आ’क्रोश : एनएच 106 व 107 के निर्माण को लेकर आज पूरा कोसी क्षेत्र ठप्प

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कोसी इलाके से गुजरने वाली एनएच 106 और 107 के निर्माण की मांग को लेकर आज यानी 27 अगस्त को पूरा कोसी क्षेत्र बंद रहेगा। जर्जर एनएच से आजिज रिक्शा वाले से लेकर बस-ट्रक मालिक, डॉक्टर-वकील-कारोबारी सबों का इस बंद में व्यापक समर्थन मिल रहा है। यह अपने तरह का पहला ऐसा जन आंदोलन होगा जिसका नेतृत्व आम जनता कर रहा हो।

बंद में बीएनएमयू शिक्षक संघ, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), जिला अधिवक्ता संघ, व्यापार संघ, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन, मेडिकल रिप्रजेंटेटिव एसोसिएशन, रोटरी क्लब, लायंस क्लब, रिक्शा संघ, ट्रक ओनर्स एसोसिएशन, प्राइवेट बस ऑनर एसोसिएशन, सहरसा व्यापार संघ, मधेपुरा व्यापार संघ, सिंहेश्वर व्यापार संघ, मुरलीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स, इप्टा, प्रांगण रंगमंच आदि लगभग सभी संगठनों का सहयोग मिल रहा है।

आपको बता दें कि जानलेवा एनएच 106 व 107 से तंग कोसी वासी 18 वर्षों से इसके निर्माण को लेकर सभी जगह गुहार लगाकर थक चुके हैं। जनप्रतिनिधियों के नजरअंदाजी से क्षुब्ध लोगों ने सोशल मीडिया से जरिए इस आंदोलन की नींव रखी।

बहुत जल्द ही आंदोलन के समर्थन में समाज के लगभग सभी वर्गों के लोग शामिल हो गए। इस आंदोलन में मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया आदि जिले के लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इस आंदोलन का कोई नेतृत्वकर्ता नहीं है, बल्कि गैर राजनीतिक आंदोलन के हर एक व्यक्ति अपने हक के लिए आवाज उठाएंगे।

पीएम, सीएम, मंत्री, सांसद, विधायक सबसे सड़क निर्माण की मांग :

जन आंदोलन की शुरुआत 16 अगस्त को मधेपुरा में जनाक्रोश मार्च से हुआ। इसके बाद पीएमओ के ग्रीवांस सेल में एक साथ बड़ी संख्या में ईमेल भेजे गए। आंदोलन में शामिल संगठन, संस्थाओं ने अपने-अपने लेटर पैड पर पीएम, सीएम, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री व पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र, ईमेल भेजा। मुरलीगंज, उदाकिशुनगंज, सहरसा आदि जगहों पर जनाक्रोश मार्च निकला गया। इसके बावजूद किसी ने भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया।

गौरतलब हो कि 5 जुलाई 2001 को वाजपेयी सरकार के भूतल परिवहन मंत्री खंडूरी ने एनएच 106 एवं 107 का शिलान्यास मधेपुरा में किया। 18 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस सड़क की दुर्दशा बरकरार है। पिछले पांच वर्ष में दोनों हाईवे की हालत बद से बदतर हो गई है। 2018 में पीएम मोदी ने स्वयं एनएच 107 का शिलान्यास किया। 2019 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी मधेपुरा से ही एनएच 106 का दोबारा शिलान्यास किया।

जर्जर एनएच से लाखों लोग होते हैं प्रभावित :

आपको बता दें कि एनएच 106 बीरपुर से बिहपुर तक जाती है। मधेपुरा से उदाकिशुनगंज तक की सड़क सिंगल लेन ग्रामीण सड़क की तरह है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एपी शाही ने मधेपुरा से उदाकिशुनगंज की यात्रा को वैतरणी की यात्रा बताकर इसका स्वतः संज्ञान लेकर मुकदमा शुरू कराया। जो कि अभी भी कोर्ट में चल रहा है।

वहीं NH 107 महेशखूंट से लेकर सहरसा, मधेपुरा होते पूर्णिया तक जाती है। यह भी पूरी तरह से खस्ताहाल स्थिति में है। खासकर मधेपुरा-सहरसा एवं मधेपुरा पूर्णिया मार्ग की हालत बहुत ही खराब है। लोग इस पर नहीं चलना चाहते। दूसरे रास्ते से जाने पर दूरी 60 किलोमीटर बढ़ जाती है।

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