दुनिया में अरबों लोग अपने दिन की शुरुआत चाय के साथ करते हैं.इसमें से ज्यदातर लोग दूध वाली चाय पिटे है तो वही कुछ लोगो को ग्रीन टी पसंद होती है लेकिन क्या आपको पता है की चाय पीने से कई नुकशान भी होते हैं. कई स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि चाय पीने से कैंसर, मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज का जोखिम हो सकता है. चाय एक लिमिट में पीनी चाहिए. अगर आप दिन में 3-4 कप या इससे ज्यादा चाय पी रहे हैं तो यह सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है. आपको बता रहे हैं कि ज्यादा चाय पीने से कौन सी परेशानियां हो सकती हैं
1. हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक दिन में बार-बार चाय पीने से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है. चाय की पत्ती में टेनिंस (Tannins) नाम का पदार्थ होता है, जो शरीर में मौजूद आयरन के तत्वों से चिपक जाता है और उन्हें पाचन क्रिया से खत्म कर देता है. आयरन की कमी से एनीमिया की समस्या हो जाती है. एनीमिक लोगों को चाय पीने से बचना चाहिए.
2. अत्यधिक चाय पीने से बेचैनी और थकान महसूस हो सकती है. चाय में कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है. यह एक ऐसा पदार्थ है जो शरीर में बेचैनी और थकान को बढ़ाता है.इसके अलावा जितनी चाय की प्याली आपकी दिनचर्या में बढ़ेंगी, उतना ही नींद प्रभावित होगी. कैफीन की वजह से नींद की समस्या हो जाती है. इससे मेंटल हेल्थ को नुकसान होता है और तनाव व एंजाइटी की समस्या हो सकती है.
3. चाय पीने की वजह से व्यक्ति को पेट की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है. इससे एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है. गर्भवती महिलाओं के लिए चाय की चुस्कियां नुकसानदायक हो सकती हैं. प्रेग्नेंसी में ज्यादा चाय पीने से महिला के साथ गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नुकसान पहुंच सकता है. प्रेग्नेंसी में चाय से दूरी बनानी चाहिए.
4. वैसे तो चाय पीने से कई लोगों को सिर दर्द दूर हो जाता है, लेकिन जब चाय दो-तीन बार से ज्यादा हो जाए तो सिर दर्द की वजह बन सकती है. चाय में मौजूद कैफीन की वजह से ऐसा होता है. जब किसी व्यक्ति को चाय की लत लग जाती है तब वह कैफ़ीन का आदी बन जाता है. उसे बार-बार कैफीन की क्रेविंग होती है. चाय न मिलने पर उसके मूड और व्यवहार में बदलाव हो सकता है.
5. ज्यादा चाय पीने से चक्कर आने की समस्या हो सकती है. यह लक्षण भी कैफीन की खुराक से जुड़ा होता है.अगर चाय पीने के बाद आपको अक्सर चक्कर आते हैं, तो कम कैफीन वाली ड्रिंक्स का सेवन करें और डॉक्टर से संपर्क करें. कई बार छोटे-छोटे लक्षण बड़ी बीमारियों के भी हो सकते हैं.