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महावीर मंदिर का स्पेशल लड्डू- जिसे एक बार खाने से भी नही भरता मन

Bihari News

प्रसाद तो आपने कई जगह खाया होगा. लेकिन आज हम एक ऐसे प्रसाद की बात करने जा रहे जिसे देशविदेश में रहने वाले लोग भी खाना चाहते हैं. यह प्रसाद भगवान् हनुमान जी का मन पसंदिता माना जाता हैं. घी, बेसन, केसर और मेवे से बने इस प्रस्स्द को खाने वाला व्यक्ति ताउम्र इसके स्वाद को याद रखता हैं. इसके स्वाद , शुद्धता और पवित्रता का हर ब्यक्ति कायल हैं. बता दे कि इस प्रसाद को आस्था और श्रद्धा का प्रतिक माना जाता हैं. नमस्कार, मैं प्रज्ञा. बिहारी जायका में आज हम बात करेंगे नैवेद्यम लड्डू की. अगर महावीर मंदिर पटना की पहचान है, तो नैवेद्यम महावीर मंदिर की. नैवेद्यम और महावीर मंदिर का साथ 29 साल का हो चूका हैं. लोग जब इस लड्डू को खाते हैं तो कहते हैं, सभी मिठाईयों का स्वाद एक तरफ और भगवान् को भोग लगाने के बाद नैवेद्यम का स्वाद एक तरफ.

बता दें कि पटना हनुमान मंदिर के नैवेद्यम लड्डू की चर्चा सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है. हनुमान मंदिर में लगे इस लड्डू के भोग को देश के कोनेकोने में पसंद किया जाता है. लोगों का यह मानना है कि महावीर मंदिर में बनाने वाला यह नैवेद्यम लड्डू पूरी तरह से शुद्ध होता हैं. इतना ही नहीं महावीर मंदिर के इस विशेष प्रसाद नैवेद्यम को भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय से सर्टिफिकेट भी दिया गया है. इसकी शुद्धता की गारंटी FSSAI खाद्य सुरक्षा एवं प्राधिकरण के द्वारा ब्लेजफुल हाइजीन आफरिंग टू गॉड का प्रमाणपत्र जारी करते हुए दी गयी है. इस लड्डू को भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय की ओर से भोगसर्टिफिकेट दिया गया है.

इस लड्डू को खाने की चाहत दूरदूर के लोगों को होती हैं. इसलिए अब स्पीड पोस्ट की सहायता से इसे देश के कोनेकोने में भेजा जाता हैं. देश के वैसे तमाम लोग जो पटना के महावीर मंदिर आने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, उनके लिए प्रसाद उनके घर तक पहुंचाने का जिम्मा महावीर मंदिर संस्थान एवं भारतीय डाक विभाग ने अपने कंधों पर उठा लिया है. महज कुछ छोटी सी कीमत अदा कर महावीर मंदिर के प्रसाद को अब आम लोग देश के किसी भी कोने में अपने घर पर मंगा सकते हैं. डाक विभाग के द्वारा आम लोगों को इसके लिए ऑनलाइन आर्डर करना होगा. लड्डू की डिलीवरी 24 से 28 घंटे में देश के किसी भी कोने में की जा सकती हैं. आपको बता दे कि पटना के मशहूर महावीर मंदिर में नैवेद्यम की रिकॉर्ड बिक्री भी हो चुकी हैं. मंदिर के इतिहास में पहली बार अप्रैल 2022 में एक लाख से ज्यादा नैवेद्यम की बिक्री हुई थी. वहीं नैवेद्यम की बिक्री करने से जो भी लाभ मंदिर को प्राप्त होता है उससे महावीर कैंसर संस्थान में इलाज कराने वाले गरीब मरीजों की आर्थिक मददत की जाती हैं. इसलिए हम कह सकते हैं की मंदिर का यह नैवेद्यम प्रसाद न केवल स्वाद में मन को भाने वाला होता हैं, बल्कि इसकी विक्री से लोगों की सहयता भी की जाती हैं.

