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बिहार के 5 ऐतिहासिक पर्यटक स्थल, जिनकी चर्चा पुरे विश्व में

Bihari News

बिहार का इतिहास पुरे भारत में धार्मिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बिहार का प्राचीन नाम मगध था और इसकी राजधानी पटना पाटलिपुत्र के नाम से प्रसिद्द थी. बिहार में मगध, मौर्या, गुप्त, मुग़ल जैसे प्रसिद्ध शासकों ने शासन किया. यूँ तो बिहार में कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल हैं जो पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन आज के इस विडियो में हम 5 जगहों की चर्चा करेंगे. यदि आप अपने बच्चे और परिवार को बिहार के इतिहास से रूबरू करवाना चाहते हैं तो यह विडियो आपके लिए काफी महतवपूर्ण होने वाला है. तो सबसे पहले हम बात करते हैं बिहार के मिथिला का अभिन्न अंग मधुबनी की

 

मधुबनी की प्रमुख भाषा मैथिलि है. मधुबनी मिथिला पेंटिंग और मखाने के पैदावार के लिए बिहार और भारत में हीं नहीं बल्कि पुरे विश्व में जाना जाता है. यदि यहाँ के प्रमुख पर्यटक स्थल को देखे तो जयनगर, फुल्लाहर, झंझारपुर, भवानीपुर, कपिलेश्वरनाथ और सौराठ मुख्य रूप से शामिल हैं. यहाँ आप अपने परिवार के साथ जाकर क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं.

दुसरे पर्यटक स्थल में हम बात राजगीर की करेंगे. राजगीर बौद्ध और जैन दोनों धर्मो के लिए ऐतिहासिक रूप से मायने रखता है. क्योंकि गौतम बुद्ध और भगवन महावीर दोनों ने हीं धार्मिक और आध्यात्मिक उपदेश देते हुए राजगीर में समय बिताया. ये शहर चारो तरफ से खुबसूरत वादियों और पहाड़ो से घिरा है. राजगीर गर्म कुंड, हरेभरे जंगल, झरने और गुफाओ के लिए प्रसिद्ध है. यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शांति स्तूप, सोन भंडार, बिम्बिसार का जेल, विर्यातन संग्राहलय, साइक्लोपियन दिवार, वेणुवन, ग्रिधाकूटा, सप्तपर्णी गुफा और मखदूम कुंड मुख्य रूप से प्रसिद्ध हैं.

नालंदा जिले में स्थित पावापुरी यह भी जैन धर्म के लिए काफी महत्वपूर्ण है. भगवान महावीर का दाहसंस्कार इसी जगह पर हुआ था. पावापुरी में जलमंदिर भी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. मान्यता है की भगवान महावीर के दाहसंस्कार में काफी लोग इकट्ठे हुए थे और दाहसंस्कार के बाद राख समाधी के साथसाथ मिटटी भी उठाने लगे जिससे एक तालाब का निर्माण हो गया. आगे चल कर उस तालाब को बड़ा रूप देकर उसके बीच एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया जो आज जल मंदिर के नाम से प्रसिद्द है.

सीतामढ़ी जो की माँ सीता का जन्मस्थान है. ऐसी मान्यता है की राजा जनक सीतामढ़ी स्थित पुनौरा नामक स्थान पर हल जोत रहे थे और उसी वक्त माँ सीता का जन्म धरती से हुआ. यहाँ प्रसिद्द पर्यटक स्थलों में जानकी मंदिर, पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान, बगही मठ, पंथ पाकड़ और उरविजा कुंड काफी प्रसिद्द है.

 

सोनपुर का मेला पुरे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है. सोनपुर का यह मेला पशु मेला के नाम से प्रसिद्द तो है लेकिन यहाँ जरुरत की और भी कई चीजे मिलती है. ठंडे में पहनने वाले कपड़ो की भी खरीदारी लोग मोटे तौर पर करते है. सोनपुर में लगने वाला यह पशु मेला कार्तिक पूर्णिमा के दिन से लगता है और लगभग एक महीने तक रहता है. कहा जाता है की चन्द्रगुप्त मौर्या ने यहाँ से हाथी, घोड़े, बैल और हथियारों की खरीदारी की थी और इरान, इराक व अफगान से भी लोग खरीदारी के लिए आया करते थे. यहाँ पर स्थित हरिहरनाथ मंदिर भी पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्द है. इस मंदिर में स्थित लिंग में शिव और हरी दोनों हीं एक साथ है और यह पुरे देश का एकलौता ऐसा मंदिर है.

आशा करती हूँ की बिहार में मौजूद ये ऐतिहासिक पर्यटन स्थल की जानकारी आपको अच्छी लगी होगी

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