लालू यादव ने पुराने दिनों को याद करते हुए सीएम नीतीश को दे डाली नसीहत

सीएम नीतीश के सामने सवाल खड़े करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी उपलब्धियां रेलवे में गिनवाई है. लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में अपनी उपलब्धियों को सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर गिनवाया और वहीँ से बिहार सरकार को भी घेरा है.

लालू यादव ने ट्वीट करते हुए कहा है कि आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि सारण के दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन किया जा चुका है। आगे लालू यादव ने कहा हमने रेल मंत्री रहते इसकी आधारशिला 29 जुलाई 2008 को रखी थी। प्लांट के निर्माण पर लगभग 1640 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

बिहार में रेल के पहिए का निर्माण भारतीय रेलवे के लिए एक वरदान साबित हुआ। अब Made in Bihar रेल पहिये भारतीय रेलवे की रफ्तार भरने में रिकॉर्ड बना देश के विकास में अहम योगदान दे रहे है। बिहार के बेला स्थित रेल व्हील प्लांट द्वारा अब तक 2 लाख से अधिक रेल पहियों का निर्माण किया जा चुका है जिससे भारतीय रेलवे की विदेशों पर निर्भरता कम हो गई। आगे लालू यादव ने ख़ुशी जताते हुए कहा कि हमारे द्वारा बिहार में स्थापित बेला रेल व्हील प्लांट देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहा है।

अपने इस ट्वीट के दौरान उन्होंने वह बातें भी बताई, जो उन्होंने रेलव मंत्रालय सँभालने के दौरान उपलब्धि हासिल की थी. उन्होंने कहा कि 2004-05 में स्वीकृत तथा जुलाई 2008 में शुरू हुआ रेल पहिया प्लांट का निर्माण हमारे द्वारा बिहार में औद्योगीकरण को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार था कि बिना किसी विदेशी सहयोग के एक अत्यधिक परिष्कृत कारखाना देश में स्थापित किया गया था। यह रेलवे इंजीनियरों की इनहाउस क्षमता और विशेषज्ञता के कारण संभव हुआ।

चारों तरफ नदियों से घिरा रहने और पानी लगने के कारण कारख़ाना स्थापित करने के लिए यह स्थल चुनौतियों से भरा था लेकिन अपनी इच्छा शक्ति के दम पर हमने सभी कठिनाइयों को पार किया और 2008 में इसका उद्घाटन कर सिविल कार्य शुरू करवाया।

UPA-1 में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बल पर हमने 2004 से 2009 के बीच प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह और श्रीमती सोनिया गांधी के सहयोग से विकास कार्यों के लिए बिहार को 1 लाख 44 करोड़ की विशेष आर्थिक सहायता राशि आवंटित ही नहीं बल्कि दिलाई थी। UPA-1 में केंद्र से मिले सहयोग के कारण बिहार में ग्रामीण सड़के, पुलपुलिया, बिजली, रेलवे लाइनें, मनरेगा के तहत रोजगार, रेलवे स्टेशन, तथा सारण और मधेपुरा में रेल कारखानों का जाल बिछा दिया था। हमारे द्वारा UPA काल में दिए गए सहयोग राशि से नीतीश कुमार ने अपना चेहरा खूब चमकाया। चूँकि हम प्रचार नहीं बल्कि जमीनी काम करते थे।

आगे लालू यादव ने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि नीतीश बताए NDA के 10 वर्षों में बिहार को कोरी घोषणाओं के अलावा क्या मिला? हमने तो 22 सांसदों के दम पर 2004 से 2009 के बीच 5 वर्ष में ही बिहार को 1 लाख 44 हज़ार करोड़ की सहायता राशि दिलाई लेकिन ये तो 2014 में 31, 2019 में 39 और 2024 में 30 सांसद लेकर भी दिल्ली के सामने हाथ जोड़, गिड़गिड़ा कर झोली फैलाते है. लेकिन तब भी इन्हें कुछ नहीं मिलता। राजधानी में हक़ माँगना नहीं छिनना पड़ता है।

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