बिहार में धार्मिक स्थल, प्राचीन स्मारक, किले, महल, संग्रहालय आदि के रूप में कई सांस्कृतिक धरोहर विद्यमान हैं. बिहार, एक ऐसा राज्य जिसने दुनिया को दो महत्वपूर्ण धर्म बौद्ध और जैन दिए हैं. बिहार में उम्मीद के मुताबिक़ एक भी ऐसा जिला आपको नहीं मिलेगा जो दर्शनीय या फिर पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण ना हो. बिहार में ऐसे कई दर्शनीय, ऐतिहासिक और तीर्थ स्थल मौजूद हैं जो कि आपके बिहार पर्यटन को यादगार बना सकते हैं उन्ही में से एक है पटना का इस्कॉन टेम्पल. वैसे तो बिहार एतिहासिक विरासत और धार्मिक स्थलों के कारण पर्यटन की दृष्टि से हमेशा से एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है. लेकिन साल 2022 में बनकर तैयार हुए इस्कॉन टेम्पल ने बिहार के पर्यटन को और भी विस्तार दिया है.

मई 2022 में श्री बांके बिहारी जी के भक्तों के लिए बनकर तैयार हुआ इस्कॉन मंदिर आस्था और विश्वास का अद्भुत स्थल है. इस मंदिर की छटा बाहर से ही देखते बनती है. जिसके बाद आपका मन श्री बांके बिहारी जी के दर्शन को उत्तेजित हो जाता है . इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के उद्देश्य और बिहार सरकार के सहयोग से बनी यह मंदिर बिहार की राजधानी पटना के बुद्ध मार्ग में स्थित है. यह मंदिर कई मायनों में अनूठा है. 12 साल में बनकर तैयार हुए इस तीन मंजिला मंदिर में 84 कमरें और 84 पिलर हैं. मंदिर बाहय भाग से जितना खूबसूरत है उससे भी कई ज्यादा अन्दर की खूबसूरती देखते बनती है. मंदिर के पहले मंजिल पर स्थापित श्री बांके बिहारी और राधा रानी की मूर्तियाँ आपका मन मोह लेंगी साथ ही शाम की आरती का दृश्य, भक्तों की भारी भीड़ में भी आपको अपार शान्ति की अनुभूति कराएंगी. सबकुछ भुलाकर, श्री कृष्ण की भक्ति में झूमते भक्तों के साथ आपका भी मन आपको थिरकने पर मजबूर कर देगा. हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥ का मंत्रोच्चारण आपको सरस अनुभूति कराएगी.

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के उद्देश्य और प्रथाओं को आज से लगभग साढ़े 5 सौ वर्ष पहले श्री चैतन्य महाप्रभु ने शुरू किया था. इसके बाद श्री कृष्ण भक्ती का पूरे संसार में प्रचार प्रसार करने के लिए भक्ति वेदांत श्रील प्रभुपाद जी ने साल 1966 में न्यूयार्क में इस्कॉन सोसायटी का गठन किया. और श्रील प्रभुपाद जी ने भगवत गीता का अंग्रेजी में अनुवाद करके इसे विदेशों तक पहुंचाया. इस्कॉन की मूल्य मान्यताएं भगवत गीता पर आधारित हैं. इस सोसायटी ने कृष्ण जी की कई भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया. इस्कॉन सोसायटी द्वारा ही कृष्ण जी को समर्पित उत्तरप्रदेश के वृन्दावन का चंद्रोदय मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा, सबसे भव्य मंदिर बनने वाला है. जो की निर्माणरत है. स्वामी प्रभुपाद जी भारत में कई जगह इस्कॉन मंदिर बनवाना चाहते थे. साल 1975 में उन्होंने वृन्दावन में इसका निर्माण करवाया इसके बाद 1977 में उनका निधन हो गया. इस्कॉन मंदिर परिसर में उनका स्मारक आपको देखने को मिल जाएगा. इसके बाद देश में कई जगह इस्कॉन मंदिर का निर्माण करवाया गया. जिनमें ऐसे 11 खुबसूरत इस्कॉन मंदिर में से श्री मायापुरा चंद्रोदय मंदिर मायापुर, पश्चिम बंगाल, श्री राधाकृष्ण मंदिर बेंगलुरू, कर्नाटक हरे कृष्ण मंदिर – अहमदाबाद, गुजरात कृष्णबलराम मंदिरवृंदावन, यूपी राधिकारमन इस्कॉन मंदिरदिल्ली इस्कॉन मंदिर चेन्नई इस्कॉन मंदिरगाजियाबाद, यूपी श्री राधा रासबिहारी मंदिरमुंबई, महाराष्ट्र राधा मदन मोहन मंदिरहैदराबाद, तेलंगाना और इस्कॉन मंदिर पटना

अगर आपका कभी पटना आना हुआ तो इस्कॉन मंदिर की सुन्दरता और खूबसूरती का दर्शन करना ना भूलें. राधे राधे

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