हर तरफ से पस्त टीम को 22 साल के इस युवा कप्तान ने उठाया और बना दिया सबसे खतरनाक टीम
दक्षिण अफ्रीका के सबसे युवा कप्तान, जिसके नाम है सर्वाधिक टेस्ट मैचों में कप्तानी करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड
टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे सफल कप्तान, जिसने अपनी टीम को बनाया टेस्ट में बेस्ट
बतौर कप्तान सबसे अधिक रन बनाने वाला बल्लेबाज
मैच फिक्सिंग का काला साया, घर में वर्ल्ड कप में शर्मशार, हर तरफ से पस्त टीम को 22 साल के इस युवा कप्तान ने उठाया और बना दिया सबसे खतरनाक टीम.

दोस्तों, 2000 के दशक की शुरुआत दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं रही थी. दिग्गज कप्तान हैन्सी क्रोन्ये के मैच फिक्सिंग कांड ने अफ्रीकी क्रिकेट के साथ–साथ विश्व क्रिकेट को भी बदनाम कर दिया था. ऐसे में फैंस का इस खेल से भरोसा उठने लगा था फिर 2003 में अपनी ही जमीन पर हुए वर्ल्ड कप में प्रदर्शन शर्मनाक रहा और टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई. ऐसे में दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट की लोकप्रियता अपने सबसे निचले स्तर पर था. इस हालातों में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने 22 साल के एक युवा बल्लेबाज को टीम की कमान दे दी. अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड के इस फैसले ने क्रिकेट वर्ल्ड को तब हैरत में डाल दिया था. लेकिन किसे पता था यही खिलाड़ी एक दिन अफ्रीकी टीम को विश्व की सबसे खतरनाक टीम बना देंगे और क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ कप्तान साबित होंगे.
इस लेख में बात होगी एक दिग्गज बल्लेबाज और महान कप्तान ग्रीम स्मिथ के बारे में. आज हम दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ग्रीम स्मिथ के जीवन से जुड़े कुछ जाने–अनजाने और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.
दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में ‘लिजेंड‘ का रुतबा हासिल करने वाले ग्रीम स्मिथ का जन्म 1 फरवरी, 1981 को हुआ था. जोहानसबर्ग में जन्मे स्मिथ ने किंग एडवर्ड स्कूल से अपनी पढ़ाई की, जहां से कई बड़े–बड़े क्रिकेटर और नामी अफ्रीकी खिलाड़ी निकले थे. स्मिथ भी उन्हीं में से एक थे. क्रिकेट का भूत तो बचपन से ही सवार था और मन में एक ही सपना था, देश का प्रतिनिधित्व करना. 1999-2000 सीजन में स्मिथ ने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू कर लिया था. फर्स्ट क्लास में अपनी दमदार बल्लेबाजी से स्मिथ ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा. और आख़िरकार वो दिन भी आ गया जब स्मिथ ने दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय टीम से अपना डेब्यू किया. साल 2002 में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था और इसी दौरान ग्रीम स्मिथ ने अपना अंतराष्ट्रीय टेस्ट डेब्यू किया था और इसी दौरान अपना वनडे अंतराष्ट्रीय डेब्यू भी. केपटाउन में खेले गए उस मुकाबले में स्मिथ नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने उतरे थे. पहली पारी में वो सिर्फ 3 रन बनाकर ही आउट हो गए थे लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने 68 रनों की पारी खेली. वह मैच ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट से जीत लिया था. स्मिथ की बेहतरीन बैटिंग स्किल को देखते हुए टीम मैनेजमेंट ने तय किया कि अब वो पारी की शुरुआत करेंगे और हुआ भी ऐसा ही. 30 मार्च, 2002 को सीरीज के चौथे वनडे मुकाबले में स्मिथ ने अपना वनडे इंटरनेशनल डेब्यू किया था. यहां पारी की शुरुआत करने आए स्मिथ ने 41 रन बनाकर अपने बल्ले की छाप छोड़ी.
