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सीमांचल की इतनी सीटों पर महागठबंधन को लगने वाला है झटका

Bihari News

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डीप्टी CM तेजस्वी यादव की जोड़ी को कमजोर करने लिए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कमर कस लिया है. ओवैसी द्वारा यह रणनीति आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र किया गया है. मालूम हो की ओवैसी अभी अपने सिमांचल दौरे पर हैं. ओवैसी अपने इस दौरे में रोड शो करने के साथसाथ जनसभा को भी संबोधित करने वाले हैं. बिहार के सिमांचल का यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल्य क्षेत्र है जहाँ 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी द्वारा अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला था. दरअसल 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने पांच सीटों पर अपनी जीत दर्ज की थी. इसलिए फिर से ओवैसी की नज़र आने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार के सिमांचल क्षेत्र पर टिकी हुई है. कल शाम में हीं ओवैसी सिमांचल के क्षेत्र में पहुंचे थे. आज के हीं दिन पूर्णिया के अमौर जिले में उन्होंने जनसभा को संबोधित किया. किशनगंज के कोचाधामन में भी उनकी रैली होने वाली है. मिली जानकारी के अनुसार किशनगंज के कोचाधाम की यह रैली कल होगी. वहीँ किशनगंज जिले में हीं रैली के बाद ओवैसी लोहागरा और खरखरी में रोड शो करने वाले हैं.

आइये अब अपने आगे के इस चर्चा में हम जानते हैं की आखिर ओवैसी के इस बिहार दौरे का क्या लक्ष्य है. दरअसल बिहार के सिमांचल क्षेत्र की सीटों पर आने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में ओवैसी की नज़र है. बिहार में सिमांचल के इन जिलों में चार जिलें आते हैं. जिनमे अररिया, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया शामिल है. बताते चलें की इन सभी जिलों में मुस्लिम की आबादी अधिक देखने को मिलती है. राजद का भी इस क्षेत्र में कभी अच्छा दबदबा देखने को मिलता था या यूँ कहें की यह क्षेत्र राजद का गढ़ कहा जाने वाला क्षेत्र था. लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में AIMIM पार्टी ने यहाँ पांच सीटों पर अपनी जीत दर्ज कर ली थी. ओवैसी की पार्टी ने यहाँ पांच सीटों पर अपनी जीत दर्ज कर सभी को हक्काबक्का कर दिया था. हाँ लेकिन वो बात अलग है की आगे चल कर AIMIM के चार उम्मीदवारों ने अपना रुख RJD के तरफ मोड़ लिया. ऐसे में फिर से AIMIM सुप्रीमो ओवैसी का सिमांचल दौरा गठबंधन की परेशानियों को बढ़ा सकता है.

क्योंकि इस बार भी 24 विधानसभा की सीटें और चार लोकसभा की सीटों पर महागठबंधन की चुनावी रणीनीति को बिगाड़ने के लिए ओवैसी का खेल शुरू हो चूका है. जरुरी नहीं की सभी सीटों पर ओवैसी की पार्टी अपनी जीत दर्ज कर ले. लेकिन MY यानी मुस्लिम यादव समीकरण के जरिये ओवैसी RJD, JDU और कांग्रेस और अन्य दलों यानी महागठबंधन के वोटबैंक में सेंधमारी जरुर कर सकती है. यदि इस सेंधमारी से महागठबंधन को एक तरफ नुक्सान होता है तो NDA को सीटों का फायदा होना लाजमी है.

आइये अब जानते हैं बिहार के सिमांचल के क्षेत्रों में कटिहार, अररिया, पूर्णिया और किशनगंज जिलें में विधानसभा सीटों को. तो सबसे पहले हम बात करते हैं कटिहार जिले की. यहाँ कदवा, कटिहार, बरारी, बलरामपुर, मनिहारी और प्राणपुर ये छह विधानसभा सीटें हैं. यदि बात करें अररिया की तो यहाँ विधानसभा क्षेत्रों में नरपतगंज, रानीगंज, फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट और सिकटी शामिल है. पूर्णिया में भी छह विधानसभा सीटें हैं. जिनमे अमौर, बेसी, क़स्बा, बनमनखी, रुपौली, धमदाहा और पूर्णिया शामिल है.

तो चलिए अब हम जानते हैं की ओवैसी ने किनकिन पांच विधानसभा सीटों पर अपनी जीत हासिल की. AIMIM के कैंडिडेट सिमांचल में अमौर, कोचाधाम, बहादुरगंज, जोकीहाट और बायसी पर अपनी जीत दर्ज की थी.

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