Last Surya Grahan 2024: कब लगेगा साल का आख़िरी सूर्य ग्रहण? भारत में दिखाई देगा या नहीं?
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण?
Last Surya Grahan 2024: हिन्दू धर्म में ग्रहणों का बहुत महत्त्व है. चूंकि, इसका प्रभाव काफ़ी ज़्यादा देश–विदेशों में देखा गया है और देखने को मिलता भी है. बता दें कि इस साल का आख़िरी चन्द्र ग्रहण (lunar eclipse) 18 सितम्बर को लगा था. इस अंतिम चन्द्र ग्रहण का आरम्भ सुबह के 06 बजकर 11 मिनट पर हो गया था. पूर्ण रूप यानी पीक पर यह 8 बजकर 14 मिनट पर हो गया था. इसका समापन सुबह के 10 बजकर 17 मिनट पर हुआ था. बात करते हैं अब सूर्य ग्रहण (solar eclipse) की. खगोलीय घटनाओं से सम्बंधित सूर्य ग्रहण सबसे ज़्यादा चर्चित है. सूर्य ग्रहण को देख पाना इतना ज़्यादा दुर्लभ होता है कि दुनिया भर के लोगों को यह अपनी ओर आकर्षित करता है. धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से देखा जाए तो सूर्य ग्रहण हमेशा ही अमावस्या तिथि को लगता है. सूर्य ग्रहण लगने का यह कारण है कि जब पृथ्वी और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुज़रता है तो कुछ वक़्त के लिए चंद्रमा सूर्य को ढंक लेता है. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगा था. यह सूर्य ग्रहण पूर्ण ग्रहण था जो कि अमेरिका और कनाडा के ऊपर से गुज़रते हुए पूरे उत्तरी अमेरिका में देखा गया था. लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नज़र नहीं आया था.
कब लगेगा आख़िरी सूर्य ग्रहण?
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण अश्विन मास की अमावस्या तिथि को लगने वाला है. इस दिन सर्व पितृ अमावस्या है. यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और इसकी समाप्ति देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर हो जायेगी. बता दें कि इस सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 6 घंटे 4 मिनट तक की होगी. चूंकि, यह ग्रहण रात के समय में लगेगा इसलिए यह भारत में दिखाई नहीं देगा. लेकिन भारत के अलावा यह ग्रह दूसरी जगहों पर देखा जा सकेगा. आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में इसे दक्षिण अमेरिका, ब्राज़ील, चिली, पेरू, होनोलूलू, अर्जेंटीना, न्यूज़ीलैण्ड, मैक्सिको, फिजी, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका, उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर में देखा जा सकेगा. यह सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा यानी कि चंद्रमा पृथ्वी से दूर होगा, जिससे कि सूर्य को पूरी तरह से ढंक नहीं पायेगा. इस दौरान आसमान में एक ‘आग की रिंग‘ दिखाई देगी. आपको बता दें कि साल 2026 तक लगने वाला कोई भी सूर्य ग्रहण भारत में नहीं नज़र आएगा. साल का यह आख़िरी सूर्य ग्रहण वलयाकार (annular) होगा इसलिए इसे नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता है.
सूतक काल का समय
जब सूर्य ग्रहण लगता है तो उसके कुछ घंटे पहले से सूतक काल (sutak) शुरू हो जाता है. यह सूतक काल ग्रहण के समापन के साथ ही ख़तम हो जाता है. चन्द्र ग्रहण में सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है, तो वहीं सूर्य ग्रहण में सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व शुरू होता है. इस लिहाज़ से साल का अंतिम सूर्य ग्रहण जो कि 2 अक्टूबर को लगने वाला है, उसका सूतक काल सुबह 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू हो जाएगा. क्यूंकि, भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, तो ऐसे में सूतक काल माना नहीं जाएगा.