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जमीन के रक्षकों ने ही किया सरकारी जमीन का दाखिल ख़ारिज, अब डीएम करेंगे कारवाई

Bihari News

बिहार में कई जिलें ऐसे है जहां के सरकारी कर्मचारी पूरी तरह से भ्रस्टाचार की गहराई में डूबे हुए हैं. यहां हर- सप्ताह हमें कोई न कोई ऐसी खबर सुनाने को जरुर मिलती है जिसमे विभाग के द्वारा की गयी गड़बड़ी और कर्मचारियों के द्वारा की गयी गड़बड़ियों के बारे में पता चलते रहता हैं. ऐसे ही एक खबर मोतिहारी जिला के संग्रामपुर अंचल से जुड़ा है. यहां रिश्वत लेकर जमीन के रक्षक सरकारी जमीन को भी नही बख्स रहे है और जमीन का मालिकाना हक़ के कागज़ बाट रहे हैं. वहीं जब यह मामला उजागर होता है और उनसे वृत पदाधिकारी द्वारा सवाल पूछा जाता तो अधिकारी जवाब देना वाजिब नहीं समझते. बता दे कि संग्रामपुर अंचलाधिकारी के द्वारा सरकारी जमीन का दाखिल खारिज किया गया और जमीन खरीदने वाले व्यक्ति ने दाखिल खारिज के साथ ही रसीद कटा लिया. जिसके बाद विपक्ष के द्वारा इस मामले को उजागर किया गया और अधिकारी के खिलाफ DCLR कोर्ट में परिवाद दायर किया गया. परिवाद दायर किये जाने के बाद उस अधिकारी को पकड़ा गया.बताते चले कि मिली जानकरी के अनुसार संग्रामपुर अंचल की मौजा मधुबनी के खाता 102 खसरा 4021 , 4022 सरकारी जमीन है. इस जमीन पर फर्जीवाड़ा कर त्रिलोकीनाथ शाह को यह जमीन 2019 में रमेश प्रसाद के द्वारा रजिस्ट्री करवाया गया था. वहीं यह जमीन सरकारी होते हुए भी संग्रामपुर सीओं द्वारा उसका दाखिल खारिज करा दिया गया. जब इस दाखिल खारिज की खबर DCLR के पास पहुंची तो सीओं के द्वारा स्पस्टीकरण मांगा गया लेकिन अधिकारी के द्वारा एक भी स्पस्टीकरण का जवाब नही दिया गया. जिसके बाद इस मामले की गंभीरता को देखते हुए दाखिल खारिज को रद्द कर दिया गया और सीओं पर कारवाई के लिए DM को पत्र भेजा गया. वहीं सीओं का इस मामले पर कहना है कि कर्मचारी के द्वारा दिए गए गलत रिपोर्ट के कारण जमीन का दाखिल खारिज हो गया .

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