क्रिकेट के इतिहास में विवादित और रोचक बल्ले, जानिए क्यों?
controversial cricket bats: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें मुख्य मुकाबला बल्ले और गेंद के बीच होता है। विभिन्न फॉर्मेट में अलग–अलग प्रकार के गेंदों का उपयोग किया जाता है। टेस्ट क्रिकेट में लाल और गुलाबी गेंदों का प्रयोग होता है, जबकि सीमित ओवरों में सफेद गेंद का उपयोग किया जाता है। बात करें बल्लों की, तो इसकी भी कई किस्में हैं, और उनके आकार को लेकर नए नियम भी बनाए गए हैं। लेकिन क्रिकेट के इतिहास में कुछ ऐसे बल्ले भी रहे हैं, जिन्होंने विवाद पैदा किया है।
क्रिस गेल का गोल्डन बैट
वेस्टइंडीज के बल्लेबाज क्रिस गेल एक बार गोल्ड रंग के बल्ले से खेलते नजर आए थे, जिससे उन्होंने शतक बनाया। यह बल्ला कुछ लोगों को मेटल का लगा।
लिली का एल्युमीनियम बल्ला
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज डेनिस लिली एक बार एल्युमीनियम का बल्ला लेकर मैदान में उतरे थे। इंग्लैंड के खिलाफ इस बल्ले से खेलने पर विरोध हुआ, और कप्तान ग्रेग चैपल ने उन्हें लकड़ी के बल्ले से खेलने को कहा, जिससे विवाद समाप्त हुआ।
थॉमस व्हाइट का व्हाइट मॉन्स्टर बैट
इसका जिक्र उस समय का है जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का कोई आयोजन नहीं होता था। उस समय एक मैच में थॉमस व्हाइट ने बेहद चौड़ा सफेद बल्ला लिया था, जिसके कारण विरोधी टीम ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि इस बल्ले के कारण बल्लेबाज को आउट करना मुश्किल हो रहा था, जिसके बाद बल्ले के आकार को लेकर नियम बनाए गए।
रिकी पोंटिंग का ग्रेफाइट बल्ला
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने 2004 में ग्रेफाइट बैट का इस्तेमाल किया था, जिससे उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ दोहरा शतक बनाया। इसके बाद एमसीसी ने इसकी जांच की और पाया कि यह बल्ला बल्लेबाजों के फायदे में था, जिसके बाद इसे प्रतिबंधित कर दिया गया।
मैथ्यू हेडन का मोंगूज़ बैट
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने 2010 के आईपीएल में मोंगूज बल्ले का उपयोग किया, जो अपने बड़े हैंडल के कारण काफी प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने इस बल्ले से 43 गेंदों में 93 रन की शानदार पारी खेली। हालांकि, इस बल्ले से बचाव करना मुश्किल था, इसलिए इसका उपयोग कम हो गया।
क्रिकेट में बल्ला और गेंद के बीच का संघर्ष हमेशा दिलचस्प रहता है, और विभिन्न प्रकार के बल्ले और गेंद भी खेल में बदलाव लाते हैं। जिससे खेल और भी रोचक हो जाता है.
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