glass bridge: राजगीर के बाद अब बिहार के इस जिले में बनेगा ग्लास ब्रिज, राज्य में पर्यटन की बदलेगी तस्वीर

बिहार तेजी से एक प्रमुख टूरिज्म हब के रूप में उभरता जा रहा है. जल्द हीं बिहार की तस्वीर बदलने वाली है. इसी बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ऐलान किया है कि सहरसा जिले के पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। पहले जहां बिहार के कुछ ही जिलों को पर्यटन के लिहाज से जाना जाता था, लेकिन अब सहरसा जैसे जिलों में भी विकास के नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। इन विकास योजनाओं के बीच सहरसा में एक और गिलास ब्रिज बनाने की बात सामने आई है, इसके साथ ही मतस्यगंधा झील का कायाकल्प और करमचक में इकोटूरिज्म एडवेंचर हब की स्थापना बिहार के पर्यटन क्षेत्र को एक नया मोड़ देने जा रही है।

सहरसा में बनेंगे गिलास ब्रिज और आकर्षक संरचनाएं

राजगीर के बाद सहरसा में भी एक नया गिलास ब्रिज बनाया जाएगा, जिससे पर्यटकों को एक नया आकर्षण मिलेगा। इस गिलास ब्रिज के साथसाथ कई और आकर्षक संरचनाओं का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिससे यह क्षेत्र एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी और कहा कि इस योजना में केंद्र सरकार का पूरा समर्थन है। इसके लिए केंद्र सरकार ने आवश्यक बजट जारी किया है. जिसके लिए सम्राट चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी तथा पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का धन्यवाद भी किया।

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97.61 करोड़ रुपये से मतस्यगंधा झील का होगा कायाकल्प

सहरसा में स्थित मतस्यगंधा झील का विकास बिहार सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके लिए सरकार 97.61 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इस राशि का उपयोग झील के सौंदर्यीकरण, पर्यटन सुविधाओं के विस्तार और अन्य आवश्यक संरचनाओं के निर्माण में किया जाएगा। झील के आसपास विभिन्न आकर्षक संरचनाओं का निर्माण होगा, जैसे गिलास ब्रिज, घाट, टॉयलेट ब्लॉक, पार्किंग स्थल, और फूड कोर्ट। इसके अलावा, झील के आसपास प्राकृतिक सौंदर्य को और बढ़ाने के लिए म्यूजिकल फाउंटेन भी बनाया जाएगा।

करमचक में इकोटूरिज्म एडवेंचर हब

सहरसा के करमचक क्षेत्र में इकोटूरिज्म और एडवेंचर हब बनाने के लिए 49.51 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस योजना के तहत, करमचक को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां पर्यटक एडवेंचर गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे। इसमें ट्रैकिंग, कैम्पिंग, और अन्य एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों के समान विकसित करने की योजना है, जहां पर्यटक केवल प्राकृतिक सौंदर्य का ही नहीं, बल्कि रोमांचक अनुभवों का भी लाभ उठा सकेंगे।

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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे

इस योजना का मुख्य उद्देश्य न केवल बिहार के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना है, बल्कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है। गिलास ब्रिज और अन्य आकर्षक संरचनाओं के निर्माण से पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के कई नए अवसर पैदा होंगे। इसके साथसाथ, स्थानीय व्यापारियों को भी फायदा होगा, क्योंकि पर्यटकों के आने से होटल, रेस्टोरेंट और अन्य सेवाओं की मांग में वृद्धि होगी।

सहरसा के इस प्रोजेक्ट का एक और फायदा यह होगा कि इससे क्षेत्र में स्थानीय विकास भी होगा। पर्यटन के बढ़ने के साथ ही यहां की सड़कों, परिवहन व्यवस्था, और अन्य बुनियादी ढांचे को भी सुधारने की जरूरत होगी, जिससे पूरे क्षेत्र का समग्र विकास होगा। बिहार में बोधगया और राजगीर जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहले से ही मौजूद हैं, और अब सहरसा जैसे अन्य जिलों में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

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