Kuwaiti dinar: कभीकभी जब हम किचन में सब्ज़ी काटते हुए महंगाई की मार से झुलसते हैं, तभी कोई दोस्त व्हाट्सएप पर मैसेज कर देता है – भाई, कुवैत में 10,000 दिनार मिल रहे हैं!” अब दिमाग वहीं अटक जाता है, और हाथ में कटा हुआ प्याज़ आंखों से पहले दिल को रुला देता है।

अब ज़रा ठंडे दिमाग से सोचें। अप्रैल 2025 के हिसाब से 1 Kuwaiti Dinar = ₹280.95 के आसपास है। यानी अगर कोई वहां हर महीने 10,000 KWD कमा रहा है, तो इंडियन करंसी में उसकी वैल्यू सीधी ₹28 लाख से भी ऊपर बैठती है – ₹28,09,475.42! अब बताइए, भारत में कितने लोग हैं जो हर महीने इतने रुपये छू पाते हैं? शायद ही गिनती के कुछ, और उनमें भी कोई IIT, IIM वाला हो… या IPL में खेलता हो।

अब ज़रा सोचिए – मोहल्ले के लड़के अगर सुन लें कि आप 28 लाख महीना कमा रहे हो, तो आपको देखकर वो रोज़ सुबह ताली बजाकर सलाम ठोकेंगे। यहां तो सैलरी स्लिप में 28,000 देखकर लोग इंस्टाग्राम पर स्टोरी डालते हैं – “Hard work pays off!” और वहां 28 लाख?

लेकिन ज़रा रुकिए जनाब! कहानी में ट्विस्ट है – और बड़ा वाला।

कमाई जितनी भारी, मेहनत उससे कहीं ज्यादा

कुवैत की करेंसी ज़रूर भारी है, लेकिन वहां की गर्मी भी कम जानलेवा नहीं है। अब जो लोग ये सोचते हैं कि विदेश जाकर AC ऑफिस में चाय पीते हुए पैसे बरसेंगे – उन्हें बता दूं, ज़्यादातर इंडियंस वहां कंस्ट्रक्शन, ड्राइविंग, शिपिंग, साफसफाई या सिक्योरिटी जैसे फील्ड्स में काम करते हैं। सुबह 6 बजे से धूप में खड़े रहकर, शाम को जब शरीर थक कर जवाब दे देता है, तब जाकर वो 10,000 दिनार की तरफ एक कदम बढ़ता है।

और सिर्फ काम ही नहीं – वहां जाकर सेट होने का प्रॉसेस भी किसी रियलिटी शो की टास्क से कम नहीं। वीज़ा, एजेंट की फीस, फ्लाइट टिकट, रूम का रेंट, खानेपीने का खर्च – इन सबके बाद जो बचता है, वही असली कमाई होती है।

फिर लोग जाते क्यों हैं?

अब इसका जवाब बड़ा दिलचस्प है। भारत में स्किल है, मेहनत है, लेकिन जॉब की इज़्ज़त नहीं। यहां आप क्या करते हो?” के जवाब में अगर आपने प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन या ड्राइवर कहा, तो अगला इंसान नाक सिकोड़ेगा। वहीं यही स्किल अगर कुवैत में है, तो वही इंसान गांव में विदेश वाला भैयाबन जाता है।

लोगों को विदेश में कमाई से ज्यादा एक सपना खींचता है – अपने घर के लिए बेहतर जीवन। वो सपना कि बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ेंगे, घर में पक्की छत होगी, मांबाप को अच्छा इलाज मिलेगा। और यही सपना उन्हें 50 डिग्री तापमान में भी काम करने से नहीं रोकता।

तो क्या विदेश जाना सही है?

बिलकुल, लेकिन अंधी दौड़ नहीं होनी चाहिए। अगर आप वाकई स्किल्ड हैं, और कोई भरोसेमंद नौकरी ऑफर है, तो प्लान बनाइए, दस्तावेज़ पूरे करिए और निकल पड़िए। लेकिन सिर्फ दूसरों को देखकर मत जाइए – क्योंकि हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती।

कुवैत में 10,000 दिनार की कमाई वाकई में बहुत कुछ बदल सकती है – बशर्ते आप तैयार हों पसीना बहाने, दूरियां सहने और धैर्य रखने के लिए।

 

अगर आपको कुवैत में ₹28 लाख महीना मिले, लेकिन दिनरात मेहनत करनी पड़े… क्या आप जाएंगे?

 

 

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