Chitragupta Puja 2024: कब है चित्रगुप्त पूजा? इस पूजा में किताबकलम का महत्त्व क्या है?

कायस्थों को समर्पित है चित्रगुप्त पूजा

Chitragupta Puja 2024: दिवाली का त्योहार अब ख़तम हो चुका है. पूरे देशभर में दीपोत्सव धूमधाम से मनाया गया. अब बारी है हिन्दू धर्म में साल का अंतिम त्योहार छठ पूजा की. लेकिन, दिवाली और छठ पूजा के बीच में 3 त्योहार भी आते हैं, जिन्हें लोग आस्था के साथ मनाते हैं. ये त्योहार हैं, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और कायस्थों को समर्पित चित्रगुप्त पूजा. ये त्योहार ज़्यादातर बिहार में ही मनाये जाते हैं. हालांकि, बिहार से बाहर बसे हुए बिहारवासी भी इन त्योहारों को मनाते हैं. बात करते हैं चित्रगुप्त पूजा की, चित्रगुप्त पूजा दिवाली के दो दिनों बाद होती है. हिन्दू धर्म के अनुसार, चित्रगुप्त पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि में की जाती है. भगवान चित्रगुप्त यमराज के सहायक है. भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से भक्तों को सुखसमृद्धि और तरक्की का आशीर्वाद मिलता है. भगवान चित्रगुप्त कायस्थ समाज के संस्थापक कहलाते हैं. हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त इंसान के अच्छे व बुरे कर्मों का लेखाजोखा रखते हैं. भगवान चित्रगुप्त को सभी देवताओं का लेखापाल माना जाता है. यही कारण है जो इन्हें कलमदवात का देवता भी कहा जाता है.

चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल चित्रगुप्त पूजा 3 नवंबर को होगी. चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 57 से शुरू होकर दोपहर के 12 बजकर 04 मिनट तक रहेगा. भगवान चित्रगुप्त की आराधना करने से बुद्धि, विद्या और लेखन में वृद्धि होती है. चित्रगुप्त पूजा में कलम, दवात और बही खाते की पूजा की जाती है. भगवान चित्रगुप्त कायस्थ समुदाय में ज़्यादा लोकप्रिय हैं. कायस्थ समुदाय से जुड़े हुए लोग भगवान चित्रगुप्त को अपना पूर्वज मानते हैं. कायस्थ समुदाय के लोग इस पूजा के दिन अपने बही खाते की पेशी भगवान चित्रगुप्त के सामने करते हैं. भगवान चित्रगुप्त को प्रसाद के रूप में अदरक और गुड़ अर्पित किया जाता है.

क्यों ज़रूरी है कलम-दवात ?

चित्रगुप्त पूजा में कलमकिताब की पूजा ज़रूर ही करनी चाहिए. क्यूंकि, भगवान चित्रगुप्त सभी के कर्मों का हिसाबकिताब रखते हैं. इसलिए कलम की पंचोपचार विधि से भगवान चित्रगुप्त की पूजाअर्चना करनी चाहिए और उनसे हाथ जोड़कर उसी कलम को आशीर्वाद के रूप में हासिल करने के लिए प्रार्थना भी करनी चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से, इस तरह से कलम की पूजा करने से कलम प्रभावी हो जाती है. उस कलम से लिखा हुआ कुछ भी सिद्ध हो जाता है, क्यूंकि उसमें दैवीय शक्ति आ जाती है.

Also read: Chhath Bihar Tour Package: विदेशी पर्यटक देख पाएंगे बिहार का महापर्व छठ, पर्यटन विभाग ने किया टूर पैकेज तैयार

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *