medical insurance policy: मेडिकल पॉलिसी लेते समय इन बातों का रखें ध्यान

कभी भी किसी को भी किसी अनहोनी का सामना करना पड़ सकता है और इलाज के लिए भारी खर्च का सामना करना पड़ सकता है। कई बार तो इलाज के लिए लोगों को अपनी बचत तक खर्च करनी पड़ती है या फिर कर्ज लेने की स्थिति बन जाती है। यह स्थिति किसी भी व्यक्ति या परिवार के लिए बेहद मुश्किल हो सकती है, क्योंकि एक ओर जहां इलाज पर खर्च होते हैं, वहीं दूसरी ओर परिवार की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होती है। इस तरह की वित्तीय समस्याओं से बचने के लिए एक अच्छी मेडिकल पॉलिसी का होना बेहद जरूरी है।

मेडिकल इंश्योरेंस न केवल इलाज के दौरान होने वाले खर्चों को कवर करता है, बल्कि यह आपको मानसिक शांति भी प्रदान करता है, क्योंकि यह किसी भी अचानक आई स्वास्थ्य समस्या के कारण होने वाले आर्थिक बोझ को हल्का कर सकता है। हालांकि, मेडिकल इंश्योरेंस लेते समय कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए, ताकि आप सही पॉलिसी का चयन कर सकें और भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी से बच सकें।

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पॉलिसी कवरेज पर ध्यान दें:

मेडिकल पॉलिसी खरीदने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि आपकी पॉलिसी में कौनकौन से मेडिकल खर्चे शामिल हैं। क्या आपके पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती होने के खर्च, सर्जरी, दवाइयां और डायग्नोस्टिक टेस्ट कवर किए जाते हैं? इसके अलावा, क्या पॉलिसी में प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्च भी शामिल हैं? प्री हॉस्पिटलाइजेशन खर्चों का मतलब है अस्पताल में भर्ती होने से पहले की दवाइयों और जांच का खर्च, जबकि पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्च का मतलब है इलाज के बाद की दवाइयों और चिकित्सा सेवाओं का खर्च। इन दोनों प्रकार के खर्चों को कवर करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इलाज के बाद भी खर्च हो सकते हैं।

वेटिंग पीरियड का ध्यान रखें:

कई बीमा कंपनियां कुछ बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड तय करती हैं। इसका मतलब यह है कि किसी विशेष बीमारी के लिए पॉलिसी के लागू होने के बाद आपको कुछ समय तक दावा नहीं कर सकते। यह वेटिंग पीरियड आमतौर पर 2 से 3 साल तक हो सकता है। इसलिए, पॉलिसी लेते समय आपको यह जानना चाहिए कि किस बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड तय किया गया है। इससे आप भविष्य में किसी भी परेशानी से बच सकते हैं, क्योंकि यदि आप वेटिंग पीरियड की जानकारी नहीं रखते, तो आप तत्काल इलाज के लिए पॉलिसी का लाभ नहीं उठा सकेंगे।

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अस्पतालों के नेटवर्क का पता करें:

मेडिकल पॉलिसी लेते समय यह भी जरूरी है कि आप उस पॉलिसी के नेटवर्क अस्पतालों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। सुनिश्चित करें कि आपके पास इलाज के लिए पास के प्रमुख अस्पतालों की सूची हो, क्योंकि किसी इमरजेंसी के समय दूरदूर के अस्पतालों में इलाज कराने से आपको परेशानी हो सकती है।

कैशलेस क्लेम की सुविधा:

कैशलेस क्लेम की सुविधा मेडिकल पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए। इस सुविधा के तहत, आपको अस्पताल में इलाज के लिए खर्चों का तुरंत भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती है। पॉलिसी प्रदाता और अस्पताल के बीच एक समझौता होता है, जिससे आप इलाज के दौरान बिना पैसे खर्च किए पॉलिसी का लाभ उठा सकते हैं। विशेषकर इमरजेंसी परिस्थितियों में यह सुविधा बहुत काम आती है, क्योंकि इससे आपको अस्पताल में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

पॉलिसी की कीमत पर विचार करें:

जब आप मेडिकल पॉलिसी लेते हैं, तो पॉलिसी की कीमत पर भी ध्यान देना जरूरी है। यह समझना जरूरी है कि आपको कितनी प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा और क्या वह आपकी आर्थिक स्थिति के अनुरूप है। हालांकि, पॉलिसी का सस्ता होना जरूरी नहीं कि सबसे बेहतर हो, लेकिन आपको अपनी जरूरतों के हिसाब से एक संतुलित पॉलिसी का चयन करना चाहिए, जिसमें आपके सभी आवश्यक कवरेज कवर हों।

निष्कर्ष:

मेडिकल पॉलिसी एक महत्वपूर्ण निवेश है, जो आपको स्वास्थ्य संबंधी आकस्मिक खर्चों से बचने में मदद करती है। लेकिन इसे खरीदते समय आपको पॉलिसी के कवरेज, वेटिंग पीरियड, नेटवर्क अस्पतालों, कैशलेस क्लेम की सुविधा, और पॉलिसी की कीमत पर ध्यान देना जरूरी है। यह सुनिश्चित करने से आपको भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में सहायता मिलेगी और आप मानसिक शांति से इलाज करवा सकेंगे।

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