कूल जाती हैं और घर का पूरा कामकाज भी संभालती हैं. उससे मैं काफी सीखती रही. मैं जॉब करने के साथ-साथ आठ-दस घंटे पढ़ाई के लिए निकाल लेती थी. वर्किंग होना मेरे लिए फायदेमंद रहा. मोनिका एक बार यूपीएससी की प्री परीक्षा दे चुकी है. हालांकि उनका चयन नहीं हुआ. मोनिका ने बिहार में ही रहकर नौकरी करने की इच्छा जताई है. उन्होंने बिहार वित्त सेवा के अंतर्गत आने वाले असिस्टेंट टैक्स कमिश्नर का पद चुना है. पढ़ाई के साथ साथ फिटनेस पर भी वे काफी ध्यान देती है.