किसान जब दुकान से खाद की खरीद करने जाते हैं तो उन्हें सरकारी रेट से इतर ज्यादा पैसा देना पड़ता है! किसानों को उस समय सबसे ज्यादा परेशानी होती है जब उन्हें अपनी फसलों में खाद डालने के लिए जरूरत होती है. ऐसे में अब कृषि निदेशक ने खाद बेचने वालों को इस साल 750 खाद विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित किये गए हैं. इसके साथ ही 265 विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द भी किये गये हैं.
इस पूरे मामले को लेकर कृषि निदेशक आदेश तिरमारे ने कहा है कि 2020-21 में अब तक 3005 छापेमारी की कार्रवाई की गई है. इस दौरान गंभीर गड़बड़ी करने वाले 85 विक्रेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गई तथा 1050 विक्रताओं से जवाब तलब किया गया है. सीमावर्ती जिलों में उर्वरकों की तस्करी को रोकने तथा कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए इन जिला पदाधिकारिओं को भी सूचित किया गया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यालय स्तर पर जांच दल का गठन किया गया है.
विभाग ने यह निर्देश दिया है कि हर हाल में खाद की बिक्री पॉश मशीन की से जाए. इसके लिए किसान को रसीद भी जी जाती है. इस दौरान कृषि निदेशक ने बताया कि रबी मौसम में कहीं भी खाद की कमी नहीं है. अक्टूबर से दिसंबर तक 7.50 लाख टन यूरिया की जरूत होती है. केंद्र सरकार ने इस बार 7.50 लाख खाद उपलब्ध करा दिया है. इसके उन्होने कहा कि 21 जनवरी को केंद्र की तरफ से 1.64 लाख यूरिया उपलब्ध करा दिया गया है.