landlord rights: मकान मालिक बढ़ा रहा घर का किराया? या घर खाली करने की दे रहा चेतावनी? ऐसी स्थिति में करे ये काम!
कई बार किराएदारों और मकान मालिकों के बीच नोक–झोक देखने को मिलती है, खासकर तब जब मकान मालिक बिना किसी वजह के किराया बढ़ाने की बात करता है या अचानक घर खाली करने के लिए कहता है। आपमें से भी कई लोग ऐसे होंगे, जिन्हें कभी किराए में रहने के दौरान मकान–मालिक से छोटी–मोटी नोक–झोक का सामना करना पड़ा होगा. यह बहस खास कर तब होता है, जब अचानक वे या तो किराया बढ़ाने के लिए बोले और किराया ज्यादा नहीं देने पर अचानक घर खाली करने के लिए कह दे. ऐसे में किराएदारों को अपने अधिकारों के बारे में जानना बहुत जरूरी है, ताकि वे अपने हक का बचाव कर सकें और मकान मालिकों की मनमानी को खत्म किया जा सके।
किराएदार के अधिकार
आदर्श किराया अधिनियम, 2021 (Model Tenancy Act 2021) के तहत मकान मालिक किराया अचानक नहीं बढ़ा सकता है। अगर किराया बढ़ाना है, तो इसके लिए मकान मालिक किरायेदार को कम से कम तीन महीने पहले नोटिस देगा। इसके अलावा, किराए की वृद्धि की रकम पहले से तय की गई रकम से अधिक नहीं हो सकती। यह वृद्धि दोनों पक्षों (मकान मालिक और किराएदार) की सहमति से रेंट एग्रीमेंट में दर्ज की जानी चाहिए। किराएदार से दो महीने से ज्यादा का एडवांस सिक्यॉरिटी मनी वसूलना गैर कानूनी है। मकान खाली करने के बाद, मकान मालिक को एक महीने के भीतर एडवांस राशि किराएदार को लौटानी होती है। यदि यह राशि समय पर नहीं लौटाई जाती है, तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा। अगर किराएदार किसी वजह से समय पर किराया नहीं चुका पाता है, तो मकान मालिक बिजली और पानी की आपूर्ति को रोक नहीं सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इसे मूलभूत सुविधा माना है, और इसे रोकना अवैध है।
किराएदार को इन सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता। किराएदार के घर का मालिक भले ही मकान मालिक हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह बिना किराएदार की अनुमति के घर में प्रवेश कर सकता है। अगर किराएदार घर पर नहीं है, तो भी मकान मालिक बिना उसकी अनुमति के घर में प्रवेश नहीं कर सकता। इसके लिए किराएदार की सहमति जरूरी होती है। घर का रंग–रोगन या अन्य मरम्मत की जिम्मेदारी किराएदार की नहीं है। यदि घर के रंग की स्थिति खराब होती है, तो मकान मालिक को ही इसे ठीक कराना होता है। घर के ढांचे से जुड़ी मरम्मतें जैसे प्लास्टर, पाइपलाइन या बिजली की मरम्मत मकान मालिक की जिम्मेदारी होती है, न कि किराएदार की। मकान मालिक किराएदार को बिना किसी ठोस कारण के घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता। यह एक गैर–कानूनी कदम होगा। हालांकि, अगर किराएदार ने किराया नहीं दिया हो, या संपत्ति को नुकसान पहुंचाया हो, या गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हो, तो यहाँ मकान मालिक को पूरा अधिकार है कि किरायेदार को घर खाली करने के लिए कह सकता है।
मकान मालिक के अधिकार
आदर्श किराया अधिनियम, 2021 के तहत मकान मालिक को भी कुछ अधिकार मिलते हैं। अगर किराएदार ने दो महीने से ज्यादा का किराया नहीं दिया है, या संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, तो मकान मालिक किराएदार को घर खाली करने के लिए कह सकता है। हालाँकि मकान मालिक को इसके लिए 15 दिन का नोटिस पीरियड देना पड़ेगा। मकान मालिक को किराएदार से समय पर किराया लेने का अधिकार है, और अगर किराएदार घर का रख–रखाव ठीक से नहीं करता है, तो मकान मालिक उसे सुधारने के लिए कह सकता है।
मकान खाली करने का नोटिस
किराएदार को एक महीने का नोटिस दिए बिना घर खाली करने का अधिकार नहीं है। यदि किराएदार अचानक बिना नोटिस के घर खाली करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन होगा।
कानूनी उल्लंघन पर कार्रवाई
अगर मकान मालिक या किराएदार आदर्श किराया अधिनियम, 2021 के तहत किसी कानून का उल्लंघन करते हैं, तो वे किराया प्राधिकरण (रेंट अथॉरिटी) के पास अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। रेंट अथॉरिटी के पास शिकायत दर्ज करने से पहले रेंट एग्रीमेंट की जरूरत होती है, क्योंकि यह एक कानूनी दस्तावेज है। इसलिए जब भी किसी के यहाँ किराए पर मकान ले रहे हैं, तो रेंट एग्रीमेंट भी जरुर बनवाएं. अगर राज्य सरकार ने आदर्श किराया अधिनियम को लागू नहीं किया है, तो भी इस तरह के मामलों का हल कोर्ट में हो सकता है।
रेंट एग्रीमेंट का महत्व
रेंट एग्रीमेंट किराएदार और मकान मालिक के बीच एक कानूनी समझौता होता है, जिसमें दोनों पक्षों की शर्तों को स्पष्ट रूप से लिखा जाता है। रेंट एग्रीमेंट में किराया बढ़ाने, एडवांस राशि, मरम्मत, और घर खाली करने के नियम निर्धारित किए जाते हैं। इस दस्तावेज़ की मौजूदगी दोनों पक्षों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करती है।
निष्कर्ष
किराएदार और मकान मालिक दोनों को अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। आदर्श किराया अधिनियम, 2021 दोनों पक्षों के अधिकारों की रक्षा करता है, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था या विवाद से बचा जा सके। इसलिए, रेंट एग्रीमेंट बनवाना और दोनों पक्षों के बीच समझौते को स्पष्ट रूप से लिखना आवश्यक है, ताकि भविष्य में कोई भी समस्या न उत्पन्न हो।