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9वीं कक्षा में हुए फेल तो छोड़ दी पढ़ाई वही बच्चा आज है टीम इंडिया का कप्तान

Bihari News

9वीं कक्षा में हुए फेल तो छोड़ दी पढ़ाई, एक वक्त खाने तक नहीं थे पैसे, आज है टीम इंडिया का कप्तान !

एक वक्त खाने तक नहीं थे पैसे, आज जीता है किंग साइज़ लाइफ

मैगी खाकर बिताया दिन, आज है भारत का सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर

अपनी कप्तानी में नई-नवेली टीम को बनाया आईपीएल चैंपियन

9वीं कक्षा में हुए फेल तो छोड़ दी पढ़ाई वही बच्चा आज है टीम इंडिया का कप्तान

खिलाड़ी जो अपने पहले वनडे में ही बन गया ‘मैन ऑफ द मैच’

टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के एक मैच में 4 विकेट और 30 से ऊपर रन बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी

वो कहते हैं ना किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो सारी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में लग जाती है और फिर जहां चाह होती है वहां राह भी निकल ही आती है. आज की कहानी इन दोनों कथनों को सही साबित करती है. गरीबी के धुंध से निकलकर भारत के स्टार ऑलराउंडर और भारत की राष्ट्रीय टीम की कप्तानी करने, अपनी टीम को आईपीएल ट्रॉफी जीतवाने तक के सफर पर आज आपको लेकर चलता हूं.
दोस्तों, भाग्य ऐसे ही नहीं बदलते, भाग्य बदलते हैं मेहनत करने वालों के. जिस खिलाड़ी की बात करेंगे वह गरीबी से निकलकर आज किंग साइज़ लाइफ जीता है. इस खिलाड़ी की कहानी हर किसी के लिए एक प्रेरणा का सागर है. आज इस खिलाड़ी की गिनती विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में होती है और फ़िलहाल यह भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर हैं. सीमित ओवरों में यह टीम इंडिया का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य है. इस लेख में बात होगी भारत के बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पंड्या के बारे में. हम हार्दिक पंड्या के जीवन से जुड़ी कुछ जानी-अनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.

11 अक्टूबर, 1993 को गुजरात के सूरत में पिता हिमांशु पंड्या और मां नलिनी पंड्या के घर उनके छोटे बेटे का जन्म हुआ, जिसका नाम हार्दिक रखा गया. पिता सूरत में कार फाइनेंस का एक छोटा सा बिजनेस चलाते थे और मां एक हाउसवाइफ थी. हार्दिक से बड़े एक भाई भी थे क्रूणाल पंड्या. हार्दिक को बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन क्रिकेट के खेल से बेइंतहा प्यार. मां के लाख समझाने के बावजूद दोनों भाई खासकर हार्दिक पंड्या का मन स्कूल में नहीं लगा. वो स्कूल बंक करके अपने दोस्तों के साथ गली क्रिकेट खेला करते थे, क्रिकेट खेलकर देर शाम घर आना उनकी आदत बन गई थी. हार्दिक के पिता हिमांशु भी क्रिकेट के बड़े शौक़ीन थे और एक वही थे, जिन्हें ये पक्का भरोसा था कि उनके बेटे एक दिन बहुत बड़े क्रिकेटर बनेंगे. इसी वजह से उन्होंने सूरत इमं अपना जमा-जमाया कारोबार छोड़ दिया. वो बडोदरा आ गए ताकि उनके बेटों को क्रिकेट की अच्छी तालीम मिल सके.
हार्दिक और उनके भाई दोनों को अब पिता का भरपूर साथ मिल रहा था. दोनों क्रिकेट खेलते रहे दूसरी तरफ स्कूल से शिकायतों का सिलसिला थम नहीं रहा था. पिता ने यहां भी अपने बेटों का साथ दिया, वो स्कूल वालों को कहते थे कि आपको पता है कि मेरे बेटे एक दिन कितने बड़े आदमी बनने वाले हैं.

आखिरकार 9वीं क्लास में फेल होने के बाद हार्दिक ने पढ़ाई छोड़ दी और अपना पूरा ध्यान क्रिकेट में लगा दिया. पिता हिमांशु अपने परिवार के साथ बडोदरा में किराए के मकान में रहने लगे और उन्होंने अपने बेटों का दाखिला किरण मोरे की क्रिकेट अकैडमी में करवा दिया. लेकिन किरण मोरे ने पहले दिन हिमांशु पंड्या के दोनों बेटों को क्रिकेट की तालीम देने से इनकार कर दिया क्योंकि दोनों भाइयों की उम्र उस समय 10 साल के आसपास थी लेकिन हिमांशु पंड्या के कहने पर जब किरण मोरे ने हार्दिक और क्रूणाल को खेलते हुए देखा तो वो उनके मुरीद हो गए. मोरे दोनों के खेल से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तीन साल तक उनको फ्री ट्रेनिंग देने का फैसला कर लिया था.

