Land Survey Bihar: अब जल्द मिलेगा ज़मीन अधिग्रहण के मुआवज़े का पैसा, विभाग की ओर से डीएलएओ को निर्देश
सही वक़्त पर मिलेगा मुआवज़ा
Land Survey Bihar: बिहार (Bihar) में चल रहे ज़मीन सर्वे (land survey) की प्रक्रिया दिन–ब–दिन जटिल होती जा रही है. ज़मीन सर्वे में बढ़ रही उलझनों को लेकर विभाग समय–समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भी कर रहा है. इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बहुत से अहम कदम उठाये हैं ताकि सर्वे में ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और दक्षता आ सके. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने विभाग के सभी डीएलएओ यानी भू–अर्जन पदाधिकारियों के लिए निर्देश जारी किये हैं. यह निर्देश मुख्य रूप से इसलिए जारी किया गया है कि रैयतों को ज़मीन अधिग्रहण में मिलने वाले मुआवज़े के पैसे सही वक़्त पर और पूर्ण रूप से मिले. विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने यह भी बताया कि अक्सर, ज़मीन के खतियानों में दी हुई पुरानी जानकारी के कारण भी मुआवज़े के पैसे मिलने में देरी हो जाती है. इस समस्या को लेकर अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने भू–अर्जन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी पदाधिकारी खतियानों का सही तरह से अद्यतन करें ताकि मुआवज़े की रकम पूर्ण रूप से मिल सके.
भू-अर्जन पदाधिकारियों के लिए निर्देश
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि ज़मीन अधिग्रहण के मुआवज़े का पैसा बाज़ार मूल्य के हिसाब से ही दिया जाना चाहिए. सचिव दीपक कुमार सिंह ने यह भी कहा कि यदि बाज़ार मूल्य का निर्धारण करने की प्रक्रिया का सही तरीक़े से पालन हो रहा है तो फ़िर मुआवज़े में देरी होने का कारण क्या है. इसी कारणवश सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी भू–अर्जन पदाधिकारियों के लिए निर्देश जारी किया है. भू–अर्जन पदाधिकारी स्थानीय बाज़ार में ज़मीन के दामों का सर्वेक्षण करेंगे और उसी सर्वेक्षण के आधार पर मुआवज़े के रकम को निश्चित करेंगे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ज़मीन सर्वे और भू–अर्जन से सम्बंधित समस्याओं के निवारण हेतु भू–अर्जन पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस आयोजन के दौरान 1894 और 2013 के अधिनियमों के बारे में भू–अर्जन पदाधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी गयी. इतना ही नहीं, पदाधिकारियों को ज़मीन सर्वेक्षण के नए–नए तरीकों और तकनीकों के बारे में भी जानकारी हासिल हुई. सचिव दीपक कुमार सिंह ने यह बयान दिया कि रैयतों को दिए जाने वाले मुआवज़े का उचित रिकॉर्ड रखना बेहद ज़रूरी है. ताकि इससे आने वाले समय में किसी प्रक्रार की समस्या उत्पन्न होने पर रिकॉर्ड की सहायता ली जा सके. साथ ही, भू–अर्जन पदाधिकारियों को ख़ास निर्देश दिया गया है कि वे एक डिजिटल रिकॉर्डिंग सिस्टम का इस्तेमाल करें, जिससे कि सभी जानकारी एक ही स्थान पर सुरक्षित रहे.
ऑनलाइन पोर्टल होगा लॉन्च
विभाग के अपर मुख्य सचिव ने पदाधिकारियों के लिए कहा है कि उन्हें छोटी–मोटी समस्याओं का निवारण ख़ुद से ही कर लेना चाहिए. इससे लारा कोर्ट में पेंडिंग केस में कमी आएगी. अगर कोई मामला बहुत ही ज़्यादा पेचीदा है, तभी उसे लारा कोर्ट में भेजना चाहिए. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह के कहे अनुसार ज़मीन सर्वेक्षण का कार्य एक जटिल प्रक्रिया है, जिसके लिए लगातार प्रशिक्षण की ज़रूरत पड़ती है. इसलिए विभाग आगे भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा. विभाग द्वारा जल्द ही एक ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा और इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कोई भी लोग ज़मीन से जुड़े सभी तरह की जानकारी हासिल कर पाएंगे.
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