बिहार राज्य को एक्सप्रेस वे का एक ऐसा तोहफा मिलने जा रहा जो तीन राज्यों को जोड़ेगी. इस एक्सप्रेस वे से जुड़ने वाले तीन राज्य में बिहार भी शामिल है. बताते चलें की यह एक्सप्रेस वे आपको यूपी से होते हुए बिहार और फिर बंगाल तक ले जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर–सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे का तीन जिलों में सर्वे का काम पूरा हो चूका है, और बिहार के पांच जिलों में अभी भी यह काम लगभग अंतिम चरण पर है. उम्मीद है की एक महीने के अन्दर इस काम को भी ही पूरा कर लिया जायेगा. इस काम के खत्म होते ही एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण के काम की भी शुरुआत हो जाएगी.
लिहाजा, इस बात की जानकारी हो की किसी भी सड़क परियोजना के लिए लगभग 80 प्रतिशत भूमि के अधिग्रहण के बाद ही बनाने का टेंडर जारी किया जाता है. गोरखपुर–सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे को भारतमाला फेज-2 के अंतर्गत बनाया गया है. इसके अंतर्गत बन रहे इस एक्सप्रेस वे के भूमि के अधिग्रहण हेतु जिलों का एक सक्षम प्राधिकार गठित है. प्राधिकारी को जल्द ही इसके सर्वे की रिपोर्ट भी सौंप दी जाएगी. तीन राज्यों को यानि उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली यह गोरखपुर–सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे की लम्बाई 519 किलोमीटर है. इस 519 किलोमीटर में से लगभग 416 किलोमीटर का यह हिस्सा राज्य बिहार का होगा. आपको बता दें की बनाये जाने वाली यह सड़क पूरी तरह से नयी होगी. बिहार के किशनगंज, अररिया, शिवहर, सुपौल, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले में यह सड़क होगी. बताते चलें की बिहार के मधुबनी जिले में यह सड़क सबसे अधिक होगी. यहाँ सड़क की लम्बाई लगभग 94 किलोमीटर में होगी. बचे बाकि जिलों को यदि देखे तो किशनगंज में 63.2 किलोमीटर, अररिया में 48.5 किलोमीटर, शिवहर में 15.8 किलोमीटर, सुपौल में 32 किलोमीटर, सीतामढ़ी में 40.7 किलोमीटर, पूर्वी चंपारण में 72.5 किलोमीटर और पश्चिमी चम्पारण में 23.4 किलोमीटर तक सड़क बनाई जाएगी.
गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच वर्त्तमान समय में सीधी सड़क की सेवा नही होने के कारण गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक का सफ़र तय करने में लगभग एक दिन का समय लग जाता है. यदि गोरखपुर–सिलीगुड़ी का प्रस्तावित एक्सप्रेस वे पूरी तरह से बन कर तैयार हो जाता है तो इन दोनों शहरों के बीच की दुरी को तय करने में ज्यादा समय भी नहीं लगेगा.
अपने इस चर्चा के बीच हम आपको बताते चलें की बिहार राज्य के विकास को गति देने में एक्सप्रेस वे की भूमिका भी अहम् है. बिहार के लगभग 28 जिलों से होकर एक्सप्रेस वे गुजरती है. यदि पहले एक्सप्रेस वे की बात करें तो पहला एक्सप्रेस वे औरंगाबाद से जयनगर के बीच है. इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 271 किलोमीटर है, जो 6 जिलों से होकर गुजरती है. इन 6 जिलों में गया, जहानाबाद, पटना, नालंदा, दरभंगा और औरंगाबाद शामिल हैं. अब दुसरे नंबर पर हम बात करते हैं रक्सौल–हल्दिया एक्सप्रेस वे की. इसकी लम्बाई 695 किलोमीटर की होगी. उम्मीदन यह एक्सप्रेस वे 2024-25 तक बन कर तैयार हो जायेगा. यह एक्सप्रेस वे बिहार के नौ जिलों से होकर गुजरेगी. इन नौ जिलों में मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण. पश्चिमी चंपारण, पटना, बिहारशरीफ, जमुई, शेखपुर, सारण, और बांका शामिल हैं. अब तीसरे नंबर पर हम बात करते हैं बक्सर भागलपुर एक्सप्रेस वे की. इसकी लम्बाई 350 किलोमीटर की है. आपको बता दें की पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को ही आगे जाकर भागलपुर से जोड़ा जाना है. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम पूरा हो गया है और यह एक्सप्रेस वे बक्सर को दिल्ली से जोड़ता है.