अपने तीसरे टेस्ट अंतराष्ट्रीय में बांग्लादेश के विरुद्ध मैच में स्मिथ को हर्षल गिब्स के साथ पारी की शुरुआत करने भेजा गया और स्मिथ ने बतौर ओपनर अपने पहले ही मैच में 200 रन बना दिए. फिर इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में स्मिथ और गिब्स ने पहले विकेट के लिए 368 रनों की साझेदारी कर डाली, इस दौरान स्मिथ ने 151 रन और गिब्स ने 228 रन बनाए थे. फिर आया साल 2003, जब दक्षिण अफ्रीका में ही वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था. अफ्रीकी टीम का प्रदर्शन टूर्नामेंट में बेहद निराशाजनक रहा और टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी. वर्ल्ड कप में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद टीम के तत्कालीन कप्तान शौन पॉलक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया तब मैनेजमेंट के सामने नए कप्तान को लेकर दुविधा आ गई. तब अफ्रीकी टीम मैनेजमेंट ने युवा ग्रीम स्मिथ को टीम की कमान सौंप दी. तब इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी, क्योंकि स्मिथ तब एकदम युवा थे, वो दक्षिण अफ्रीका के लिए सिर्फ 8 टेस्ट और 22 वनडे ही खेले थे. लेकिन मैनेजमेंट ने स्मिथ के अंदर छिपे एक उम्दा कप्तान को देख लिया था. 22 साल और 82 दिनों के ग्रीम स्मिथ ने पहली बार अफ्रीकी टीम की कप्तानी की, बांग्लादेश के खिलाफ मैच में. और इस तरह वो दक्षिण अफ्रीका के सबसे युवा कप्तान बन गए. स्मिथ ने 2002 की चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी टीम को सेमीफाइनल में चोक करते देखा था फिर एक साल बाद अपने घर पर हुए वर्ल्ड कप में टीम को गर्त में जाते देखा था. ऐसे में जैक कैलिस, मार्क बाउचर. लांस क्लूजनर और हर्शल गिब्स जैसे अनुभवी धुरंधरों के रहते 22 साल के ग्रीम स्मिथ को जब टीम का कप्तान बनाया गया तो ये किसी को रास नहीं आया, लेकिन ये फैसला अफ्रीकी क्रिकेट को रास आया. यहीं से दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट की पूरी तस्वीर और तकदीर बदली.
स्मिथ की सबसे खास बात ये रही कि कप्तानी का दबाव उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में नहीं आने दिया और शायद इसलिए उनकी गिनती क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में होती है. अपने पहले 12 टेस्ट मैचों में ही स्मिथ ने 3 दोहरे शतक समेत 4 शतक जड़ दिए थे. इसमें से लगातार 2 दोहरे शतक तो इंग्लैंड के खिलाफ उनके ही घर में आए थे. सबसे बड़ी बात ये थी कि ये बतौर कप्तान स्मिथ का सिर्फ दूसरा और तीसरा टेस्ट था और यह स्मिथ की सिर्फ दूसरी सीरीज थी.
1965 के बाद से अफ्रीकी टीम इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी थी लेकिन स्मिथ की कप्तानी वाली टीम इस करिश्मे के करीब पहुंची. हालांकि सीरीज जीतने में तो कामयाबी नहीं मिली लेकिन 2-2 से सीरीज ड्रा जरुर हुई थी. इस सीरीज में स्मिथ ने 700 से ऊपर रन बनाए थे और जो भी लोग स्मिथ की कप्तानी को शक की नजरों से देख रहे थे, उनका मुंह बंद हो गया. यहां से स्मिथ की कप्तानी वाली अफ्रीकी टीम के क्रिकेट जगत में दबदबे की धमक सुनाई देने लगी थी. सबसे मजबूत टीम उस वक्त भी ऑस्ट्रेलिया की टीम ही थी लेकिन अफ्रीकी टीम ने सीधे सबसे मजबूत टीम को ही चुनौती दे डाली क्योंकि ये स्मिथ की कप्तानी वाली नई अफ्रीकी टीम थी.
मार्च, 2006 में जोहानसबर्ग में खेला गया वो ऐतिहासिक वनडे मैच याद आ रहा है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में 434 रन बनाए थे. वनडे इंटरनेशनल में ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी टीम ने 400 का आंकड़ा पार किया था. हार तय थी, लेकिन कप्तान स्मिथ ने खुद मोर्चा संभाला और 55 गेंदों पर 90 रन जड़कर रन–चेज की बुनियाद रख दी. स्मिथ को देख हर्शल गिब्स ने भी अपना विराट अवतार दिखाया और 111 गेंदों पर 175 रन ठोक दिए. दक्षिण अफ्रीका की टीम ने पूरी दुनिया को चौंकाते हुए 438 रन बनाकर मैच जीत लिया. मैच काफी रोमांचक था, जहां अफ्रीकी टीम ने सिर्फ 1 विकेट से मैच अपने नाम किया था.
2008-09 सीजन ग्रीम स्मिथ की कप्तानी का सबसे शानदार सीजन रहा था. इस सीजन स्मिथ ने अपनी अफ्रीकी टीम को सबसे यादगार जीत दिलाई थी. 2003 में इंग्लैंड में इतिहास रचने के करीब आए स्मिथ ने आखिरकार 2008 में ये कमाल कर ही दिया. 43 साल के लंबे इंतजार के बाद दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज जीती थी.
स्मिथ यहीं नहीं रुके, उन्होंने अगला शिकार किया विश्व चैंपियन कंगारू टीम का. इंग्लैंड में इतिहास रचने के बाद स्मिथ ने सबसे मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम को उनके घर में धूल चटाई. पहले स्मिथ और डिविलियर्स के शतकों की बदौलत अफ्रीकी टीम ने पर्थ में 414 रनों का लक्ष्य हासिल किया फिर बॉक्सिंग डे टेस्ट में जीत दर्ज कर पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज अपने नाम की.
