fastag blacklist: फ़ास्टैग का इस्तेमाल करने वालों को ये 5 नियम जानने हैं जरुरी वर्ना पड़ जाएंगे लेने के देने

रोड पर गाड़ी चलाते समय जब रास्ते में टोल प्लाजा आता है, तो टोल टैक्स देने के लिए हम फ़ास्टैग का इस्तेमाल करते हैं. पहले टोल टैक्स देने के लिए लाइन में लगने की जरूरत होती थी. लेकिन फ़ास्टैग आने के बाद टोल टैक्स देना आसान हो गया. अब हमें लम्बे लाइन में खड़े होकर इंतजार करने की भी जरूरत नहीं होती है. बस कुछ हीं सेकंड में हमारा टोल टैक्स (tol tax) फ़ास्टैग के माध्यम से कट जाता है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने पूरे देश में फ़ास्टैग को अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में जिनके पास भी चार पहिया वाहन है या गाड़ी है, तो उन्हें फ़ास्टैग की जानकारी होगी.

सफ़र के दौरान अक्सर हमारी गाड़ी टोल प्लाजा से गुजरती है, जहाँ टैक्स देने के लिए हम फ़ास्टैग का इस्तेमाल करते हैं. इस दौरान आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना जरुरी है, वर्ना आपका फ़ास्टैग ब्लैकलिस्ट (fastag blacklist) हो सकता है या दोगुना टैक्स देना पड़ सकता है. आज हम आपको फ़ास्टैग से जुड़े पांच नियमों के बारे में बतायेंगे.

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5 साल पुराने फ़ास्टैग को बदलना जरुरी:

इसमें सबसे पहला नियम है, पांच साल पुराने फ़ास्टैग को बदलना. यदि आपका फ़ास्टैग पांच साल पुराना हो चूका है, तो उसे बदलना जरुरी है. उसे बदल कर आपको नया फ़ास्टैग लेना जरुरी होगा. नए फ़ास्टैग के लिए केवाईसी (fastag KYC) की प्रक्रिया पूरी करनी जरुरी है. केवाईसी के दौरान जिस बैंक से आपका फ़ास्टैग कनेक्ट है, उसके पोर्टल से यह लॉग इन हो जायेगा. फिर नए फ़ास्टैग के लिए गाड़ी की आरसी और गाड़ी के फ्रंट और साइड की फोटो अपलोड करनी होगी. गाड़ी के आईडी कार्ड अपलोड होंगे. नए फ़ास्टैग की निर्धारित फीस चुकानी होगी. इन सभी प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद नया फ़ास्टैग आपके लिए जारी कर दिया जाएगा. इसके अलावे यदि फ़ास्टैग तीन साल पुराना हुआ है, तो इस दौरान भी इसकी रीकेवाईसी करवानी जरुरी है. यदि आप अपनी रीकेवाईसी पूरी नहीं करवाते हैं, तो आपके फ़ास्टैग को ब्लैकलिस्टेड किया जा सकता है. रीकेवाईसी पूरी करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर है.

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फ़ास्टैग विंडशील्ड पर चिपकाना जरुरी:

इसके अलावे जरुरी है कि आप अपने फ़ास्टैग के साथ मोबाइल नंबर भी लिंक करवा लें. यदि फ़ास्टैग से नंबर लिंक भी है और आप वो नंबर इस्तेमाल में नहीं ला रहें या बंद हो चूका है तो ऐसी स्थिति में अपना सहीं नंबर लिंक करवाएं. दोबारा नंबर लिंक करवाने के लिए आपको पोर्टल पर जाना होगा. अब सवाल यह उठता है कि हमने फ़ास्टैग तो ले लिया लेकिन अब इसे चिपकाए कहाँ? कई लोग फ़ास्टैग को कहीं भी चिपका देते हैं. लेकिन फ़ास्टैग को हमेशा गाड़ी के विंडशील्ड पर हीं चिपकाएँ. कई लोग तो फ़ास्टैग लेने के बाद भी उसे नहीं चिपकाते हैं. लेकिन ध्यान रखें ऐसा करना आप पर हीं भारी पड़ सकता है. फ़ास्टैग को चिपकाने का नियम है, और जब भी गाड़ी पर यह चिपकेगा तो इसे विंडशील्ड पर हीं चिपकाना जरुरी होगा. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको डबल टोल टैक्स देना पड़ सकता है.

अगर आपने नई गाड़ी ली है, तो ऐसे लोगों को 90 दिन का समय दिया जाता है. इस अवधि में गाड़ी फ़ास्टैग के साथ रजिस्टर होनी चाहिए. इन 90 दिनों में नई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर और चेचिस नंबर अपलोड करना होगा. साथ हीं अन्य कुछ डिटेल्स गाड़ी के देने होंगे. 90 दिन में काम पूरा नहीं होने पर 30 दिन का अतिरिक्त समय मिलता है.

यदि आप फ़ास्टैग का इस्तेमाल करते हैं, तो इन नियमों को ध्यान में रखें. वर्ना आपके फ़ास्टैग को ब्लैकलिस्टेड किया जा सकता है या आपको दोगुना टोल टैक्स देना पड़  सकता है.

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