विवाह का मौसम चल रहा है। विवाह जिंदगी का एक टर्निंग प्वाइंट होता है। ऐसे में विवाह को लेकर जा तो जल्दबाजी करनी चाहिए न बेफिक्र रहने चाहिए। भारत के कानून के अनुसार विवाह के लिए लड़कियों की उम्र 18 रखी और लडकों के लिए 21 रखा गया है। लेकिन विवाह परिपक्वता की निशानी होती है. इन उम्र में विवाह तो हो जाता है लेकिन खुद की रूचि पसंद या नापसंद खुद ही समझ नहीं आती है। इस उम्र में अधिकतर विवाह परिवार वाले के निर्णय के अनुसार हो जाता है और वे ही पति-पत्नी के आपसी रिश्तों में दखलंदाजी करते रहते हैं.
बदलते समय के अनुसार लड़कियों की आदर्श उम्र 25 -26 और लड़कों का आदर्श उम्र 27 – 29 के बीच होनी चाहिए। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सही उम्र में विवाह कर लेना आपके पूरे जीवन को संतुलित कर देता है और बहुत सारी परेशानियों से बचा लेता है.
सही समय पर शादी करने और खुशहाल वैवाहिक जीवन के फायदे :
डिप्रेशन कई वजहों से होता है लेकिन विवाहित जोड़ों के बीच तनाव ज्यादा देर नहीं टिक पाते या नुकसान नहीं कर पाते .
अपनी कमाई पर ध्यान देते हैं, जिम्मदारी को समझते हैं और बेवजह के खर्च पर लगाम लगता है। पार्टनर के सहयोग से नए रस्ते भी दीखते हैं.
नशे के आदि नहीं होते हैं न ही अनैतिक कार्यों में संलिप्त होते हैं.
सही उम्र पर विवाह करने से आपको विवाह का दबाव नहीं होता है. आप अपने कॅरियर पर पूरा फोकस कर सकते हैं, नए रस्ते तलाश सकते हैं.
अधिक उम्र होने पर सामाजिक दबावों का भी सामना करना पड़ता है। हर जगह और हर दिन की किचकिच।
सही उम्र में विवाह करने के बाद आप खुद को ज्यादा अच्छे से समझ सकेंगे और पार्टनर को भी समझा सकते हैं. यह मैच्युरिटी का प्रतीक है.
सही समय पर विवाह करने से आपको अपने पार्टनर के साथ ज्यादा जिंदगी जीने का मौका मिलता है और वह बेहद हसीन पल होता है.
वृद्धावस्था आने से पूर्व आप संतान के जिंदगी और उससे जुड़ी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभा सकते हैं।
वृद्धावस्था में आपको किसी प्रकार को कोई जिम्मेदारी या तनाव परेशान नहीं करेगा।