Minister Dilip Jaisawal Warning: मंत्री दिलीप जायसवाल ने अंचल पदाधिकारियों को लगायी फटकार, आवेदन नामंज़ूर करने पर होगी कार्रवाई
मंत्री ने लगायी फटकार
Minister Dilip Jaisawal Warning: बीते बुधवार को बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री (Minister of Revenue and Land Reforms) दिलीप कुमार जायसवाल ने जमकर अंचल पदाधिकारियों को फटकार लगायी है. बता दें कि मंत्री दिलीप जायसवाल ने दाख़िल–ख़ारिज को लेकर बुधवार को एक समीक्षा बैठक की थी, जिसमें राज्य के अंचल पदाधिकारी शामिल हुए थे. इस समीक्षा बैठक में यह ख़ुलासा हुआ कि कुछ अंचल पदाधिकारी इरादतन रैयतों के आवेदन को मंज़ूर नहीं करते हैं. जिसके एवज में मंत्री दिलीप जायसवाल ने सभी अंचल पदाधिकारियों को चेताया है. दाख़िल ख़ारिज में कोताही करने वाले अंचल पदाधिकारियों को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने सख़्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. मंत्री जायसवाल ने कहा कि यदि कोई भी अंचल पदाधिकारी जानबूझकर रैयतों के दाख़िल ख़ारिज को वक़्त रहते मंज़ूरी नहीं देते हैं तो निश्चित तौर पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इसी सिलसिले में कल यानी बुधवार को मंत्री ने समीक्षा बैठक की थी.
पदाधिकारियों के खिलाफ़ की जायेगी कार्रवाई
बुधवार की समीक्षा बैठक में मंत्री दिलीप जायसवाल ने नाराज़गी भरे लहज़े में कहा कि राजस्व विभाग की योजनाओं और ख़ासतौर से म्युटेशन के आवेदनों को जानते–बुझते हुए ना लटकाया जाए. वैसे पदाधिकारी जो जान–बुझकर आवेदनों को मंज़ूर नहीं कर रहे हैं, उन पदाधिकारियों की पहचान करने के बाद उनके खिलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जायेगी. अभी योजनाओं के निर्वहन में लोगों की मदद करने की ज़रूरत है. मंत्री जायसवाल ने रैयतों के द्वारा दाख़िल–ख़ारिज के अटके हुए ऑनलाइन आवेदनों पर बेहद नाराज़गी जताई है और यह भी कहा कि जितने भी अंचल अधिकारियों ने आवेदनों को लटकाया हुआ है, वें जल्द से जल्द लंबित आवेदनों का निपटारा करें. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह भी इस समीक्षा बैठक में शामिल हुए थे. उन्होंने लंबित आवेदनों का निपटारा करने के लिए अंचल पदाधिकारियों को अक्टूबर के आख़िर तक का समय दिया है और स्पष्ट अल्फाज़ों में कह दिया है कि अक्टूबर महीना ख़तम होने तक अटके हुए आवेदनों में 50 फ़ीसदी तक कमी आनी चाहिए. फ़िल्हाल, दाख़िल ख़ारिज के 6 लाख़ आवेदन लंबित पाए गए हैं. आने वाले महीनों में इनकी संख्या घटकर 2 लाख़ हो जानी चाहिए. अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह द्वारा यह बयान भी सामने आया है कि विभाग के अधिकारियों को सभी आवेदन, जिसको नामंज़ूर करके लौटा दिया गया है, सब की रैंडम जांच होगी, जिसके लिए आदेश भी जारी किया जा चुका है. इससे यह पता लग जाएगा कि अंचल पदाधिकारियों ने वाकई में जानबूझ कर आवेदनों को अस्वीकार किया है या फ़िर इस सबके पीछे कोई सही वजह थी. पटना में हुए इस राजस्तरीय बैठक में बिहार के 170 अंचल पदाधिकारी शरीक हुए थे.
पटना सदर अंचल का ख़राब प्रदर्शन
राज्य में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा सभी 45000 ग्रामों में ज़मीन सर्वे का कार्य चल रहा है. रैयतों को ज़मीन से सम्बंधित कागज़ात आसानी से मिल सकें, इसके लिए विभाग ने डिजिटलाइजेशन पर ध्यान देते हुए जमाबंदी, खतियान, ज़मीन के नक़्शे और दाख़िल ख़ारिज से जुड़ी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया है. बता दें कि इन आवेदनों के निपटारे में राजधानी पटना के सदर अंचल का प्रदर्शन बहुत ख़राब है. यहां लगभग 44 फ़ीसदी तक आवेदन लंबित पाए गए हैं.
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