प्रतिभा तो पहले से ही थी और मोरे से क्रिकेट के गुर सीखकर हार्दिक जूनियर लेवल पर गजब का प्रदर्शन कर रहे थे, भाई क्रूणाल की मानें तो हार्दिक ने उस दौरान कई मैचों में अपनी टीम को अकेले अपने दम पर जिताए थे. अपने बेटों को किसी तरह की दिक्कत ना हो इसलिए पिता हिमांशु ने हार्दिक के दोस्तों से उनको घर तक छोड़ने के लिए कहते थे लेकिन दोनों भाइयों को यह बिलकुल भी पसंद नहीं था. एक दिन हार्दिक ने अपने पिता से कहा कि वो नहीं चाहते कि आपको कुछ समय बाद लोग आकर ये कहें कि उनकी वजह से आपके बेटे क्रिकेटर बने हैं.

हिमांशु पंड्या ने तुरंत अपने बेटों के लिए 10000 रूपए महीने की क़िस्त पर एक गाड़ी लोन पर ले ली जिसमें बैठकर दोनों भाई जगह जगह जाकर खेलते और आराम से घर वापस आ जाते थे. सबकुछ सही चल रहा था लेकिन ईश्वर अब बाप-बेटों की असली परीक्षा लेने वाला था. पिता हिमांशु पंड्या की तबियत बिगड़ने लगी, उन्हें एक साथ 2 हार्टअटैक आ गए, जिसके बाद अब उनके लिए किसी भी तरह का काम करना कठिन हो गया था. उनके इलाज में घर की स्थिति धीरे-धीरे खराब होने लगी और एक वक्त ऐसा भी आया जब उनके पास गाड़ी के क़िस्त भरने तक के लिए पैसे नहीं थे.
ऐसे में अपने घर की जिम्मेदारी अब दोनों भाइयों के कंधे पर आ गई. इसलिए हार्दिक और क्रूणाल जगह-जगह जाकर लोकल टीमों की तरफ से खेलते जिससे उन्हें 400 से 500 रूपए मिल जाते थे. इस दौरान दोनों ट्रेन में भीड़ के बीच खड़े होकर तो कभी ट्रकों के पीछे लटककर जाने के लिए मजबूर हो गए थे.
हार्दिक पंड्या बताते हैं कि उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसे भी दिन देखे हैं जब उनके पास खाने तक के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे और इसलिए वो अपना पूरा दिन ग्राउंड पर गुजारते थे और वहीं मैगी खाकर पूरा दिन बिताते थे.

ये काफी कम लोगों को पता है कि 18 साल की उम्र तक हार्दिक पंड्या एक लेग स्पिनर थे लेकिन एक घटना ने उन्हें स्पिनर से तेज गेंदबाज बना दिया. दरअसल, एक बार जब वो बडौदा की तरफ से खेल रहे थे तब मैच में तेज गेंदबाज की कमी को देखते हुए टीम के कोच सनथ कुमार ने हार्दिक को तेज गेंदबाजी करने को कहा, और हार्दिक ने कोच के कहने पर मैच में तेज गेंदबाजी किया. इस घटना के बाद हार्दिक ने खुद को एक तेज गेंदबाज के रूप में ढालना शुरू कर दिया था और यहीं से हार्दिक के एक तेज गेंदबाज-ऑलराउंडर बनने की कहानी शुरू हो गई.

आर्थिक तंगी के अलावा हार्दिक पंड्या अपने चहरे के काले रंग के लिए भी लोगों के तानों से लड़ रहे थे. लेकिन हार्दिक को अपने रंग से कोई शिकायत नहीं थी, उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं, वो तो बस ये चाहते थे कि उनके परिवार के हालात सुधर जाए. बात है 2014, विजय हजारे ट्रॉफी की हार्दिक पंड्या के पास खेलने के लिए खुद का बैट नहीं था, ऐसे में उनके टीम मेट इरफान पठान ने उनको 2 बल्ला लाकर दिया, इन दोनों बल्लों को हार्दिक आज भी अपने साथ रखते हैं.