स्मिथ की कप्तानी में अफ्रीकी टीम ने टेस्ट क्रिकेट में शायद सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की. स्मिथ ने अपनी कप्तानी में अफ्रीकी टीम को टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बनाया. इतना ही नहीं 2006 से लेकर के 2016 तक दक्षिण अफ्रीकी टीम विदेशी जमीन पर एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी. इसमें 2014 तक अफ्रीकी टीम की कमान स्मिथ के हाथों में थी.
ग्रीम स्मिथ एक उम्दा बल्लेबाज होने के साथ–साथ एक ढीठ कप्तान थे, ये उनके आंकड़े कहते हैं, हम नहीं. स्मिथ ने 117 अंतराष्ट्रीय टेस्ट मैचों की 205 पारियों में 48.25 की औसत से 9265 रन बनाए, इस दौरान उनके बल्ले से 27 शतक और 38 अर्धशतक निकले. 197 वनडे अंतराष्ट्रीय मैचों में स्मिथ ने 37.98 की एवरेज से 6989 रन बनाए, जिसमें 10 शतकीय और 47 अर्धशतकीय पारियां शामिल थी. इसके अलावा स्मिथ ने 33 टी20 इंटरनेशनल मुकाबले भी खेले, जिसमें 5 अर्धशतकों के साथ उन्होंने 31.67 की औसत से 982 रन बनाए. स्मिथ के नाम 165 फर्स्ट क्लास मैचों में 12,916 रन दर्ज हैं, जिसमें उनके बल्ले से 37 शतक और 51 अर्धशतक आए.
स्मिथ ने कप्तान के रूप में 53 टेस्ट मैच जीते, जो टेस्ट इतिहास में किसी भी कप्तान के लिए सबसे अधिक है. वह 50 से अधिक टेस्ट जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं. स्मिथ के नाम बतौर कप्तान सर्वाधिक टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है. वो रिटायरमेंट तक टीम के कप्तान थे. कप्तान के रूप में स्मिथ ने अपने 93% टेस्ट मैच खेले. उन्होंने 117 में से 109 टेस्ट में कप्तानी की. 8659 रन, बतौर कप्तान स्मिथ सबसे अधिक टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं.
27 शतक के साथ बतौर ओपेनर स्मिथ तीसरे सबसे अधिक टेस्ट शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं. एक सीरीज में अफ्रीकी कप्तान द्वारा सबसे अधिक रन बनाने के मामले में भी स्मिथ टॉप पर हैं. 2003 में इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में स्मिथ ने 714 रन बनाए थे.
माइक ब्रेकले ग्रीम स्मिथ को क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक मानते हैं. ब्रेकले कहते हैं ‘उनके पास बुद्धि, दृढ़ संकल्प और दीर्घायु थी, कप्तानी का बोझ उन्होंने कभी भी अपनी बल्लेबाजी में नहीं आने दिया. स्मिथ के नाता विवादों से भी रहा, जब उनपर नस्लवादी टिपण्णी करने का आरोप लगा. 2005 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान ड्वेन ब्रावो ने स्मिथ पर नस्लवादी टिपण्णी करने का आरोप लगाया था लेकिन स्मिथ के खिलाफ कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ. इसके बाद स्मिथ ने तुरंत ब्रावो से माफ़ी मांगने को कहा लेकिन ब्रावो ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया, ब्रावो को इसमें वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड का भी साथ मिला. 3 मार्च, 2014 को स्मिथ ने 33 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया. हालांकि वो क्रिकेट से जुड़े रहे. दिसंबर, 2019 के मध्य में उनको साउथ अफ्रीका नेशनल क्रिकेट टीम का डायरेक्टर बनाया गया था. इसके अलावा उन्हें क्रिकेट कमेंट्री भी करते देखा गया.
स्मिथ के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने एक आयरिश सिंगर Morgan Deane से अगस्त, 2011 में शादी रचाई थी, जिनसे उन्हें एक बेटी और और बेटा हुआ. 18 फरवरी, 2015 को स्मिथ और मॉर्गन ने पब्लिकली तलाक की घोषणा की थी. 24 दिसंबर, 2016 को स्मिथ की गर्लफ्रेंड Romy Lanfranchi ने स्मिथ के तीसरे बच्चे को जन्म दिया था, जो कि एक लड़का था.
ह्रिस्ट पुष्ट और ताकतवर ग्रीम स्मिथ निःसंदेह विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक हैं और उतने ही उम्दा बल्लेबाज. चक दे क्रिकेट की पूरी टीम ग्रीम स्मिथ के उज्जवल भविष्य की कामना करती है.