cyber fraud: साइबर ठगी का नया तरीका, भारतीय दूरसंचार विभाग ने लोगों को किया अलर्ट
साइबर अपराधी दिन–ब–दिन अपने नए–नए तरीके अपना कर ठगी के मामले में हाईटेक होते जा रहे हैं। सरकार ने भले ही सिम कार्ड खरीदने पर सख्ती बढ़ा दी हो, लेकिन इसके बावजूद साइबर क्रिमिनल्स नए–नए तरीके अपनाकर लोगों को धोखा देने का काम कर रहे हैं। अब ठगी करने वाले साइबर अपराधी मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल कर भारतीय नंबर जैसे नंबर जनरेट कर रहे हैं और इन नंबरों के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन साइबर अपराधियों के पास अब एक ऐसा तरीका है, जिसमें वे ऐप्स के जरिए मोबाइल नंबर जनरेट करते हैं, जो भारतीय नंबरों के समान दिखते हैं। जैसे कि +87, +86, +67, +69, +77, +79 आदि नंबरों से ये ठग कॉल करते हैं। यह नंबर भले ही भारतीय नंबर जैसे दिखते हैं, लेकिन ये विदेशों से आए होते हैं और इनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया जाता है। इन नंबरों से कॉल करने वाले साइबर अपराधी लोगों को यह कहकर डराते हैं कि उनका पार्सल अटक गया है या उनका मोबाइल कुछ घंटों के अंदर बंद हो जाएगा।
इस तरह की कॉल्स का मुख्य उद्देश्य लोगों को घबराहट में डालना और फिर उनसे व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करना या पैसे की मांग करना होता है। साइबर ठग आपको इस तरह के मिलते–जुलते भारतीय नंबरों से कॉल करेंगे, आपको डरायेंगे–धमकाएंगे फिर आपसे पैसों की मांग करेंगे. यह साइबर ठग इस प्रकार के कॉल्स के माध्यम से लोगों की बैंक डिटेल्स, ओटीपी (One Time Password) या अन्य व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। ऐसे कॉल्स में अक्सर जालसाज आपको लिंक क्लिक करने के लिए भी कहते हैं, और जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करते हैं, वे आपके फोन का पूरा कण्ट्रोल अपने पास ले लेते हैं और आपकी जानकारी चुराने में सफल हो जाते हैं।
इसके बावजूद, इन ठगों के खिलाफ सख्त कदम उठाना आसान नहीं है, क्योंकि यह कॉल्स ऐप्स के जरिए जनरेट किए जाते हैं और ये नंबर एनक्रिप्टेड होते हैं। इसका मतलब है कि इन नंबरों को ट्रैक करना और इन पर रोक लगाना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या को लेकर भारतीय दूरसंचार विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को ऐसे किसी नंबर से कॉल आता है, तो उसे न उठाएं।
इसके अलावा, अगर आपको इस तरह के फ्रॉड कॉल्स आते हैं, तो आप इन्हें ‘संचार साथी’ पोर्टल पर शिकायत के तौर पर दर्ज कर सकते हैं। यह पोर्टल भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक प्लेटफॉर्म है, जहां लोग ऐसे धोखाधड़ी और साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। इस तरह के कॉल्स की रिपोर्ट करके आप साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद कर सकते हैं और दूसरों को भी इस प्रकार के स्कैम से बचा सकते हैं।
भारतीय मोबाइल नंबर की शुरुआत +91 से होती है, जो भारत का इंटरनेशनल कोड है। अगर किसी भारतीय नागरिक को भारत से बाहर से कॉल आता है, तो उस कॉल में +91 कोड देखा जाता है। इसी तरह, हर देश का अपना एक कंट्री कोड होता है। जैसे पाकिस्तान का कंट्री कोड +92, अफगानिस्तान का +93, तुर्की का +90 और श्रीलंका का +94 है। ऐसे में अगर आपको किसी ऐसे नंबर से कॉल आती है जो +91 से शुरू नहीं होता है और इसके आगे विदेशी कोड होता है, तो आपको समझ जाना चाहिए कि यह कॉल संदिग्ध हो सकती है।
इस बढ़ती हुई ठगी से बचने के लिए हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और ऐसे कॉल्स को नजरअंदाज करना चाहिए। अपने व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारी को कभी भी किसी से साझा न करें, खासकर जब आपको संदेह हो कि कॉल फ्रॉड है। साइबर सुरक्षा के उपायों का पालन करके हम खुद को साइबर अपराधियों से सुरक्षित रख सकते हैं और दूसरों को भी इस खतरे से बचा सकते हैं।