इसी साल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक डोमेस्टिक मैच खेलते हुए हार्दिक पंड्या ने जहीर खान और धवल कुलकर्णी जैसे गेंदबाजों के खिलाफ 57 गेंदों में 82 रनों की तूफानी पारी खेल डाली थी, जो हार्दिक के क्रिकेट करियर में मील का पत्थर साबित हुआ. इस मैच के दौरान स्टेडियम में मुंबई इंडियन्स के कोच जॉन राईट मौजूद थे और अगले साल के आईपीएल सीजन के लिए मुंबई की टीम ने हार्दिक को 10 लाख के बेस प्राइस में खरीदकर अपने साथ शामिल कर लिया.
अपने पहले आईपीएल सीजन में ही हार्दिक ने अपने खेल की छाप छोड़ी. चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ 8 गेंदों में 21 रन फिर कोलकाता नाइटराइडर्स के विरुद्ध 31 गेंदों पर 61 रनों की धमाकेदार पारी ने हार्दिक पंड्या को रातों-रात स्टार बना दिया था. मुंबई इंडियन्स दूसरी बार आईपीएल चैंपियन बनी और इस दौरान जब हार्दिक पंड्या से सचिन तेंदुलकर की मुलाकात हुई तो सचिन ने हार्दिक को कहा, ‘तुम अगले एक साल के अंदर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलोगे.’ और हुआ भी ऐसा ही, 26 जनवरी, 2016 को ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड के मैदान पर हार्दिक का बचपन का सपना साकार हुआ, जब हार्दिक ने नीली जर्सी में भारत का प्रतिनिधित्व किया. इसी साल एशिया कप के दौरान हार्दिक ने पाकिस्तान के खिलाफ 8 रन देकर 3 विकेट झटके, जिसके चलते पाकिस्तान की पूरी टीम महज 83 के स्कोर पर ढेर हो गई.

23 मार्च, 2016 का दिन जब हार्दिक ने अपनी गेंदबाजी से टी20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के जबड़े से जीत छिनी थी. हार्दिक का वो अंतिम ओवर आज भी क्रिकेट लवर्स को याद है और जब तक क्रिकेट रहेगा, हार्दिक का वो अंतिम ओवर कोई नहीं भूल पाएगा.

अक्टूबर, 2016 में न्यूजीलैंड के सामने हार्दिक पंड्या ने अपना वनडे इंटरनेशनल डेब्यू किया था और अपने पहले वनडे अंतराष्ट्रीय में ही वो ‘मैन ऑफ द मैच’ बन गए थे, ऐसा कारनामा करने वाले वो चौथे भारतीय खिलाड़ी बने.

फिर इंग्लैंड के खिलाफ 8 जुलाई, 2018 को हार्दिक पंड्या ने 38 रन देकर 4 विकेट चटकाए थे और 14 गेंदों पर 33 रनों की पारी खेली थी, जिसने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के एक मैच में 4 विकेट और 30 से ऊपर रन बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए थे. अब हार्दिक ने विश्व क्रिकेट में खुद को एक बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में स्थापित कर लिया था. फिर आया साल 2017 जब हार्दिक ने चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी बल्लेबाजी की, कि दुनिया देखती रह गई. उस फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के बड़े स्कोर का पीछा करने उतरी भारतीय टीम जब बिखरने लगी थी तब हार्दिक पंड्या ने तूफानी बल्लेबाजी से भारत के जीतने की उम्मीद बांध दी थी लेकिन वो रन आउट हो गए. हार्दिक ने उस मुकाबले में 43 गेंदों पर 76 रनों की ताबरतोड़ पारी खेली थी. हार्दिक के आउट होने के बाद जीत की उम्मीद भी खत्म हो गई लेकिन हार्दिक ने उस दिन क्रिकेट के सबसे बड़े मंच पर खुद को साबित किया था. इसी साल हार्दिक पंड्या ने श्रीलंका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू भी कर लिया. सीरीज के तीसरे मैच में हार्दिक पंड्या ने लंच से पहले ही अपना शतक बनाकर इतिहास रच दिया था. यह आज भी भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक रिकॉर्ड है.