बताते चले की इससे पहले 9 मंदिरों के प्रसाद को ही FSSAI की ओर से ब्लेजफुल हाइजीन आफरिंग टू गॉड भोग का प्रमाणपत्र दिया गया था. लेकिन अब देश के टॉप-10 मंदिरों के भोग में पटना के महावीर मंदिर में हनुमान जी को लगाया जाने वाला भोग नैवेद्यम भी शामिल हो गया हैं. यह बिहार का पहला और देश का दसवां ऐसा मंदिर है, जहां के प्रसाद को FSSAI के द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया हैं. इस लड्डू को तिरुपति से आये कारीगर के द्वारा बनाया जाता हैं. अगर हम इसके इतीहास को देखे तो, इस लड्डू को मंदिर में प्रसाद के रूप में बनाने का काम साल 1993 में शुरू किया गया था. पटना का यह प्रसाद तिरुपति लड्डू से प्रेरित था और पटना में नैवेद्यम के लड्डू बनाने वाले लगभग सभी दक्षिण भारतीय राज्यों से ही होते हैं. वे हर मौसम में अपने पारंपरिक कपड़ों में काम करते हैं और अपने काम में कुशल होते हैं. वे दशकों से महावीर मंदिर की रसोई में काम कर रहे हैं. पहले उनके पास एक छोटा रसोईघर था जहां ज्यादातर चीजें हाथों से की जाती थीं. लेकिन बढ़ती मांगों के कारण उनकी छोटी रसोईघर एक बड़ी सेटिंग में स्थानांतरित हो गयी हैं. अब कार्डबोर्ड बॉक्स बनाने के अलावा सब कुछ बड़ी मशीनों का उपयोग करके किया जाता है. महावीर मदिर न्यास समिति नैवेद्यम की कुल बिक्री की दस फीसद राशि प्रसाद बनाने वाले कारीगरों को देती है और यही कारण है कि तिरुपति से लोग यहां इस प्रसाद को बनाने आते हैं.

आप में से कईयों को यह पता नही होगा कि इस लड्डू को प्रसाद के रूप में ही ग्रहण करने की परंपरा हैं. बता दे कि नैवेद्यम के हर पैकेट में यह साफ़तौर पर लिखा होता है कि– “नैवेद्यम प्रसाद है, इसको बिना भगवान को चढ़ाये खाना मना है.” ऐसे में इस प्रसाद को खरीदने वाले लोग इस लड्डू को पहले भगवान् को चढ़ाते है और फिर प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. इस लड्डू का निर्माण कर्नाटक में मिलने वाले देशी गायों के घी से ही किया जाता हैं. ताकि इसका स्वाद तिरुपति में मिलने वाली प्रसाद की तरह ही बना रहे.

आइए हम आपको नैवेद्यम लड्डू से जुड़े कुछ फायदे बताते हैं.

1.) नैवेद्यम लड्डू का निर्माण बेसन के द्वारा किया जाता हैं और बेसन में फैट, एनर्जी, प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कॉपर आदि आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं.

2.) इस लड्डू के निर्माण में चीनी का भी इस्तेमाल किया जाता है और चीनी उर्जा स्टोर करने में मदद करती हैं .

3.) नैवेद्यम लड्डू में काजू और बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स भी मिलाया जाता है और ये ड्राई फ्रूट्स ह्रदय स्वास्थ्य में सहायक, हड्डियों के विकास में लाभकारी, दिमाग को स्वस्थ बनता हैं और पाचन तंत्र के लिए भी काफी फायदेमंद होता हैं.

4.) इस लड्डू के निर्माण में शुद्ध घी का उपयोग किया जाता है और घी पाचन तंत्र को साफ़ करने में मदद करता हैं इसके साथ ही खाली पेट घी खाने से यह भूख को लंबे समय तक नियंत्रित करने में मदद करता है.

5.) वहीं इसके निर्माण में दूध का भी इस्तेमाल किया जाता हैं और दूध हड्डियों और माश्पेशियों को काफी लाभ पहुंचता हैं.

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