fake note: ऐसे करें असली और नकली नोटों की पहचान
नकली नोटों के चलते भारतीय बाजार में अक्सर भ्रम की स्थिति बन जाती है, और लोगों को यह चिंता रहती है कि कहीं वे नकली नोटों का लेन–देन न कर लें। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इस बात की चिंता जताई है कि नकली नोटों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, अधिकांश लोग इस समस्या से जूझते हैं और अक्सर अपने नोटों की पहचान करने में परेशान हो जाते हैं। विशेषकर बड़े नोटों के मामले में कई बार भ्रम उत्पन्न हो जाता है, और लोग नकली और असली नोट में अंतर नहीं कर पाते हैं। अगर आप भी ऐसी परेशानियों का सामना करते हैं, तो आज हम आपको यह बताएंगे कि कैसे आप नकली नोट की पहचान कर सकते हैं. साथ हीं असली–नकली नोट को लेकर आरबीआई की क्या गाइडलाइंस हैं।
आरबीआई की गाइडलाइंस
आरबीआई ने नकली नोटों से संबंधित कई निर्देश जारी किए हैं ताकि लोग इसमें अंतर समझ सकें। इन निर्देशों के मुताबिक, अगर एक ट्रांजैक्शन में चार नकली नोट मिलते हैं, तो ऐसी स्थिति में नोडल बैंक अधिकारी पुलिस को महीने के अंत में इसकी रिपोर्ट करेंगे। इसके साथ ही जाली नोट को पुलिस के पास जमा करना होगा। वहीं, यदि एक ट्रांजैक्शन में पांच नकली नोट मिलते हैं, तो ऐसी स्थिति में नोडल ऑफिसर को तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करना जरुरी है. पुलिस को सूचना देने के बाद FIR दर्ज होगी। फिर बैंक की मुख्य शाखा को इस रिपोर्ट की एक कॉपी भेजी जाएगी।
500 रुपये के नकली नोट की पहचान कैसे करें
फिलहाल 500 रुपये का नोट सबसे ज्यादा चलन में है, और इसे पहचानने के लिए कुछ खास बातें हैं जिनका ध्यान जरुरी है। तो आज हम आपको 500 रुपये के असली और नकली नोट में फर्क बताने जा रहे हैं:
- उभरे हुए अंक: महात्मा गांधी के पोर्ट्रेट और अशोक स्तंभ के ऊपर काले गोले में अंकित “500” को थोड़ी सी उभरी हुई स्थिति में रखा जाता है, ताकि दृष्टिहीन लोग इसे छूकर पहचान सकें।
- हरे रंग की पट्टी: नोट के सामने की तरफ बाईं ओर नीचे दी गई हरी पट्टी के ठीक ऊपर दो रंग में “500” लिखा होता है। यह एक प्रमुख सुरक्षा फीचर है, जो नोट की पहचान में मदद करता है।
- लेटेंट इमेज: हरी पट्टी पर “500” अंक की एक लेटेंट इमेज भी छपी होती है, जिसे जब आप नोट को ऊपर की ओर झुका कर देखेंगे, तो यह छवि उभर कर दिखेगी। यह एक और सुरक्षा फीचर है जो असली और नकली नोटों में अंतर बताता है।
- देवनागरी लिपि में 500: नोट पर देवनागरी लिपि में “500 रुपये” लिखा होता है, जो इसे और ज्यादा पहचानने योग्य बनाता है।
- माइक्रो लेटर्स में भारत और इंडिया: गांधी जी के चित्र पर माइक्रो लेटर्स में “भारत” और “India” लिखा होता है, जिसे साधारण नजर से नहीं देखा जा सकता, लेकिन एक लूप से देखा जा सकता है।
- कलर शिफ्ट विंडो वाला सिक्योरिटी थ्रेड: 500 रुपये के नोट पर कलर शिफ्ट वाला सिक्योरिटी थ्रेड होता है, जो झुकाने पर हरे रंग से नीले रंग में बदल जाता है। यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा फीचर है।
- आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर और RBI का लोगो: महात्मा गांधी के चित्र के दाईं ओर, आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ “RBI” का लोगो होता है। यह नोट की असलियत का सबूत है।
- पैनल नंबर: नोट के ऊपर बाईं तरफ और नीचे दाईं तरफ बढ़ते हुए फॉन्ट में अंकित पैनल नंबर होता है। यह नोट की विशिष्ट पहचान के लिए जरूरी है।
- वॉटरमार्क: नोट के दाईं ओर एक क्रीम वाइट स्पेस में गांधी जी का पोर्ट्रेट और इलेक्ट्रोटाइप “500” वॉटरमार्क होता है, जिसे आसानी से देखा जा सकता है।
- रुपये का सिंबल: दाईं तरफ उसी क्रीम/व्हाइट स्पेस में रुपये के सिंबल के साथ कलर चेंजिंग इंक (ग्रीन से ब्लू) में “500” अंकित होता है। यह एक अन्य विशेष सुरक्षा फीचर है जो असली नोटों में रहता है।
- अशोक स्तंभ: नोट के दाहिनी तरफ अशोक स्तंभ भी अंकित होता है, जो इसे पहचानने में मदद करता है।
- महात्मा गांधी का चित्र: नोट के मध्य में महात्मा गांधी का चित्र अंकित होता है, जो हर भारतीय मुद्रा पर एक अहम पहचान चिह्न है।
निष्कर्ष
नकली नोटों से बचने के लिए लोगों को इन महत्वपूर्ण पहचान चिन्हों का ध्यान रखना चाहिए। इन गाइडलाइंस और सुरक्षा फीचर्स के जरिए आप आसानी से नकली नोट को असली नोट से पहचान सकते हैं। अगर आपको कभी भी संदेह हो, तो तुरंत अपने नजदीकी बैंक या पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करें। भारतीय रिजर्व बैंक ने इन सुरक्षा उपायों को लागू किया है, ताकि देश में नकली मुद्रा का प्रसार कम किया जा सके और लोग सुरक्षित लेन–देन कर सकें।