हाइड्रोसील एक सामान्य बीमारी है जो पुरुषों में पाई जाती है. इससे घबराने या भयभीत होने की जरुरत नहीं है. बिना आॅपरेशन या सर्जरी के भी इसका इलाज संभव है. इस रोग में पुरुषों के अंडकोष की थैली में सूजन आ जाता है या गुब्बारे की तरह दिखने लगता है. अंडकोष में पानी भर जाने के कारण यह सूजा हुआ दिखता है. कभी कभी ये बीमारी काफी पीड़ा देने लगती है.
कैसे हो जाता है
यह कई कारणों से हो जाता है. अधिकांशतः यह गलत खानपान, दूषित मल के जमा होने या कब्ज के कारण होता है. इसके साथ हीं जरुरत से ज्यादा सेक्स या हस्तमैथुन करने, बिना लंगोट के एक्सरसाइज करने, खड़े होकर पानी पीने, नसों में सूजन होने या अंडकोष की थैली पर चोट लगने से भी अंडकोष फूल जाता है.
क्या है उपचार
इसके मरीज दिन भर में दो बार अनार या संतरे के जूस का सेवन जरुर करें. नींबू और कच्चे सलाद का सेवन करें.
सप्ताह में एक दिन का उपवास जरुर रखें.
नमक मिलाकर गर्म पानी से स्नान करें. सूर्यस्नान और कटिस्नान भी काफी राहत पहुंचाता है.
नियमित खुली हवा में व्यायाम करें.
आयुवेर्दिक एवं घरेलू उपचार
काटेरी की जड़ : 10 ग्राम काटेरी की जड़ को सुखाकर उसे पीस लें. फिर उसके चूर्ण में 7 ग्राम की मात्रा में पीसी हुई काली मिर्च डालें. उसे पानी के साथ ग्रहण करें. इस उपाय को नियमित रूप से 7 दिन तक जरुर करें. ये हाइड्रोसील का रामबाण घरेलू उपाय माना जाता है. क्योकि इससे ये रोग जड़ से खत्म हो जाता है. दोबारा अंडकोषों में पानी नही भरता है.
5 ग्राम काली मिर्च और लगभग उससे दुगनी मात्रा में जीरा लें .अब इन दोनों को आपस में मिलाकर अच्छी तरह से पीस लें . अब इन दोनों के मिश्रण में थोड़ा सा सरसों का तेल या फिर जैतून का तेल मिला दें . अब इन तीनी के मिश्रण को हल्का गर्म कर लें. जब यह गर्म हो जाये तो इसमें थोडा सा गर्म पानी भी मिला दें . अब यह एक पतला घोल बन जायेगा . इस उपाय को कम से कम 4 से 5 दिनों तक सुबह और शाम के समय इस्तेमाल करने से हाइड्रोसील के रोग में लाभ मिलता है .
माजूफल की 20 ग्राम की मात्रा और फिटकरी की 5 ग्राम की मात्रा को आपस में मिलाकर पीस लें और इसका एक लेप तैयार करें . इस तैयार लेप को सूजे हुए अंडकोष पर लगाने से जल्द ही उसका पानी सुख जाता है .
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