प्रदेश में कोरोना में लगातार हो रहे इजाफे को देखते हुए प्रदेश में 31 जुलाई तक लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. ऐसे में कांग्रेस नेताओं ने राजस्थान में चल रही राजनीति को लेकर मार्च निकाला था. कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता राजस्थान में राजनीतिक उथल पुथल को लेकर राजभवन मार्च निकाला उसके बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने गए.
विशेष दंडाधिकारी द्वारा दिये गये आवेदन के आधार पर सचिवालय थाने की पुलिस ने लॉकडाउन में बिना अनुमति मार्च निकालने, सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ाने के आरोप में महामारी अधिनियम समेत अन्य सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. एफआईआर में 35 नामजद व 15 अज्ञात कार्यकर्ता शामिल हैं. सचिवालय थाना प्रभारी मितेश कुमार ने बताया कि नामजद नेताओं में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा, एमएलए राजेश राम, श्याम सुंदर सिंह धीरज, संजय कुमार आदि शामिल हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा के नेतृत्व में सौंपे ज्ञापन में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप कर राजस्थान के राज्यपाल को निर्देश देने की मांग की गई. प्रदेश अध्यक्ष डा. झा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में गोवा, हरियाणा सहित ऐसे तमाम राज्य हैं जहां भाजपा को बहुमत नहीं मिला. वहां भी लोकतंत्र का गला घोंटकर सरकार बनाई गई. पहले कर्नाटक में कांग्रेस और कुमार स्वामी की गठबंधन सरकार को गिराया. फिर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार कोरोना काल गिरा दी गई.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एमएलए की खरीद-फरोख्त से लेकर सरकारी एजेंसियों का खुलकर दुरुपयोग किया जा रहा है. वही प्रयास राजस्थान में हो रहा है. कोरोना काल में जनता की सेवा की जगह केंद्र सरकार जनता की चुनी सरकारों को गिराने में लगे हैं.