21 जनवरी तक जाती आधारित गणना के पहले चरण का कार्य बिहार में पूरा हो जायेगा. जाती आधारित गणना कार्य के प्रथम चरण में केवल उन्ही घरों की गणना की जा रही है, जहाँ परिवार या उस घर के लोग मौजूद हैं. जिन घरों में जो लोग रहते थे और वो कहीं चले गये हैं और इस वजह से घर बंद है तो ऐसी स्थिति में गणना करने वाले कर्मचारी आस–पास के लोगों से उस मकान और वहां रहने वाले लोगो के बारे में जानकारी ले रहे. जानकारी लेने के बाद उस मकान की दीवारों पर लाल रंग के घेरे में मकान नंबर और इस परिवार में कितने लोग रहते हैं उसकी संख्या अंकित कर रहें हैं. मिली जानकारी के अनुसार लगभग 75 फीसदी मकानों की गणना का कार्य पूरे राज्य में अब तक हो गया है. ऐसी सम्भावना जतायी जा रही है की जाती गणना का यह काम अपने निर्धारित समय पर पूरा हो जायेगा.
21 जनवरी तक मकानों की गणना हो जाएगी. इस कार्य के पूरा होने के बाद इसकी सामेकित सूचि को जिले से राज्य मुख्यालय में नोडल डिपार्टमेंट सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी जाएगी. इस विभाग को राज्य मुख्यालय में जाती आधारित जनगणना कार्य के लिए बनाया गया है. इस विभाग में सूचि को भेजने के बाद इसे समाहित कर के राज्यस्तर पर जिलावार सूचि तैयार की जाएगी. ऐसा करने पर यह मालूम किया जा सकेगा की किन मकानों में कितने परिवार या कितने लोग रह रहें हैं और उसके बाद ही होने वाले दुसरे चरण में उस मकान के लोगों की जाती गणना की जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार उम्मीद है की अप्रैल महीने से दूसरे चरण के गणना का काम शुरू हो जायेगा. लेकिन इससे पहले फॉर्म के फॉर्मेट जो की जाती आधारित गणना के लिए भरे जाने वाले हैं उन्हें फाइनल किया जायेगा.
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिलों में एक–एक पदाधिकारी नामित किये हैं जो की जाती आधारित गणना के पहले चरण में चल रहे मकान गणना के कार्य का समुचित मॉनिटरिंग करेंगे. ये नामित पदाधिकारी मॉनिटरिंग के लिए जिलों का दौरा कर रहें हैं. साथ ही साथ राज्य स्तर पर इस काम के लिए नोडल पदाधिकारी की रूप में जीएडी के सचिव मो. सोहेल को लिया गया है. इन पदाधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलें के डीएम के साथ हो रही है. बता दें की एक गणना कर्मचारी पर 150 घरों के गिनती की जिम्मेदारी है. उनके अनुसार अब तक किसी भी मकान के गणना करने के समय किसी भी तरह की समस्या सामने नहीं आई है, और यदि किसी तरह का समस्या सामने आई भी है तो अधिकारीयों और कर्मचारियों के द्वारा समस्या का समाधान आसानी से निकाल लिया गया है. जैसे कई परिवारों में घर के मुखिया का नाम पूछे जाने पर कई लोगों के नाम बताये गये हैं, तो ऐसी छोटी–छोटी समस्याओं का समाधान अधिकारी अपने स्तर पर निकाल ले रहे हैं.बता दें की इस चरण में गणना के दौरान मकान संख्या और इस मकान में रहने वाले परिवार की संख्या देनी है. इसके अलावा परिवार के मुखिया का नाम पता करना है. परिवार के मुखिया का हस्ताक्षर लेना अनिवार्य नहीं है. कई ऐसे लोग हैं जिनके रहने के लिए उनका अपना कोई मकान नहीं और वो अपना गुजर–बसर सड़क किनारे या ऐसे ही किसी जगह पर कर रहें हैं, वैसे लोगों की भी गणना की जानी है.