2021 में हुए टी20 वर्ल्ड कप में हार्दिक को स्क्वाड में चुना गया था जबकि हार्दिक चोटिल थे. भारतीय टीम ग्रुप-स्टेज से ही बाहर हो गई थी और हार्दिक को उस वक्त टीम में चुनने की काफी आलोचना हुई थी. इसके बाद हार्दिक करीब 6 महीनों तक क्रिकेट से दूर रहे. लेकिन हार्दिक ने वापसी की, और ऐसी वापसी आजतक क्रिकेट इतिहास में नहीं हुई थी. उन्हें आईपीएल में नई नवेली टीम गुजरात टाइटन्स ने ख़रीदा और अपना कप्तान बनाया. हार्दिक ने जबरदस्त वापसी की और नई नवेली टीम को उनके पहले ही सीजन में चैंपियन बना दिया. हार्दिक ने इस दौरान ना सिर्फ उम्दा ऑलराउंड प्रदर्शन किया बल्कि जबरदस्त नेतृत्व क्षमता का भी परिचय दिया. हार्दिक ने अपने प्रदर्शन से सभी आलोचकों को करारा जवाब दिया और भारतीय टीम भी उनको टीम में लेने के लिए मजबूर हो गई. यही नहीं उन्हें टीम की कप्तानी भी सौंप दी. आईपीएल के ठीक बाद भारतीय टीम ने आयरलैंड का दौरा किया था, जहां 2 मैचों की टी20 सीरीज खेली जानी थी. हार्दिक को बतौर कप्तान आयरलैंड भेजा गया और हार्दिक भी उम्मीद पर खरे उतरे. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने आयरलैंड का उनके घर में सूपड़ा साफ किया था.


7 जुलाई, 2022 का दिन हार्दिक पंड्या ने बड़ी उपलब्धि हासिल की जब इंग्लैंड के खिलाफ साउथहेम्पटन में उन्होंने 33 गेंदों में 51 रनों की पारी खेली और 4 विकेट लिए. एक टी20 इंटरनेशनल मैच में अर्धशतक बनाने के अलावा 4 विकेट लेने वाले वो पहले भारतीय बने थे.
फिर 17 जुलाई, 2022 को पंड्या ने अपने वनडे इंटरनेशनल करियर का बेस्ट फिगर हासिल किया था. इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रेफर्ड में हार्दिक ने 24 रन देकर 4 विकेट लिए थे, यही नहीं बल्लेबाजी में भी उन्होंने 71 रन बनाए. 2011 में युवराज सिंह के बाद ऐसा कारनामा करने वाले वो पहले भारतीय खिलाड़ी बने.

बस फिर क्या था हार्दिक पंड्या अब भारत के सीमित ओवरों के मुख्य खिलाड़ी बन गए. ये हार्दिक का बेहतरीन प्रदर्शन ही था कि वनडे इंटरनेशनल में केएल राहुल की जगह उनको टीम इंडिया का उपकप्तान बनाया गया और टी20 आई में टीम का कप्तान. हार्दिक टी20आई में टीम इंडिया के सफल कप्तान साबित हुए हैं, उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने साल 2023 के शुरुआत में पहले श्रीलंका को फिर न्यूजीलैंड की टीम को मात दी. न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए टी20 सीरीज में हार्दिक ने ना सिर्फ उम्दा कप्तानी की बल्कि ऑलराउंड प्रदर्शन के चलते उनको ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ अवार्ड से भी सम्मानित किया गया. इसमें कोई संदेह नहीं कि हार्दिक पंड्या ही भविष्य में टीम इंडिया के सीमित ओवरों के कप्तान होंगे.

हार्दिक पंड्या अपने व्यक्तित्व और स्वभाव के चलते विवादों में भी रहे. ‘कॉफ़ी विथ करण’ एक फेमस टीवी शो पर हार्दिक के एक बयान पर काफी विवाद हुआ था, उन्हें इसके लिए टीम से भी बाहर कर दिया गया था, बाद में हार्दिक ने अपने उस बयान के लिए माफ़ी मांगी थी.

हार्दिक के इंटरनेशनल करियर पर नजर डालें तो उन्होंने अबतक भारत के लिए 11 टेस्ट, 71 वनडे और 87 टी20 मुकाबले खेले हैं. इस दौरान हार्दिक ने टेस्ट में 532 रन और 17 विकेट चटकाए, वहीं वनडे में उनके नाम 1518 रन और 68 विकेट दर्ज हैं जबकि टी20 में उन्होंने 1271 रन और 69 विकेट चटकाए हैं. हार्दिक पंड्या निःसंदेह इस समय सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर हैं.

हार्दिक के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने भारतीय मूल की एक सर्बियन डांसर और एक्ट्रेस नताशा स्तान्कोविक से 1 जनवरी, 2020 को शादी की थी, 30 जुलाई 2020 को उनके घर एक बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम अगस्त्या है.

दोस्तों, आपको हार्दिक पंड्या कैसे क्रिकेटर लगते हैं ? कमेंट में हमें बताएं. चक दे क्रिकेट की पूरी टीम हार्दिक पंड्या के उज्जवल भविष्य की कामना करती है.

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