Inverter AC vs Normal AC: आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे गर्मी के मौसम के सबसे जरूरी उपकरण – एसी यानि एयर कंडीशनर की। अगर आप भी इस बार गर्मियों में नया एसी लेने की सोच रहे हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए बहुत काम का है। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि इस गर्मी में आपके लिए कौन सा एसी ज्यादा बेस्ट रहेगा और काफी समय तक चलेगा भी.
मार्च और अप्रैल की गर्मी में कूलर से काम चल जाता है, लेकिन मई–जून में जब तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच जाता है, तब एसी की जरूरत महसूस होती है। लेकिन सवाल ये है कि जब आप एसी खरीदने जाते हैं, तो आपके सामने दो ऑप्शन आते हैं – इन्वर्टर एसी और नॉन–इन्वर्टर एसी। अब इनमें से कौन–सा बेहतर है? किसमें बिजली की खपत कम होती है? और कौन ज्यादा टिकाऊ होता है? आज हम इन सभी सवालों के जवाब देंगे, आसान भाषा में।
इन्वर्टर एसी क्या होता है?
सबसे पहले बात करते हैं इन्वर्टर एसी की। बहुत से लोग सोचते हैं कि इन्वर्टर एसी वो होता है जो घर में लगे इन्वर्टर से चलता है। लेकिन ऐसा नहीं है। यहां “इन्वर्टर” एक खास टेक्नोलॉजी को दर्शाता है, जो एसी के कंप्रेसर की स्पीड को कंट्रोल करता है।
जब आप इन्वर्टर एसी ऑन करते हैं, तो यह पहले कमरे को जल्दी ठंडा करता है। उसके बाद, जब तय तापमान (जैसे 24°C) पर पहुंच जाता है, तो उसका कंप्रेसर धीमी गति से चलता रहता है। मतलब यह एसी पूरी तरह बंद नहीं होता, बल्कि कम पावर पर लगातार चलता है। इससे कमरे में लगातार एक जैसी ठंडक बनी रहती है और बिजली की खपत भी काफी कम होती है।
नॉन–इन्वर्टर एसी क्या होता है?
अब बात करते हैं नॉन–इन्वर्टर एसी की। इसमें कंप्रेसर या तो पूरी ताकत से चलता है या फिर बंद रहता है। जब आप एसी ऑन करते हैं, तो यह तब तक चलता है जब तक कमरा ठंडा न हो जाए। जैसे ही तापमान कम होता है, एसी बंद हो जाता है। फिर जैसे ही तापमान बढ़ता है, एसी फिर चालू हो जाता है। इस ऑन–ऑफ प्रक्रिया की वजह से बिजली की खपत ज्यादा होती है और बिल भी बढ़ता है।
कौन–सा एसी बेहतर है?
अगर आप लंबे समय तक इस्तेमाल और बिजली की बचत को ध्यान में रखते हैं, तो इन्वर्टर एसी आपके लिए बेहतर है। ये थोड़े महंगे जरूर होते हैं, लेकिन इनके फायदे ज्यादा हैं:
जैसे कि सबसे पहला तो ये कि ये बिजली की खपत कम करता है. लगातार एक जैसी कूलिंग प्रदान करता है. लेस नॉइज़ फीचर के साथ आता है. और ये लंबे समय तक चलने वाला एसी भी माना जाता है.
वहीं, नॉन–इन्वर्टर एसी की कीमत थोड़ी कम होती है और अगर आप बहुत सीमित समय के लिए एसी का इस्तेमाल करते हैं, तो यह भी आपके लिए विकल्प हो सकता है। लेकिन लंबे समय में इन्वर्टर एसी ज्यादा किफायती साबित होता है।
एसी खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?
- रूम का साइज: अगर आपका कमरा 120-150 स्क्वायर फीट है तो 1 टन का एसी काफी है। बड़े कमरों के लिए 1.5 टन या 2 टन का एसी लें।
- स्टार रेटिंग: 5 स्टार एसी ज्यादा एनर्जी सेविंग होते हैं।
- ब्रांड और सर्विस: किसी अच्छे ब्रांड का एसी लें जिसकी सर्विस नेटवर्क अच्छा हो।
- वारंटी और AMC: कम से कम 1 साल की वारंटी और 5 साल की कंप्रेसर वारंटी जरूर देखें।
तो दोस्तों, उम्मीद है अब आपको समझ आ गया होगा कि इन्वर्टर एसी और नॉन–इन्वर्टर एसी में क्या फर्क है और आपके लिए कौन सा एसी बेहतर रहेगा। अगर आप स्मार्ट चॉइस करना चाहते हैं, तो थोड़ा ज्यादा खर्च कर के इन्वर्टर एसी लें – यह लंबे समय में आपकी जेब के लिए फायदेमंद रहेगा।
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