High Toll Tax Amount: क्यों सड़क की लागत से कई गुना ज़्यादा वसूला जाता है टोल टैक्स
लागत से ज़्यादा टोल टैक्स
High Toll Tax Amount: क्या आपने कभी सोचा है कि जो सड़कें सरकार द्वारा बनायीं जाती है, उसका टोल टैक्स (toll tax), लागत से ज़्यादा वसूला जाता है. आम जनता को भारी–भरकम टोल टैक्स देना पड़ता है. इसी बात के ख़ुलासे के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री (Central Road and Transport Minister) नितिन गडकरी ने ज़्यादा टोल टैक्स वसूले जाने पर खुल कर बातचीत की है. उन्होंने इसके पीछे की वजह बताई, साथ में यह भी बताया कि सड़क निर्माण की लागत से ज़्यादा टोल टैक्स क्यों वसूला जाता है.
नितिन गडकरी का उदाहरण
असल में, नितिन गडकरी ने ज़्यादा टोल टैक्स देने वाले सवाल का जवाब न्यूज़18 चौपाल में एक सत्र के बीच में दिया था. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री गडकरी ने एक सीधा और सटीक उदहारण (example) देकर बताया कि सड़क परियोजनाओं को ऋण लेकर पूरा किया जाता है. इस कार्य में खर्च बढ़ जाता है. केंद्रीय सड़क मंत्री गडकरी ने समझाया की इस टोल टैक्स को ऐसे ही नहीं रातों रात में वसूला जाता है. सरकार को और भी कई खर्च उठाने पड़ते हैं टोल टैक्स वसूलने से पहले. नितिन गडकरी ने उदाहरण के तौर पर लोन से नहीं बल्कि नकद में घर और कार ख़रीदने की बात कही. उन्होंने ब्याज भुगतान के प्रभाव को लेकर यह बताया कि अगर आप नकद में घर या फ़िर कार ख़रीदते हैं तो उसकी क़ीमत 2.5 लाख रूपए होगी, वहीं, अगर आप 10 साल के लिए इसे लोन पर लेते हैं तो इसकी क़ीमत 5.5 से 6 लाख रूपए तक हो जाती है.
आरटीआई का ख़ुलासा
हाल ही में आरटीआई की तरफ़ से एक ख़ुलासा हुआ है कि राजस्थान में दिल्ली–जयपुर हाईवे पर लगभग 8,000 करोड़ रूपए टोल टैक्स वसूले गए हैं. यह टोल टैक्स मनोहरपुर टोल प्लाजा से वसूले गए. जबकि आपको बता दें इस हाईवे के निर्माण की लागत तकरीबन 1,900 करोड़ रूपए थी. इस पर केंद्रीय सड़क मंत्री ने कहा कि तत्काल, दिल्ली–जयपुर हाईवे (NH-8) को बहुत सी बाधाओं का सामना कर पड़ रहा है. यूपीए सरकार द्वारा वर्ष 2009 में इस परियोजना को शुरू करने के लिए नौ बैंक शामिल थे. साथ ही में, इस परियोजना में बहुत सी कसौटियों का सामना करना पड़ा था. इस परियोजना को ठेकेदारों ने बीच में ही छोड़ दिया था. जिसका यह नतीजा निकला कि बैंकों के साथ कानूनी झगड़े होने शुरू हो गए. कुछ नए ठेकेदारों को नियुक्ति मिली परियोजना कार्य में मगर बाद में सरकार ने उन्हें खुद हटा दिया जिससे परियोजना कार्य मुश्किल के साथ और ठप हो गया. इतना ही नहीं, राजमार्ग के दोनों तरफ़ अतिक्रमण की वजह से छह लेन तक इसे विस्तारित किया गया. इसमें भी कई समस्याएं प्रबल हुई. नितिन गडकरी ने कहा कि इन अतिक्रमणों को दूर करने के लिए मुसलसल प्रयास किये गए. मगर, इस बार की हुई भारी बरसात ने और मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
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