digiyatra app: जानिये क्या है DigiYatra? जो लम्बी कतारों और डाक्यूमेंट्स से दिलाएगा छुटकारा
अगर आप हवाई यात्रा करते हैं, तो आप जानते होंगे कि एयरपोर्ट पर चेक–इन, सिक्योरिटी चेकिंग और बोर्डिंग जैसी प्रक्रियाओं में कितना समय लगता है। अक्सर फ्लाइट से यात्रा के दौरान इन सब कामों में 1 से 1.5 घंटे तक का समय लग जाता है। लेकिन अब भारतीय सरकार ने एक नई तकनीक पेश की है, जिसका नाम है डिजीयात्रा, इससे इस समय को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अगर आप डिजीयात्रा के बारे में नहीं जानते, तो चलिए आज हम आपको बतायेंगे कि आखिर ये है क्या? इसके इस्तेमाल के क्या फायदे हैं और कैसे इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
डिजीयात्रा (DigiYatra) क्या है?
डिजीयात्रा एक ऐसी तकनीक है, जिससे एयरपोर्ट पर चेक–इन और बोर्डिंग की प्रक्रिया काफी तेज हो जाती है। इसका इस्तेमाल आईडी प्रूफ के तौर पर किया जाता है. आईडी प्रूफ के तहत इस तकनीक में यात्री के चेहरे की पहचान का उपयोग किया जाता है. इसकी मदद से यात्री आईडी प्रूफ और बोर्डिंग पास के बिना भी अपनी यात्रा पूरी कर सकते हैं। यानी अब आपको एयरपोर्ट पर किसी भी दस्तावेज़ को दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी, आपका चेहरा ही आईडी प्रूफ के तौर पर काम करेगा।
डिजीयात्रा क्यों शुरू किया गया?
डिजीयात्रा ऐप की शुरुआत भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 1 दिसंबर 2022 को किया था। इस पहल का उद्देश्य हवाई यात्रियों को तेज, सुरक्षित और संपर्क रहित अनुभव देना है। डिजीयात्रा के तहत यात्रियों की पहचान को ऑटोमैटिक तरीके से सुरक्षित रूप से वेरिफाई किया जाएगा, जिससे लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा और एयरपोर्ट की सुरक्षा भी मजबूत होगी। इस तकनीक के इस्तेमाल से केवल असली यात्री को ही टर्मिनल में एंट्री मिल सकेगी, जिससे सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सकेगा।
चलिए अब जानते हैं कि आप कैसे DigiYatra ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं.
इसका इस्तेमाल बहुत हीं आसान हैं. सबसे पहले तो Google Play Store / Apple App Store से DigiYatra ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं. अपना आधार कार्ड डीटेल्स और मोबाइल नंबर से रजिस्टर करना होगा। अपनी फोटो अपलोड करें और फ्लाइट डीटेल्स जोड़ें। एयरपोर्ट पर डिजीयात्रा गेट पर जाएं और फेस स्कैन कर एंट्री लें सकते हैं।
डिजीयात्रा से क्या फायदे होंगे?
- अब यात्रियों को सिक्योरिटी चेक और बोर्डिंग के लिए लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा।
- अब आपको कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ आपका चेहरा आपकी पहचान होगी।
- अब सिर्फ असली यात्री ही एयरपोर्ट में प्रवेश कर पाएंगे, जिससे सुरक्षा में और भी सुधार होगा।
- हेल्थ से जुड़े रिस्क कम होंगे, क्योंकि सारी प्रक्रिया कांटेक्टलेस होगी।